चीता संरक्षण परिसर: मध्य प्रदेश, राजस्थान और यूपी में बनने वाला अंतरराज्यीय चीता संरक्षण क्षेत्र
चीता संरक्षण परिसर का निर्माण किया जाना है, जिसमें मध्य प्रदेश के आठ, राजस्थान के सात और उत्तर प्रदेश के दो जिलों को शामिल किया जाएगा। इसके साथ ही अगले पाँच वर्षों के भीतर कूनो से गांधी सागर के बीच चीता कॉरिडोर बनाने का काम भी शुरू किया जाएगा। ‘प्रोजेक्ट चीता’ की २०२३-२४ की वार्षिक प्रगति रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है।
‘प्रोजेक्ट चीता’ के दो साल पूरे होने पर १७ सितंबर को राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण की ओर से जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि इस वर्ष के अंत तक गांधी सागर वन्यजीव अभयारण्य में चीतों का एक नया समूह लाए जाने की संभावना है और उन्हें अगले पाँच वर्षों तक खुले वातावरण में छोड़ा जाएगा। ‘गांधी सागर में चीता लाने की कार्य योजना’ के अनुसार, पहले चरण में पाँच से आठ चीतों को ६४ वर्ग किलोमीटर के शिकारी-रोधी बाड़ वाले क्षेत्र में छोड़ा जाएगा, जिसमें उनका प्रजनन प्राथमिकता होगी।
रिपोर्ट में बताया गया है कि मध्य प्रदेश और राजस्थान की अंतरराज्यीय सीमा पर ये दोनों स्थल एक-दूसरे से सटे हुए हैं। इसमें यह भी कहा गया है कि ‘प्रोजेक्ट चीता’ के तहत देश का लक्ष्य अगले पच्चीस वर्षों के भीतर मध्य प्रदेश और राजस्थान के कूनो-गांधी सागर परिक्षेत्र में एक अंतरराज्यीय चीता संरक्षण परिसर का निर्माण करना है।
यह कूनो-गांधी सागर परिक्षेत्र मध्य प्रदेश के श्योपुर, शिवपुरी, ग्वालियर, मुरैना, गुना, अशोकनगर, मंदसौर और नीमच जिलों तथा राजस्थान के बारां, सवाई माधोपुर, करौली, कोटा, झालावाड़, बूंदी और चित्तौड़गढ़ जिलों में स्थित है। रिपोर्ट के अनुसार, इस क्षेत्र से सटे मध्य प्रदेश के भिंड और दतिया जिले, राजस्थान के धौलपुर और उत्तर प्रदेश के ललितपुर तथा झांसी को भी इस परिसर का हिस्सा बनाया जाएगा, जो इस बात पर निर्भर करेगा कि चीते इस क्षेत्र का किस प्रकार उपयोग करते हैं।
अधिकारी ३६८ वर्ग किलोमीटर के गांधी सागर वन्यजीव अभयारण्य को चीतों के अगले समूह के लिए तैयार करने में जुटे हुए हैं, जबकि कूनो में चीते केवल ०.५ से १.५ वर्ग किलोमीटर के आकार वाले बाड़ों के अंदर ही सीमित रह रहे हैं। अधिकारियों के अनुसार, तीन चीतों — एक मादा टिबिलिसी (नामीबिया से) और दो दक्षिण अफ्रीकी नर चीतों तेजस और सोराज — की ‘सेप्टीसीमिया’ से मौत के बाद जानवरों को उनके बाड़ों में वापस लाया गया था। ‘सेप्टीसीमिया’ एक संक्रमण है जो तब होता है जब बैक्टीरिया रक्तप्रवाह में प्रवेश कर पूरे शरीर में फैलते हैं।