हर घर तक ऊर्जा आत्मनिर्भरता और उज्ज्वल भविष्य की ओर कदम
रायपुर, 19 सितंबर 2025/ देश को ऊर्जा आत्मनिर्भर बनाने और हर घर तक स्वच्छ, सस्ती एवं निरंतर बिजली पहुँचाने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना की शुरुआत की गई है। यह महत्वाकांक्षी योजना न केवल नागरिकों को बिजली बिल से स्थायी राहत दिला रही है, बल्कि परिवारों को आत्मनिर्भर बनाते हुए पर्यावरण संरक्षण में भी ऐतिहासिक योगदान दे रही है।
छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में इस योजना का क्रियान्वयन अत्यंत प्रभावी और संवेदनशील ढंग से किया जा रहा है। राज्य में सौर ऊर्जा को अपनाने की रफ्तार लगातार बढ़ रही है और आमजन के जीवन में सकारात्मक बदलाव देखने को मिल रहे हैं।
देश की “पावर कैपिटल” कही जाने वाली कोरबा जिले में इस योजना का विशेष महत्व है। यहाँ हजारों परिवार इस योजना का लाभ उठाकर हर महीने हजारों रुपये की बचत कर रहे हैं और बिजली बिल के बोझ से मुक्त हो रहे हैं।
इन्हीं में से एक प्रेरक उदाहरण हैं नकटीखार, कोरबा निवासी रंजीत कुमार। वे एसईसीएल, कुसमुंडा में डंपर ऑपरेटर के रूप में कार्यरत हैं। मेहनतकश रंजीत कुमार के सामने बिजली बिल का दबाव अक्सर परिवार के बजट को बिगाड़ देता था। बच्चों की पढ़ाई और रोजमर्रा की जरूरतों के बीच यह खर्च हमेशा चिंता का कारण बना रहता था।
प्रधानमंत्री सूर्यघर योजना की जानकारी मिलने पर उन्होंने तुरंत आवेदन किया। मात्र दो महीने पहले उन्होंने अपने घर की छत पर सोलर पैनल सिस्टम स्थापित करवाया। इसकी कुल लागत लगभग ₹2.10 लाख रही, जिसमें से ₹78 हजार रुपये की सब्सिडी केंद्र सरकार द्वारा दी गई। शेष राशि उन्होंने आसान किश्तों में ऋण लेकर और कुछ राशि नकद चुकाकर पूरी की।
आज परिणाम यह है कि जहां पहले उनके घर का मासिक बिजली बिल हजारों रुपये तक पहुंच जाया करता था, वहीं अब सौर ऊर्जा से चल रहे घर का मासिक बिल मात्र ₹130 तक सीमित रह गया है। यह बदलाव उनके परिवार के लिए ऊर्जा क्रांति से कम नहीं।
रंजीत कुमार बताते हैं—
“अब हमें बिजली बिल की चिंता नहीं रहती। बच्चों की पढ़ाई बिना बाधा के चल रही है और घर के सभी उपकरण बिना रुकावट चलते हैं। यह योजना हमारे लिए वरदान साबित हुई है।”
सूर्यघर योजना केवल आर्थिक मजबूती का साधन नहीं, बल्कि यह प्रकृति की सच्ची मित्र भी है। कोयला और डीजल जैसे पारंपरिक ईंधनों पर निर्भरता घटने से वायु प्रदूषण में कमी आती है और पर्यावरण को भी राहत मिलती है। कोरबा जैसे औद्योगिक जिले में यह कदम विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, जहाँ कोयला आधारित बिजली उत्पादन का दबदबा रहा है।
प्रधानमंत्री सूर्यघर योजना से न केवल घर-घर रोशनी पहुँच रही है, बल्कि लोगों को आत्मनिर्भरता, ऊर्जा सुरक्षा और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में नया मार्ग भी मिल रहा है। यह योजना उन हजारों परिवारों के लिए प्रेरणा है जो वर्षों से बिजली का स्थायी समाधान ढूँढ रहे थे।
आज श्री रंजीत कुमार का घर सिर्फ रोशनी से जगमगा नहीं रहा, बल्कि वह ऊर्जा बचत और पर्यावरण संरक्षण का एक आदर्श मॉडल भी बन गया है।

