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छात्राओं की उच्च शिक्षा को मिलेगा बढ़ावा, 10वीं-12वीं पास छात्राओं को 30,000 रुपए की प्रोत्साहन राशि

छत्तीसगढ़ सरकार ने छात्राओं की उच्च शिक्षा को लेकर एक सराहनीय निर्णय लिया है। अब राज्य के सरकारी स्कूलों से 10वीं या 12वीं उत्तीर्ण करने वाली छात्राओं को महाविद्यालयीन पढ़ाई के लिए 30,000 रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। इस फैसले से उन छात्राओं को राहत मिलेगी, जो आर्थिक तंगी के कारण अपनी पढ़ाई बीच में छोड़ने को मजबूर हो जाती थीं।

इस योजना का लाभ केवल उन्हीं छात्राओं को मिलेगा जो छत्तीसगढ़ के सरकारी स्कूलों से 10वीं और 12वीं की परीक्षा पास करेंगी। राज्य की भाजपा सरकार इस पहल को छात्राओं के लिए प्रोत्साहन योजना के रूप में देख रही है, जिसका उद्देश्य है — बालिकाओं को शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करना और उन्हें आत्मनिर्भर बनाना।

उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने किया नए स्कूल भवन का लोकार्पण

उक्त घोषणा के साथ, राज्य के उपमुख्यमंत्री और लोक निर्माण मंत्री अरुण साव ने रायपुर के गुढ़ियारी क्षेत्र स्थित दानवीर भामाशाह वार्ड में 337.01 लाख रुपए की लागत से नवनिर्मित शासकीय शशिबाला अंग्रेजी-हिंदी माध्यम उच्चतर माध्यमिक उत्कृष्ट विद्यालय का लोकार्पण किया।

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लोकार्पण समारोह में उपमुख्यमंत्री ने विद्यार्थियों से संवाद करते हुए उन्हें शिक्षा के प्रति प्रेरित किया और अपने बचपन की संघर्षपूर्ण पढ़ाई का अनुभव भी साझा किया।

“हम घर से चटाई लेकर स्कूल जाते थे” – उपमुख्यमंत्री का अनुभव

एक छात्रा द्वारा पूछे गए सवाल पर कि उन्होंने खुद कैसे पढ़ाई की, श्री साव ने बताया कि कक्षा तीसरी तक उन्होंने अपने गांव में एक कच्चे घर में पढ़ाई की थी, जो उनका खुद का मकान था। उस समय सरकारी स्कूल भवन नहीं थे, और बच्चों को घर से चटाई लाकर बैठना पड़ता था। हर शनिवार को गोबर से फर्श की सफाई करना भी पढ़ाई का हिस्सा था।

उन्होंने कहा कि आज की पीढ़ी को सरकार द्वारा स्मार्ट क्लास, सीसीटीवी और आधुनिक सुविधाओं से लैस स्कूल मिल रहे हैं, और छात्रों की जिम्मेदारी है कि वे इन संसाधनों का बेहतर उपयोग करें और राज्य व देश का नाम रोशन करें।

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“छत्तीसगढ़ में शिक्षा के लिए अनुकूल वातावरण” – अरुण साव

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में राज्य सरकार शिक्षा व्यवस्था में लगातार सुधार कर रही है। स्कूलों का आधुनिकीकरण किया जा रहा है, बच्चों की ज़रूरतों के अनुसार सुविधाएं बढ़ाई जा रही हैं और पढ़ाई का माहौल दिन-ब-दिन बेहतर होता जा रहा है।

उन्होंने राजधानी रायपुर के विकास पर प्रकाश डालते हुए कहा कि “रायपुर को अब स्मार्ट और हाइटेक शहर के रूप में विकसित किया जा रहा है।” शहर की रैंकिंग स्वच्छता और आधारभूत संरचना दोनों में तेजी से ऊपर आई है।

“हाइटेक बन रहा है रायपुर” – सांसद बृजमोहन अग्रवाल

इस मौके पर रायपुर सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि रायपुर अब चौड़ी सड़कों, बाईपास और स्वच्छता की दृष्टि से देश के प्रमुख शहरों में गिना जा रहा है। उन्होंने नवनिर्मित स्कूल को आधुनिक और भव्य बताते हुए कहा कि “अब बच्चों को पढ़ाई में किसी भी प्रकार की कमी नहीं आने दी जाएगी।”

विधायक राजेश मूणत ने भी इस मौके पर कहा कि मुख्यमंत्री साय की सरकार गरीब और मध्यम वर्गीय परिवारों की चिंता करती है और उनके बच्चों की शिक्षा के लिए ठोस कदम उठा रही है।

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जानिए नए स्कूल भवन की खासियतें

नवनिर्मित शासकीय विद्यालय भवन में छात्रों के लिए सभी आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं:

  • भूतल: 5 कक्षाएं, 2 स्टोर रूम, बालक-बालिका बाथरूम, पार्किंग

  • प्रथम तल: 9 कक्षाएं, प्राचार्य कक्ष, स्टाफ रूम, स्टोर रूम, बाथरूम

  • द्वितीय तल: 9 कक्षाएं, अतिरिक्त प्राचार्य कक्ष, स्टाफ रूम, स्टोर रूम

  • अन्य सुविधाएं: मुख्य द्वार, गार्डरूम, बाउंड्रीवाल, रेनवॉटर हार्वेस्टिंग, सीवरेज सिस्टम, स्मार्ट क्लास, पेवर टाइल्स, स्टेज, CCTV कैमरे आदि।

छत्तीसगढ़ सरकार की यह योजना न सिर्फ छात्राओं की शिक्षा को प्रोत्साहित करेगी, बल्कि सामाजिक और आर्थिक बदलाव की दिशा में भी एक अहम कदम मानी जाएगी। नई शिक्षा नीति और अधोसंरचना विकास के इन प्रयासों से यह स्पष्ट है कि सरकार शिक्षा को प्राथमिकता पर रखकर भविष्य निर्माण की दिशा में गंभीर प्रयास कर रही है।