माओवादी हिंसा से उभरकर आत्मनिर्भरता तक: सरोज पोडियाम की प्रेरक कहानी
रायपुर, 27 नवंबर 2025 / सुकमा जिले की निवासी सरोज पोडियाम माओवाद हिंसा से प्रभावित परिवार से आती हैं। वर्ष 2009 में माओवादियों ने उनके ससुर की हत्या कर दी थी, जिससे परिवार अचानक गंभीर आर्थिक संकट में घिर गया। ऐसी कठिन परिस्थिति में शासन ने संवेदनशीलता दिखाते हुए नवा बिहान योजना के तहत उन्हें आवास उपलब्ध कराया और उनके पति राकेश पोडियाम को नगर सैनिक (सिपाही) के पद पर नियुक्त किया। इससे परिवार को सुरक्षा, स्थिरता और आजीविका का नया आधार मिला।
सरोज पहले से ही घर पर सिलाई का काम करती थीं, लेकिन पूंजी की कमी के कारण वे अपने व्यवसाय का विस्तार नहीं कर पा रही थीं। जब उन्हें प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना (PM SVANidhi) की जानकारी मिली, तो उन्होंने इसे एक नए अवसर के रूप में देखा और आवेदन किया।
24 नवंबर को स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, सुकमा ने उन्हें 15,000 रुपये का ऋण स्वीकृत किया। यह चेक मुख्य नगर पालिका अधिकारी पी.आर. कोर्राम और नगर पालिका परिषद सुकमा के अध्यक्ष हूँगा राम मरकाम द्वारा प्रदान किया गया।
ऋण मिलने के बाद सरोज ने अपने सिलाई व्यवसाय को नए उत्साह और आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ाया। आज वे सिलाई के काम से परिवार का भरण-पोषण कर रही हैं और एक आत्मनिर्भर, सशक्त और प्रेरक महिला के रूप में उभरकर सामने आई हैं। सरकारी सहायता और अपनी मेहनत के बल पर उन्होंने न केवल अपनी आर्थिक स्थिति सुधारी, बल्कि यह भी साबित किया कि दृढ़ संकल्प किसी भी चुनौती को अवसर में बदल सकता है।
सरोज कहती हैं कि सही मार्गदर्शन, सरकारी योजनाओं का लाभ और निरंतर मेहनत ने उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव लाया है। उनकी कहानी यह बताती है कि यदि सहायता और इच्छाशक्ति दोनों साथ हों, तो सबसे कठिन परिस्थितियों से भी उबरकर आगे बढ़ा जा सकता है।
