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छत्तीसगढ़ निवेश का नया केंद्र, दिल्ली के इन्वेस्टर कनेक्ट में मिला 6800 करोड़ से अधिक का प्रस्ताव: मुख्यमंत्री साय

दिल्ली में आयोजित इन्वेस्टर कनेक्ट कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ ने एक बार फिर निवेशकों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया। स्टील, ऊर्जा, पर्यटन और विनिर्माण क्षेत्र की कई बड़ी कंपनियों ने प्रदेश में औद्योगिक परियोजनाएँ स्थापित करने, उत्पादन क्षमता बढ़ाने और नए पर्यटन स्थलों के विकास के लिए 6800 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्रस्ताव प्रस्तुत किए। इन प्रस्तावों से आने वाले समय में 3000 से अधिक नए रोजगार सृजित होने की उम्मीद जताई जा रही है। इससे पहले मिले निवेश प्रस्तावों को मिलाकर छत्तीसगढ़ अब तक 7.90 लाख करोड़ रुपये के कुल निवेश इरादों को आकर्षित कर चुका है।

कार्यक्रम राजधानी दिल्ली के होटल द ललित में आयोजित किया गया, जिसमें स्टील और पर्यटन क्षेत्र के नए अवसरों पर विशेष रूप से फोकस किया गया। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने निवेशकों के साथ संवाद करते हुए छत्तीसगढ़ को देश का सबसे भरोसेमंद और तेजी से उभरता औद्योगिक गंतव्य बताया। उन्होंने कहा कि राज्य में ऊर्जा संसाधन, खनिज संपदा, प्रशिक्षित मानव संसाधन और निवेशक हितैषी नीतियाँ उद्योगों के लिए बेहद अनुकूल माहौल तैयार करती हैं।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि सिंगल विंडो सिस्टम के माध्यम से उद्योग को आवश्यक स्वीकृतियाँ अब पहले की तुलना में अधिक तेजी और पारदर्शिता के साथ जारी हो रही हैं। खनिज संपदा—जैसे कोयला, लौह अयस्क, टिन, बॉक्साइट, और हाल ही में खोजे गए लिथियम—छत्तीसगढ़ को बड़े विनिर्माण केंद्र के रूप में विकसित करने की क्षमता बढ़ाते हैं। उन्होंने बताया कि हाल ही में आयोजित ‘एनर्जी समिट’ में भी राज्य को साढ़े तीन लाख करोड़ रुपये से अधिक के प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं।

स्टील सेक्टर का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि भिलाई स्टील प्लांट और नगरनार स्टील प्लांट ने प्रदेश की औद्योगिक पहचान को सुदृढ़ किया है। ग्रीन स्टील और नवीकरणीय ऊर्जा की दिशा में भी छत्तीसगढ़ तेजी से आगे बढ़ रहा है, जो नेट जीरो लक्ष्य हासिल करने में सहायक होगा।

पर्यटन क्षेत्र पर बोलते हुए मुख्यमंत्री साय ने कहा कि बस्तर अब विकास की नई पहचान बन रहा है। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा, सड़क और इंटरनेट सुविधाओं में सुधार के कारण बस्तर पर्यटन एवं निवेश दोनों के लिए नया आकर्षण बनकर उभरा है। उनका लक्ष्य है कि 26 मार्च 2026 तक बस्तर को पूर्णत: नक्सल-मुक्त किया जाए। उन्होंने बताया कि पर्यटन को उद्योग का दर्जा देने और होम-स्टे, जनजातीय पर्यटन तथा सस्टेनेबल टूरिज़्म को बढ़ावा देने पर राज्य सरकार विशेष ध्यान दे रही है।

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कार्यक्रम में उद्योग मंत्री लखनलाल देवांगन, केंद्र सरकार के वरिष्ठ अधिकारी, सीएसआईडीसी और पर्यटन मंडल के प्रतिनिधि सहित कई उद्योग जगत के दिग्गज शामिल हुए।

 छत्तीसगढ़ को मिले प्रमुख औद्योगिक निवेश प्रस्ताव

  • ग्रीन एनर्जी इनोवेशन प्राइवेट लिमिटेड
    50 मेगावॉट वेस्ट-टू-एनर्जी प्लांट के लिए ₹3,769 करोड़ का निवेश प्रस्ताव; 150 लोगों को रोजगार।

  • आरती कोटेड स्टील
    ₹315 करोड़ का निवेश; 550 रोजगार की संभावना।

  • एसडीआरएम मेटैलिक्स प्राइवेट लिमिटेड
    स्टील प्लांट और पावर यूनिट के लिए ₹195.75 करोड़ का प्रस्ताव; लगभग 492 रोजगार।

  • आरएसएलडी बायोफ्यूल प्राइवेट लिमिटेड, चंडीगढ़
    इथेनॉल प्लांट हेतु ₹200 करोड़ निवेश; 213 रोजगार अवसर।

  • जे.के. लक्ष्मी सीमेंट, राजस्थान
    क्षमता विस्तार के लिए ₹1816.5 करोड़ निवेश; 110 रोजगार।

  • अरमानी ग्रुप ऑफ इंडस्ट्रीज़, रायपुर
    मेडिकल इलेक्ट्रॉनिक उपकरण निर्माण के लिए ₹25 करोड़; 200 युवाओं को रोजगार।

 पर्यटन क्षेत्र में मिले 505 करोड़ के प्रस्ताव

  • मार्स विवान प्राइवेट लिमिटेड, रायपुर
    217 कमरों वाले होटल के लिए ₹220 करोड़ निवेश; 522 रोजगार।

  • हार्टफुलनेस इंस्टीट्यूट, तेलंगाना
    वेलनेस रिसॉर्ट और शिक्षा केंद्र के लिए ₹200 करोड़ निवेश।

  • विद्या इन, जशपुर
    52 कमरों के होटल के लिए ₹25 करोड़ निवेश।

  • पीएसए रिज़ॉर्ट, जगदलपुर
    150 कमरों वाले एडवेंचर होटल और रिसॉर्ट के लिए ₹60 करोड़ निवेश; 200 लोगों को रोजगार।

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इस कार्यक्रम ने एक बार फिर साबित किया कि छत्तीसगढ़ देश के सबसे तेजी से विकसित हो रहे निवेश और पर्यटन केंद्रों में अपनी मजबूत जगह बना चुका है।