प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना के तहत लगेगा विशेष कृषि शिविर
रायपुर, 08 दिसंबर 2025। प्रधानमंत्री धन–धान्य कृषि योजना (PMDDKY) सरकार की एक महत्त्वपूर्ण पहल है, जिसे वर्ष 2025-26 से लागू किया गया है। इसका उद्देश्य देश के कम प्रदर्शन वाले कृषि जिलों में किसानों की आय बढ़ाना और कृषि उत्पादकता में सुधार करना है। इस मिशन के लिए 11 मंत्रालयों की 36 योजनाओं को एकीकृत किया गया है, जिनका मुख्य फोकस सिंचाई, भंडारण, आसान ऋण, फसल विविधीकरण तथा कृषि–संबद्ध व्यवसायों को बढ़ावा देना है। इस योजना से किसानों को आत्मनिर्भर बनाने और देश को दालों सहित कई फसलों में आत्मनिर्भर करने के लक्ष्य को समर्थन मिलता है।
योजना के तहत जशपुर जिले में रबी फसलों की आधुनिक तकनीक, मत्स्यपालन, पशुपालन और अन्य कृषि–संबद्ध गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए हर समिति में विशेष प्रशिक्षण शिविर आयोजित किए जा रहे हैं।
किसानों को आधुनिक खेती से जोड़कर लाभान्वित करना
शिविरों में जशपुर जिले के उत्कृष्ट और प्रगतिशील कृषकों को प्रशिक्षक के रूप में जोड़ा गया है। ये कृषक आधुनिक तकनीकों का उपयोग करके अधिक उत्पादन और बेहतर आय अर्जित कर रहे हैं। प्रशिक्षण के दौरान वे अपनी खेती के अनुभव, चुनौतियाँ और सरकारी योजनाओं से मिले लाभों को अन्य किसानों के साथ साझा करेंगे, जिससे अधिक किसान वैज्ञानिक पद्धति अपनाने के लिए प्रेरित हों।
कृषि विभाग के अधिकारी किसानों को सरकारी योजनाओं, अनुदान प्राप्ति प्रक्रिया, वैज्ञानिक खेती पद्धतियों और व्यावहारिक मार्गदर्शन से अवगत कराएंगे। शिविरों में कृषि विज्ञान केंद्र और कृषि महाविद्यालय के वैज्ञानिक भी मौजूद रहेंगे, जो किसानों को उन्नत कृषि तकनीकों के बारे में समझाएंगे।
दलहन–तिलहन उत्पादक किसानों के लिए समर्थन मूल्य का लाभ
जशपुर जिले में कुल 9 आदिम जाति सेवा सहकारी समितियाँ पंजीकृत हैं। दलहन–तिलहन उत्पादक किसान अपनी उड़द, मूंग और मूंगफली को बाजार मूल्य कम होने की स्थिति में न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर बेच सकते हैं।
प्रशासन ने किसानों से अपील की है कि वे एकीकृत किसान पोर्टल पर अनिवार्य रूप से पंजीयन कराएँ। पंजीयन में सहायता के लिए संबंधित ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी से संपर्क किया जा सकता है।
किसान संगठन से जुड़कर आय में कर सकते हैं वृद्धि
शिविरों में जिले के प्रत्येक विकासखंड के कृषक उत्पादक संगठन (FPO) के प्रतिनिधि भी उपस्थित रहेंगे। जो किसान अभी तक किसी FPO से नहीं जुड़े हैं, वे शिविर में जानकारी प्राप्त कर सदस्यता के लिए आवेदन कर सकते हैं।
FPO से जुड़कर किसान:
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आधुनिक तकनीक सीख सकते हैं
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समूह विपणन का लाभ उठा सकते हैं
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सामूहिक खरीद–फरोख्त के माध्यम से लागत घटा सकते हैं
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अपनी आय दोगुनी करने की दिशा में मजबूत कदम बढ़ा सकते हैं
