छत्तीसगढ़ में सौर ऊर्जा क्रांति: प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना से 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली
रायपुर, 06 अगस्त 2025/ छत्तीसगढ़ सरकार ने पर्यावरण संरक्षण और ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल करते हुए मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना को प्रदेश के प्रत्येक कोने तक पहुंचाने का संकल्प लिया है। यह पहल राज्य को न केवल ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाएगी, बल्कि पर्यावरण संरक्षण, रोजगार सृजन और सतत विकास जैसे महत्वपूर्ण लक्ष्यों की प्राप्ति का मार्ग भी प्रशस्त करेगी। इसके साथ ही राज्य सरकार द्वारा निर्धारित जीरो कार्बन उत्सर्जन (Zero Carbon Emission) लक्ष्य को प्राप्त करने में भी यह योजना महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
हर घर में प्रदूषण मुक्त और मुफ्त बिजली का सपना होगा साकार
इस योजना के अंतर्गत घर-घर रूफटॉप सोलर पावर प्लांट स्थापित किए जाएंगे, ताकि हर नागरिक को प्रदूषण मुक्त, मुफ्त और निरंतर बिजली मिल सके। योजना का मुख्य उद्देश्य प्रत्येक उपभोक्ता को ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाना है, जिससे उनके मासिक खर्चों में भी उल्लेखनीय कमी आ सके। यह पहल राज्य के नागरिकों को एक हरित भविष्य की ओर ले जाने का सार्थक प्रयास है।
हर नागरिक की होगी भागीदारी
इस योजना में पात्रता रखने वाले सभी नागरिक, जिनके पास वैध बिजली कनेक्शन और उपयुक्त छत है, आवेदन कर सकते हैं। एक बार सोलर पैनल स्थापित हो जाने पर उपभोक्ताओं को हर माह 300 यूनिट तक बिजली बिलकुल मुफ्त दी जाएगी। यही नहीं, यदि उपभोक्ता की ओर से उत्पन्न की गई बिजली की मात्रा आवश्यकता से अधिक होती है, तो वह बिजली ग्रिड को बेचकर अतिरिक्त आय भी प्राप्त कर सकता है। यह मॉडल न केवल आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देता है, बल्कि आर्थिक रूप से भी लाभकारी है।
मिलेगी डबल सब्सिडी: केंद्र और राज्य सरकार की संयुक्त पहल
इस योजना के अंतर्गत 1 किलोवॉट से 3 किलोवॉट तक के सौर संयंत्रों की स्थापना पर प्रति वॉट 45,000 रुपये से लेकर अधिकतम 1,08,000 रुपये तक की सब्सिडी केंद्र सरकार द्वारा दी जा रही है। विशेष बात यह है कि छत्तीसगढ़ सरकार ने भी इसमें अपनी हिस्सेदारी जोड़ी है, जिससे उपभोक्ताओं को डबल सब्सिडी का लाभ सीधे उनके बैंक खाते में मिलेगा।
स्वच्छ ऊर्जा को मिलेगा बढ़ावा, कार्बन उत्सर्जन में आएगी भारी कमी
छत्तीसगढ़ सरकार राज्य को जीरो कार्बन एमिशन नीति की दिशा में अग्रसर करते हुए स्वच्छ ऊर्जा को प्राथमिकता दे रही है। वर्तमान में राज्य में कुल बिजली उत्पादन का 15 प्रतिशत हिस्सा हरित ऊर्जा से आता है। सरकार ने वर्ष 2047 तक इसे बढ़ाकर 45 प्रतिशत करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इससे राज्य की जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम होगी और कार्बन उत्सर्जन में उल्लेखनीय गिरावट आएगी। यह नीति वर्तमान और भावी पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, हरित और सतत भविष्य सुनिश्चित करने में सहायक होगी।
रोजगार और स्व-रोजगार के अवसरों में वृद्धि
सौर ऊर्जा के इस व्यापक विस्तार से छत्तीसगढ़ में स्थानीय युवाओं के लिए स्थानीय स्तर पर रोजगार और स्व-रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे। सोलर पैनल के निर्माण, स्थापना, रखरखाव, तकनीकी प्रशिक्षण, नेटवर्किंग, और वितरण जैसे क्षेत्रों में व्यापक स्तर पर युवाओं को जोड़ने की योजना है। इससे राज्य की आर्थिक गतिविधियों को भी बल मिलेगा।
योजना के मुख्य लाभ (संक्षेप में):
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केंद्र और राज्य सरकार द्वारा डबल सब्सिडी, जो सीधे उपभोक्ताओं के बैंक खाते में जाएगी।
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एक बार सोलर पैनल लगने के बाद 20–25 वर्षों तक मुफ्त बिजली।
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300 यूनिट तक प्रति माह निःशुल्क बिजली की आपूर्ति।
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बिजली उत्पादन से अतिरिक्त आय की संभावना।
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बिजली कटौती की समस्या से मुक्ति और निरंतर ऊर्जा आपूर्ति।
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हरित ऊर्जा को बढ़ावा देकर स्वच्छ एवं पर्यावरण हितैषी जीवनशैली को प्रोत्साहन।