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अमित शाह ने बस्तर दशहरा महोत्सव में किया संबोधन, कहा – 31 मार्च 2026 तक बस्तर को नक्सलवाद से मुक्त किया जाएगा

रायपुर, 4 अक्टूबर 2025। केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आज जगदलपुर में आयोजित ऐतिहासिक बस्तर दशहरा महोत्सव को संबोधित किया। कार्यक्रम से पहले उन्होंने प्रसिद्ध माँ दंतेश्वरी मंदिर में दर्शन और पूजन किया। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, उप मुख्यमंत्री डॉ. विजय शर्मा सहित अनेक गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

अपने संबोधन में अमित शाह ने कहा कि 75 दिनों तक चलने वाला बस्तर दशहरा विश्व का सबसे बड़ा और अनूठा सांस्कृतिक उत्सव है। उन्होंने कहा कि यह केवल बस्तर, छत्तीसगढ़ या भारत का नहीं, बल्कि पूरे विश्व का गौरव है। माँ दंतेश्वरी के दर्शन के दौरान उन्होंने प्रार्थना की कि हमारे सुरक्षा बलों को शक्ति मिले ताकि 31 मार्च 2026 तक बस्तर क्षेत्र पूरी तरह लाल आतंक से मुक्त हो सके।

गृह मंत्री ने कहा कि दिल्ली में कुछ लोगों ने वर्षों तक यह भ्रांति फैलाई कि नक्सलवाद विकास की लड़ाई है, जबकि सच्चाई यह है कि नक्सलवाद ने ही बस्तर के विकास को रोक रखा था। उन्होंने कहा कि आज देश के हर गाँव तक बिजली, सड़क, पेयजल, शौचालय, पाँच लाख रुपए तक का स्वास्थ्य बीमा और पाँच किलो मुफ्त अनाज जैसी योजनाएँ पहुँच चुकी हैं, लेकिन बस्तर इन सुविधाओं से लंबे समय तक वंचित रहा।

अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से वे यह आश्वासन देना चाहते हैं कि 31 मार्च 2026 के बाद नक्सलवादी न तो बस्तर के विकास और न ही लोगों के अधिकारों को रोक पाएंगे। उन्होंने बस्तर के नागरिकों से अपील की कि वे उन युवाओं को समझाएं जो भटककर नक्सलवाद से जुड़ गए हैं, ताकि वे हथियार छोड़कर मुख्यधारा से जुड़ सकें और विकास के सहभागी बनें।

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गृह मंत्री ने बताया कि छत्तीसगढ़ शासन ने देश की सबसे बेहतर आत्मसमर्पण नीति लागू की है। पिछले एक महीने में ही 500 से अधिक नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है। उन्होंने कहा कि जिस गाँव में नक्सलवाद पूरी तरह समाप्त हो जाएगा, वहाँ राज्य शासन विकास कार्यों के लिए 1 करोड़ रुपए की सहायता राशि प्रदान करेगा।

अमित शाह ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारें बस्तर सहित सभी नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के विकास के लिए पूर्णतः समर्पित हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले दस वर्षों में छत्तीसगढ़ को लगभग 4 लाख 40 हजार करोड़ रुपए की सहायता दी है। उद्योग, शिक्षा, स्वास्थ्य और लघु उद्योगों के क्षेत्र में तेजी से विकास कार्य चल रहे हैं।

उन्होंने नक्सलियों से आत्मसमर्पण की अपील करते हुए यह भी स्पष्ट कहा कि यदि हथियारों के बल पर शांति भंग करने का प्रयास किया गया तो सुरक्षा बल और पुलिस मिलकर कड़ा जवाब देंगे। अमित शाह ने कहा कि 31 मार्च 2026 की तिथि तय है, जब देश से नक्सलवाद का पूर्ण अंत होगा।

गृह मंत्री ने कहा कि इस बार बस्तर ओलंपिक में देशभर के आदिवासी खिलाड़ी भाग लेंगे। उन्होंने कहा कि बस्तर का पंडुम उत्सव, वेशभूषा, खानपान, कला और वाद्य यंत्र अब विश्व स्तर पर पहचान बना चुके हैं। प्रधानमंत्री मोदी का संकल्प है कि भारत की संस्कृति, भाषा और परंपराएँ सदियों तक संरक्षित रहें, और इस दिशा में केंद्र और राज्य सरकार मिलकर कार्य कर रही हैं।

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अमित शाह ने कहा कि 1874 से चली आ रही मुरिया दरबार की न्यायिक और सांस्कृतिक परंपरा किसी वैश्विक धरोहर से कम नहीं है। यह जनसंवाद और न्याय की अद्वितीय परंपरा पूरे देश के लिए प्रेरणास्रोत है।

स्वदेशी जागरण मंच द्वारा आयोजित स्वदेशी मेला का उल्लेख करते हुए गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी लंबे समय से स्वदेशी के प्रचार पर बल दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रत्येक नागरिक को यह संकल्प लेना चाहिए कि वह केवल देश में बनी वस्तुओं का उपयोग करेगा और प्रत्येक व्यापारी को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उसकी दुकान में विदेशी वस्तुएँ न बिकें। उन्होंने कहा कि 140 करोड़ भारतीय यदि स्वदेशी को अपनाएँगे, तो भारत विश्व की सर्वोच्च आर्थिक शक्ति बन सकता है।

अमित शाह ने बताया कि हाल ही में प्रधानमंत्री मोदी ने 395 वस्तुओं पर जीएसटी में छूट देकर माताओं-बहनों को बड़ी राहत दी है। रोजमर्रा की अधिकांश वस्तुएँ करमुक्त की गई हैं और आवश्यक वस्तुओं पर केवल 5 प्रतिशत कर रखा गया है। उन्होंने कहा कि इतनी बड़ी कर कटौती पहले कभी नहीं हुई।

बस्तर दशहरा महोत्सव में 300 से अधिक स्वदेशी कंपनियों की भागीदारी का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि स्वदेशी वॉकथॉन स्वदेशी भावना को नई दिशा दे रहा है और यह अभियान अब पूरे देश में जनआंदोलन बन चुका है।

गृह मंत्री ने कहा कि श्रावण अमावस्या से अश्विन शुक्ल त्रयोदशी तक चलने वाला बस्तर दशहरा गौरव और पहचान का प्रतीक है। 14वीं शताब्दी में शुरू हुई रथ यात्रा ने इस क्षेत्र में सांस्कृतिक जागरण का कार्य किया। माँ दंतेश्वरी की इस यात्रा में 66 आदिवासी समुदाय और कई गैर-आदिवासी समूह भाग लेते हैं। उन्होंने कहा कि बस्तर दशहरा और मुरिया दरबार पूरे क्षेत्र को एक सूत्र में जोड़ने का कार्य करते हैं।

अमित शाह ने कहा कि मोदी सरकार ने आदिवासियों के सम्मान में अनेक योजनाएँ शुरू की हैं। उन्होंने उल्लेख किया कि देश की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को देखकर आज पूरा देश गर्व महसूस करता है। प्रधानमंत्री मोदी ने भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती को जनजातीय गौरव वर्ष के रूप में मनाया और उनकी जयंती को आदिवासी गौरव दिवस के रूप में स्थापित किया।

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उन्होंने बताया कि बस्तर संभाग के सातों जिलों में 15,000 से अधिक प्रधानमंत्री आवास नक्सल हिंसा से प्रभावित परिवारों के लिए स्वीकृत किए गए हैं। नारायणपुर के पंडी राम मंडावी और हेमचंद मांझी, तथा कांकेर के अजय कुमार मंडावी को पद्म पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।

अमित शाह ने कहा कि बस्तर दशहरा के अवसर पर आज ‘महतारी वंदन योजना’ की 20वीं किस्त के रूप में 70 लाख छत्तीसगढ़ी माताओं को 607 करोड़ रुपए वितरित किए गए हैं। साथ ही मुख्यमंत्री ग्रामीण बस योजना का शुभारंभ किया गया है, जिसके तहत बस्तर और सरगुजा संभाग के 250 गाँव जोड़े जाएंगे।

गृह मंत्री ने कहा कि बस्तर दशहरा केवल एक उत्सव नहीं, बल्कि भारत की सांस्कृतिक आत्मा का उत्सव है, जो एकता, परंपरा और प्रगति का प्रतीक है।