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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नए विधानसभा भवन को राज्य को किया समर्पित

रायपुर, 1 नवम्बर 2025। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा आज नवा रायपुर में छत्तीसगढ़ विधानसभा के नए भवन का लोकार्पण किया गया। इस आयोजन के साथ विधानसभा के अपने भवन का 25 वर्षों का इंतजार समाप्त हो गया। राज्य निर्माण के रजत जयंती वर्ष और राज्योत्सव के अवसर पर छत्तीसगढ़ को अपना भव्य, आधुनिक और सांस्कृतिक धरोहरों से सजा विधानसभा भवन मिला।

लोकार्पण समारोह में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि यह हम सबके लिए गौरव का क्षण है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का लोकतांत्रिक परंपराओं पर गहरा विश्वास रहा है। अब राज्य की समृद्धि और खुशहाली के फैसले इसी भवन में होंगे। उन्होंने आशा जताई कि यहां जनता की आकांक्षाओं से जुड़े विधेयकों और मुद्दों पर सार्थक चर्चा होगी। यह नया भवन छत्तीसगढ़ विधानसभा की परंपरा और लोकतंत्र की भावना को और सशक्त करेगा।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि आज का दिन भगवान श्रीराम के ननिहाल और माता कौशल्या की धरती के लिए स्वर्णिम है। पिछले 25 वर्षों में छत्तीसगढ़ विधानसभा का गौरवशाली इतिहास रहा है। राज्य सरकार पिछले 21-22 महीनों से मोदी की गारंटी को पूरा करने का कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ को अटल बिहारी वाजपेयी ने बनाया और मोदी इसे संवार रहे हैं।

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विधानसभा अध्यक्ष रमन सिंह ने कहा कि यह दिन छत्तीसगढ़ के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में अंकित रहेगा। 25 वर्ष पहले अटल बिहारी वाजपेयी ने राज्य का निर्माण किया था और आज यह अपने निर्माण से विधान तक की यात्रा पूरी कर रहा है। उन्होंने बताया कि नया विधानसभा भवन 80 प्रतिशत स्वदेशी सामग्री से निर्मित है। सदन में बस्तर के सागौन से बने फर्नीचर और दरवाजे हैं, जबकि सीलिंग में धान की बालियों की कलाकारी की गई है, जिससे छत्तीसगढ़ की आत्मा इस भवन में समाहित हो गई है।

कार्यक्रम में राज्यपाल रमेन डेका, केन्द्रीय आवास और शहरी कार्य राज्य मंत्री तोखन साहू, उप मुख्यमंत्री अरुण साव एवं विजय शर्मा, संसदीय कार्य मंत्री केदार कश्यप, नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत और सांसद बृजमोहन अग्रवाल उपस्थित रहे।

खूबसूरत इमारत ही नहीं, संस्कृति और आस्था का प्रतीक

1 नवम्बर का यह दिन छत्तीसगढ़ के इतिहास में नया अध्याय जोड़ गया। वर्ष 2000 में राजकुमार कॉलेज से प्रारंभ हुई विधानसभा को 25 वर्ष बाद अपना स्थायी, आधुनिक और सुविधायुक्त भवन प्राप्त हुआ है। यह केवल एक स्थापत्य चमत्कार नहीं, बल्कि छत्तीसगढ़ की संस्कृति, परंपरा और आस्था का प्रतीक है।

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कृषि-प्रधान संस्कृति और बस्तर के काष्ठ शिल्प की झलक

‘धान का कटोरा’ कहलाने वाले छत्तीसगढ़ की पहचान को इस भवन की वास्तुकला में गहराई से पिरोया गया है। सदन की छत पर धान की बालियों और पत्तियों की नक्काशी प्रदेश की कृषि-प्रधान संस्कृति को दर्शाती है। बस्तर के पारंपरिक काष्ठ शिल्पियों द्वारा बनाए गए फर्नीचर और दरवाजे इस भवन को विशिष्ट स्थानीयता प्रदान करते हैं।

भविष्य की जरूरतों के अनुरूप अत्याधुनिक निर्माण

यह भवन वर्तमान और भविष्य की जरूरतों के अनुरूप डिजाइन किया गया है। इसमें 200 सदस्यों तक के बैठने की व्यवस्था है और पेपरलेस विधानसभा संचालन के लिए सभी आधुनिक तकनीकी सुविधाएं उपलब्ध हैं। यह ‘स्मार्ट विधानसभा’ के रूप में विकसित किया जा रहा है।

324 करोड़ की लागत से 51 एकड़ में फैला परिसर

कुल 51 एकड़ में निर्मित इस परिसर की लागत 324 करोड़ रुपये है। भवन को तीन मुख्य विंग—ए, बी और सी—में बांटा गया है। विंग-ए में विधानसभा सचिवालय, विंग-बी में सदन, सेंट्रल हॉल, मुख्यमंत्री और अध्यक्ष के कक्ष, तथा विंग-सी में मंत्रियों के कार्यालय स्थित हैं।

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हरित तकनीक से निर्मित पर्यावरण अनुकूल भवन

यह भवन पूर्णतः पर्यावरण अनुकूल है। परिसर में सौर ऊर्जा संयंत्र और वर्षा जल संचयन के लिए दो सरोवर बनाए जा रहे हैं। पर्यावरण संरक्षण के सभी मानकों का पालन किया गया है।

आधुनिक सुविधाओं से युक्त परिसर

भवन में 500 सीटों वाला अत्याधुनिक ऑडिटोरियम और 200 सीटों की क्षमता वाला सेंट्रल हॉल निर्मित है। इसकी वास्तुकला में आधुनिकता और परंपरा का संतुलित समावेश है।

तीन करोड़ जनता की आकांक्षाओं का प्रतीक

यह भवन छत्तीसगढ़ की तीन करोड़ जनता की आकांक्षाओं और आत्मगौरव का प्रतीक बनेगा। यह न केवल लोकतंत्र का केंद्र है, बल्कि राज्य की पहचान, संस्कृति और प्रगति का सजीव प्रतीक भी है।