गरियाबंद जिला को जल संचय और जनभागीदारी में मिला राष्ट्रीय स्तर पर तीसरा स्थान
छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले को जल संचय और जनभागीदारी के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्यों के लिए जो़न-1, केटेगरी-2 में देश में तीसरा स्थान प्राप्त हुआ है। इस सम्मान के तहत जिले को एक करोड़ रुपए का पुरस्कार भी प्रदान किया गया।
दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित समारोह में राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने जिले के कलेक्टर श्री बी. एस. उइके के हाथों यह पुरस्कार प्रदान किया। इस उपलब्धि पर मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने गरियाबंद जिला व सभी विभागों को बधाई और शुभकामनाएं दी।
समारोह में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री श्री सी. आर. पाटिल, जल शक्ति एवं रेल मंत्रालय के राज्यमंत्री श्री वी. सोमन्ना और जल शक्ति मंत्रालय के राज्यमंत्री श्री राज भूषण चौधरी भी उपस्थित थे। पुरस्कार प्राप्तकर्ता में कलेक्टर श्री बी. एस. उइके, जल संसाधन विभाग के कार्यपालन अभियंता श्री एस. के. बर्मन और सहायक अभियंता श्री मनोज ताण्डिल्य शामिल थे।
जिले में जल संरक्षण के लिए किए गए महत्वपूर्ण प्रयास
गरियाबंद जिले ने जल स्तर में गिरावट को देखते हुए “जल शक्ति अभियान – कैच द रेन, मोर गांव मोर पानी” के अंतर्गत मिशन जल रक्षा और नारी शक्ति से जल शक्ति की पहल शुरू की। इसके तहत जिले में 26,025 सतही जल संरचनाओं का रख-रखाव और सुधार किया गया।
जिले में किए गए प्रमुख तकनीकी नवाचारों में शामिल हैं:
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सॉफ्ट बोरवेल और सेंड फिल्टर तकनीक द्वारा असफल बोरों में रिचार्ज
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परकुलेशन टैंक में इंजेक्शन वेल तैयार कर वर्षाजल को सीधे वाटर टेबल से जोड़ना
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नए बोरवेल के साथ इंजेक्शन वेल का निर्माण
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पहाड़ी क्षेत्रों में रिचार्ज संरचनाओं और लो-लाइन क्षेत्रों में जल संरक्षण संरचनाओं का निर्माण
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संरचनाओं की मरम्मत, संधारण और जीआईएस-आधारित योजना निर्माण
इन प्रयासों में जिले की जनता, महिलाएं, स्वयंसेवी संस्थाएं और स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने सक्रिय भागीदारी निभाई।
राष्ट्रीय जल पुरस्कार प्रतियोगिता के विभिन्न चरणों के निरीक्षण और मूल्यांकन के बाद गरियाबंद जिला को ईस्ट जोन में तीसरा सर्वश्रेष्ठ जिला चुना गया। इस उपलब्धि से न सिर्फ गरियाबंद जिले, बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ का गौरव बढ़ा है।

