छत्तीसगढ़ में स्वतंत्रता कप कराटे चैंपियनशिप: 17 जिलों के 400 खिलाड़ियों ने दिखाया दम
रायपुर/ छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में खेल प्रेमियों के लिए एक गौरवपूर्ण क्षण उस समय आया, जब स्वामी विवेकानंद इंडोर स्टेडियम, कोटा में दो दिवसीय स्वतंत्रता कप राज्य स्तरीय कराटे चैंपियनशिप का आयोजन बड़े ही उत्साह और उल्लास के साथ सम्पन्न हुआ। 26 और 27 जुलाई को आयोजित इस भव्य प्रतियोगिता में राज्य के 17 जिलों से आए लगभग 400 कराटे खिलाड़ियों ने भाग लिया और अपनी प्रतिभा तथा आत्मविश्वास से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
यह आयोजन स्वतंत्रता कप आयोजन समिति एवं भारत कराटे एकेडमी के संयुक्त प्रयास से संभव हुआ। प्रतियोगिता न केवल एक खेल आयोजन थी, बल्कि यह आत्मरक्षा, अनुशासन और आत्मगौरव का एक जीवंत मंच भी बन गई थी। बच्चों, युवाओं और किशोरों में कराटे के प्रति उत्साह यह दर्शाता था कि यह खेल अब केवल प्रतिस्पर्धा तक सीमित नहीं, बल्कि एक जीवनशैली का हिस्सा बन रहा है।
खेल एवं युवा कल्याण मंत्री टंकराम वर्मा ने मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित करते हुए कहा —
“खेल युवाओं के जीवन में आत्मविश्वास, अनुशासन और नेतृत्व जैसे गुणों का विकास करते हैं। कराटे जैसे प्रभावशाली खेलों को राज्य सरकार पूर्ण समर्थन दे रही है और आगे भी देती रहेगी।”
अपने संबोधन में खेत्रो महानंद ने कहा —
“भारत कराटे एकेडमी केवल खेल का मंच नहीं, बल्कि आत्मरक्षा, आत्मानुशासन और आत्मगौरव जैसे मूल्यों की संस्कृति का निर्माण कर रही है। हम राज्य के खिलाड़ियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ले जाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”
कार्यक्रम में अन्य विशिष्ट अतिथियों में भाजपा के प्रदेश महामंत्री किशोर महानंद, जनता कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता भगवान नायक, जनपद पंचायत अध्यक्ष टिकेश्वर मनहरे, भाजपा तिल्दा मंडल अध्यक्ष मनोज निषाद, पृथ्वीराज महानंद, जितेंद्र सिंह ठाकुर और डॉ. गिरिराज शामिल रहे। इन सभी गणमान्य अतिथियों ने विजेता खिलाड़ियों को सम्मानित किया और उन्हें प्रोत्साहन स्वरूप पदक, प्रमाण पत्र और पुरस्कार प्रदान किए।
समापन समारोह के अवसर पर आयोजकों ने सभी प्रतिभागियों, कोचों और सहयोगियों को स्मृति चिह्न भेंट कर सम्मानित किया। राष्ट्रगान के साथ जब कार्यक्रम का समापन हुआ, तो पूरे स्टेडियम में एक सकारात्मक ऊर्जा का संचार था। आयोजकों ने यह भी घोषणा की कि आने वाले वर्षों में भी इसी गरिमा के साथ प्रतियोगिता आयोजित की जाती रहेगी।
इस आयोजन ने यह साबित कर दिया कि छत्तीसगढ़ के युवाओं में अपार प्रतिभा है और उन्हें यदि सही मंच और मार्गदर्शन मिले, तो वे राष्ट्रीय ही नहीं, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी छाप छोड़ सकते हैं।