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“गीतां दे वरके हौली-हौली फोल” का लोकार्पण : डॉ. अजय पाठक के गीतों का पंजाबी अनुवाद हुआ प्रस्तुत

बिलासपुर। विगत 20 सितंबर 2025 को होटल सेंट्रल प्वाइंट सभागार में हिंदी के समकालीन नवगीतकार डा. अजय पाठक के चयनित गीतों के पंजाबी अनूदित संकलन “गीतां दे वरके हौली-हौली फोल” (गीतों के पन्नों को धीरे-धीरे खोलिए) का लोकार्पण संपन्न हुआ।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सतीश जायसवाल रहे, जबकि विशिष्ट अतिथि अमोलक सिंह टूटेजा, अजितपाल सिंह जुनेजा और कीर्ति गुरुदत्त मंच पर विराजमान थे। अध्यक्षता का दायित्व स्वयं डॉ. अजय पाठक ने निभाया।

इस कृति में डॉ. अजय पाठक के 52 गीतों का चयन कर पंजाबी में अनुवाद किया गया है। अनुवाद का कार्य ग़ज़लगो एवं कवि केवल कृष्ण पाठक ने किया है, जिन्होंने मूल भाव और संवेदना को सार्थक ढंग से प्रस्तुत किया।

कार्यक्रम में बानगी स्वरूप डॉ. अजय पाठक ने अपना प्रसिद्ध गीत “अम्मा की चिट्ठी” सुनाया। तत्पश्चात अनुवादक केवल कृष्ण पाठक ने उसका पंजाबी रूपांतरण प्रस्तुत किया। इस अवसर पर मंचासीन सभी अतिथियों ने अपनी-अपनी भावनाएं व्यक्त कीं और कृति की महत्ता पर प्रकाश डाला।

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कार्यक्रम संचालन का दायित्व नीतेश पाटकर ने संभाला। स्वागत भाषण डॉ. गंगाधर पटेल ने दिया, वहीं आभार प्रदर्शन सनत तिवारी ने किया।

आयोजन में पूर्व विधायक चंद्रप्रकाश बाजपेई, दिलबाग सिंह, डॉ. विनोद वर्मा, डॉ. सुधाकर बिबे, बुधराम यादव, राघवेन्द्र दीवान, राजेन्द्र मौर्य, डॉ. शाजिया अली, आनंदप्रकाश गुप्ता, राजकुमार द्विवेदी, द्वारिका वैष्णव, हरवंश शुक्ला, मयंकमणि दुबे, मनोहर मानिकपुरी, सलीम खान, अजय शर्मा, राजीव नयन शर्मा, नरेंद्र कौशिक और अन्नू चक्रवर्ती सहित अनेक साहित्यप्रेमियों की उल्लेखनीय उपस्थिति रही।

यह आयोजन साहित्यिक जगत में हिंदी और पंजाबी के बीच संवाद और सांस्कृतिक आदान-प्रदान की एक महत्वपूर्ण कड़ी सिद्ध हुआ।

-बसंत राघव