चैतुरगढ़ धाम में बिसाहूदास महंत को श्रद्धांजलि, पनिका समाज के नव पदाधिकारियों का सम्मान
पाली, 25 अप्रैल। विगत 23 अप्रैल को छत्तीसगढ़ के विभिन्न अंचलों से लगभग 300 सामाजिक प्रतिनिधि चैतुरगढ़ स्थित महिषासुरमर्दिनी धाम में एकत्रित हुए। यह आयोजन बांगों बांध के स्वप्नदृष्टा एवं छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण के प्रेरक स्मृतिशेष बिसाहूदास महंत की 47वीं पुण्यतिथि पर आयोजित किया गया। इस अवसर पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई एवं उनकी स्मृति में परिसर में बेल, वट, पीपल व नीम के पौधों का रोपण किया गया।
कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ मानिकपुरी पनिका समाज के नव-निर्वाचित पदाधिकारियों का आत्मीय स्वागत और अभिनंदन किया गया। नव-निर्वाचित पदाधिकारी इस प्रकार हैं:
अध्यक्ष – भरतदास मानिकपुरी,
उपाध्यक्ष – कृष्णादास एवं वेदमती महंत,
महासचिव – नान्हीदास दीवान,
सचिव – गोरेदास मानिकपुरी,
सहसचिव – पुरुषोत्तमदास एवं मनीषादास,
कोषाध्यक्ष – गोपाल पड़वार।
इस अवसर पर पनिका महासमिति, नई दिल्ली के महासचिव डा. फूलदास महंत ने चौंका रचना से चिन्हित पौरातात्विक महत्व की शिलाओं के समीप कबीर गुरुद्वारा निर्माण का प्रस्ताव रखा एवं इस हेतु अपनी ओर से ₹50,000 सहयोग राशि देने की घोषणा की।
सभा में पनिका समाज के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष डा. देवधर महंत ने समाज की पूर्ववत आदिवासी दर्जा बहाली हेतु संघर्ष का आह्वान करते हुए सामाजिक उत्थान के लिए सामूहिक विवाह आयोजन, बेरोजगारी उन्मूलन हेतु कार्ययोजना निर्माण एवं राजनैतिक-सांस्थानिक भागीदारी के प्रति सजगता जैसे महत्वपूर्ण सुझाव रखे।
कार्यक्रम में विभिन्न जिलों से आए सामाजिक प्रतिनिधियों ने भी अपने रचनात्मक सुझाव प्रस्तुत किए। अंत में सभी को भोजन प्रसाद वितरित किया गया।
इस सफल आयोजन को सम्पन्न कराने में गोरेदास मानिकपुरी (पाली), संतोषदास (बघधरा), घनश्यामदास (पुलालीकला) एवं पीलादास (लाफा सोसायटी अध्यक्ष) की अहम भूमिका रही।
कार्यक्रम संचालन घनश्यामदास ने किया तथा आभार प्रदर्शन सुचित्रा मानिकपुरी ने किया। कार्यक्रम में आमिन माताओं की विशेष सहभागिता सराहनीय रही।