दशकों की प्रतीक्षा खत्म, कोंडापल्ली गांव में पहली बार मोबाइल नेटवर्क पहुंचा, उत्सव जैसा माहौल
रायपुर, 05 दिसंबर 2025। देश भर में जहां दूरसंचार, बिजली और सड़क जैसी मूलभूत सुविधाएं सामान्य जीवन का आधार बन चुकी हैं, वहीं बस्तर संभाग के कुछ सुदूर वनांचल अब भी इन सुविधाओं के बिना जी रहे थे। इन्हीं इलाकों में से एक, बीजापुर जिले का ग्राम कोंडापल्ली, इतिहास के उस क्षण का साक्षी बना जब गाँव में पहली बार मोबाइल नेटवर्क पहुँचा। यह केवल तकनीकी बदलाव नहीं था, बल्कि दशकों से दुनिया से कटे ग्रामीणों के लिए उम्मीद का नया सूर्योदय था।
कोंडापल्ली छत्तीसगढ़ और तेलंगाना की सीमा पर स्थित घने वनांचल का हिस्सा है। यहां वर्षों तक सड़क, बिजली और पेयजल जैसी सुविधाएं पहुँच नहीं सकीं। ऐसे माहौल में मोबाइल टॉवर की स्थापना ने गाँव को पहली बार बाहरी दुनिया से जोड़ने का द्वार खोल दिया। जैसे ही नेटवर्क सक्रिय होने की घोषणा हुई, पूरा गाँव उत्साह से भर उठा। महिलाएं, पुरुष, बच्चे सभी पारंपरिक वेशभूषा में ढोल-माँदर की थाप पर नाचते हुए रैली के रूप में टॉवर स्थल तक पहुँचे। स्थानीय परंपरा के अनुसार पूजा-अर्चना की गई और माहौल उत्सव जैसा हो गया।
इस खुशी में सिर्फ कोंडापल्ली तक सीमित लोग ही नहीं, बल्कि आसपास के कई गांवों के लोग भी शामिल हुए। ग्रामीणों ने कहा कि यह उनके लिए केवल तकनीकी सुविधा नहीं, बल्कि दुनिया से पहला सीधा संपर्क है। सुरक्षा बलों के जवान भी इस ऐतिहासिक मौके में शामिल हुए और मिठाई बांटकर खुशियां साझा कीं।
अब जब गाँव में मोबाइल नेटवर्क आ गया है, तो बैंकिंग, आधार सेवाएं, राशन व्यवस्था, स्वास्थ्य योजनाएं, पेंशन प्रक्रिया और शिक्षा जैसी कई सुविधाएं पहली बार आसान होंगी। जो सेवाएं सालों तक दूर नजर आती थीं, वही अब ग्रामीणों के हाथों की पहुंच में होंगी।
नियद नेल्ला नार योजना, जिसे मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में संचालित किया जा रहा है, का उद्देश्य सुदूर और संवेदनशील इलाकों में बुनियादी सुविधाएं पहुंचाकर लोगों को मुख्यधारा से जोड़ना है। योजना के तहत सड़क, बिजली, शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल, संचार और बैंकिंग सेवाओं को तेजी से गाँवों तक पहुंचाया जा रहा है। इसके दायरे में 69 नवीन कैम्पों के आसपास आने वाले 403 ग्राम शामिल हैं, जहां 9 विभागों की 18 सामुदायिक सेवाएं और 11 विभागों की 25 व्यक्तिमूलक योजनाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं, ताकि कोई भी परिवार मूलभूत सुविधाओं से वंचित न रहे।
यह क्षेत्र संचार अधोसंरचना में तेज बदलाव देख रहा है। पिछले दो वर्षों में यहां 728 मोबाइल टॉवर स्थापित किए गए हैं, जिनमें 116 टॉवर एलडब्ल्यूई कार्यक्रम के तहत, 115 आकांक्षी जिलों में और 467 टॉवर 4G नेटवर्क के रूप में लगाए गए। साथ ही 449 पुराने टॉवरों को 2G से 4G में अपग्रेड किया गया। इस बड़े विस्तार ने सुदूर गाँवों के लिए डिजिटल कनेक्टिविटी को हकीकत बनाया है।
कोंडापल्ली में बदलाव की गति दिसम्बर 2024 में कैम्प स्थापित होने के बाद और तेज हुई। प्रशासन पहली बार नियमित रूप से गाँव तक पहुंचने लगा। वर्षों से बंद पड़ी सड़क के पुनर्निर्माण का काम बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन ने संभाला है और लगभग 50 किलोमीटर सड़क निर्माण प्रगति पर है। दो महीने पहले ही गाँव में पहली बार बिजली पहुँची, जिससे बच्चों की पढ़ाई, छोटे व्यवसायों और ग्रामीण दिनचर्या में उल्लेखनीय सकारात्मक बदलाव दिखाई दे रहा है। सेचुरेशन शिविरों के माध्यम से सभी योजनाओं का लाभ अब सीधे लोगों तक पहुंचाया जा रहा है।
मोबाइल नेटवर्क का पहुँचना कोंडापल्ली के लिए सिर्फ एक तकनीकी उपलब्धि नहीं, बल्कि विश्वास, विकास और नई संभावनाओं के युग की शुरुआत है। यह संदेश देता है कि जो इलाके दशकों से प्रतीक्षा में थे, वहाँ भी अब विकास की किरणें पहुंचने लगी हैं। सरकार का उद्देश्य है कि बस्तर का हर गांव और हर परिवार आधुनिक सुविधाओं से जुड़े और अवसरों के नए द्वार उनके लिए खुलें।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि कोंडापल्ली में मोबाइल नेटवर्क का पहुँचना केवल टॉवर का खड़ा होना नहीं है, यह उन लोगों के सपनों का उठ खड़ा होना है जो वर्षों से दुनिया से कटे हुए थे। यह शुरुआत है विश्वास की, बदलाव की और नई संभावनाओं की।
