डिजिटल छत्तीसगढ़ की सफलता: सोनम त्रिपाठी ने ऑनलाइन पूरा किया महत्वपूर्ण सरकारी कार्य
रायपुर, 29 नवम्बर 2025/ डिजिटल भारत अभियान और छत्तीसगढ़ शासन की ई-सेवाओं ने आम नागरिकों के जीवन को न सिर्फ आसान बनाया है, बल्कि समय, मेहनत और संसाधनों की बड़ी बचत भी सुनिश्चित की है। भुवनेश्वर में रहने वाली सोनम त्रिपाठी का अनुभव इसका जीवंत उदाहरण है। उन्होंने डिजिटल सेवाओं के सहारे अपने दिवंगत पिता का डिजिटल मृत्यु प्रमाणपत्र प्राप्त किया और अपनी बीमार माताजी के बैंक खाते को बिना किसी परेशानी के भुवनेश्वर में स्थानांतरित करवा लिया।
विवाह के बाद भुवनेश्वर में रह रहीं सोनम त्रिपाठी के माता-पिता बिलासपुर में रहते थे। पिता के निधन के बाद नगरपालिका बिलासपुर ने मृत्यु प्रमाणपत्र जारी किया, लेकिन जब उनकी माताजी की तबीयत बिगड़ने पर उन्हें भुवनेश्वर ले जाना पड़ा, तो बैंक खाते के ट्रांसफर में पिता का डिजिटल मृत्यु प्रमाणपत्र आवश्यक बताया गया। इसकी जानकारी न होने के कारण प्रक्रिया कुछ समय के लिए रुक गई और परिवार असमंजस में पड़ गया।
इंटरनेट और डिजिटल छत्तीसगढ़ का मिला सहारा
सोनम त्रिपाठी ने समाधान की तलाश शुरू की और इंटरनेट के माध्यम से छत्तीसगढ़ के जन्म-मृत्यु पंजीकरण कार्यालय का संपर्क नंबर प्राप्त किया। भुवनेश्वर से ही उन्होंने संबंधित कर्मचारी से संपर्क किया। कार्यालय कर्मी ने दस्तावेजों की आवश्यकता, ऑनलाइन प्रक्रिया और प्रमाणपत्र प्राप्ति के चरणों की स्पष्ट जानकारी दी। डिजिटल व्यवस्था के कारण कुछ ही दिनों में उन्हें पिता का डिजिटल मृत्यु प्रमाणपत्र ऑनलाइन प्राप्त हो गया और बैंक की सभी औपचारिकताएँ तुरंत पूरी हो गईं।
सोनम त्रिपाठी का कहना है कि यदि उन्हें डिजिटल प्रक्रिया की जानकारी पहले मिल जाती, तो उनका काम और भी जल्दी हो जाता। वे कहती हैं कि बैंकिंग, सरकारी सहायता, संपत्ति और पेंशन से जुड़े कार्यों में किसी परेशानी से बचने के लिए ऐसे दस्तावेज़ समय रहते बनवा लेना चाहिए। भुवनेश्वर में रहते हुए उन्होंने पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन पूरी की और प्रमाणपत्र आसानी से प्राप्त हो गया। यह उदाहरण दिखाता है कि सूचना की उपलब्धता और सरकारी सेवाओं का डिजिटलीकरण किस प्रकार जटिल कामों को भी सरल और तेज बना देता है।
डिजिटल छत्तीसगढ़: हर नागरिक के ‘एक क्लिक’ पर सरकारी सेवाएँ
पिछले कुछ वर्षों में जन्म-मृत्यु पंजीकरण, प्रमाणपत्र उपलब्धता, शिकायत निवारण और अन्य सेवाओं के डिजिटलीकरण ने छत्तीसगढ़ में आम नागरिकों की सुविधा को कई गुना बढ़ाया है। बिलासपुर से लेकर बस्तर तक लोग घर बैठे प्रमाणपत्र, आवेदन स्थिति और अन्य सेवाओं का लाभ उठा पा रहे हैं। इससे समय, ऊर्जा और संसाधनों की बचत होने के साथ-साथ प्रक्रियाएँ अधिक पारदर्शी और विश्वसनीय बनी हैं।
सोनम त्रिपाठी की यह कहानी उन नागरिकों के लिए प्रेरणा है जो पारंपरिक प्रक्रियाओं की कठिनाइयों से जूझते हैं। यह उदाहरण सिद्ध करता है कि आधुनिक तकनीक, समय पर मिली जानकारी और सहयोगी प्रशासन की मदद से कोई भी महत्वपूर्ण कार्य शीघ्रता और सरलता से पूरा किया जा सकता है।
छत्तीसगढ़ की डिजिटल सेवाएँ अब आम नागरिकों के जीवन में वास्तविक बदलाव ला रही हैं। भुवनेश्वर में रहते हुए भी सोनम त्रिपाठी ने बिलासपुर से अपने दिवंगत पिता का डिजिटल मृत्यु प्रमाणपत्र प्राप्त किया और माताजी के बैंक खाते का ट्रांसफर बिना किसी कठिनाई के पूरा किया—यह ई-गवर्नेंस सिस्टम की पारदर्शिता, विश्वसनीयता और दक्षता का प्रमाण है। “डिजिटल छत्तीसगढ़” का उद्देश्य ही है कि हर नागरिक को घर बैठे, एक क्लिक में, तेज और सरल तरीके से सरकारी सेवाएँ उपलब्ध हों। सोनम त्रिपाठी का यह अनुभव डिजिटल भारत अभियान और राज्य सरकार की नागरिक-केंद्रित कार्यशैली की सफलता को रेखांकित करता है।
— मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय
