संसदीय रिपोर्टिंग पर कार्यशाला: पत्रकारिता की गरिमा और लोकतंत्र की मजबूती पर हुआ मंथन
रायपुर, 5 जुलाई 2025/ विधानसभा परिसर के प्रेक्षागृह में आज संसदीय रिपोर्टिंग विषय पर आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला में पत्रकारिता और लोकतंत्र के रिश्ते पर गहन चर्चा हुई। इस अवसर पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने छत्तीसगढ़ राज्य और विधानसभा के रजत जयंती वर्ष की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि 25 वर्षों की इस गौरवमयी यात्रा में प्रदेश विधानसभा ने लोकतांत्रिक मूल्यों को सुदृढ़ किया है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि हाल ही में विधायकों के लिए भी कार्यशालाओं का आयोजन किया गया, जिससे उन्हें अपने कर्तव्यों को बेहतर ढंग से निभाने में सहायता मिली। उन्होंने कहा कि नवनिर्वाचित विधायकों की जिम्मेदारी है कि वे जनसमस्याओं को सदन में उठाएं। इसी तरह पत्रकारों की भूमिका भी महत्वपूर्ण है, जो विधानसभा की गतिविधियों को आमजन तक पहुंचाने का कठिन कार्य करते हैं।
मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ विधानसभा द्वारा उत्कृष्ट पत्रकारों को सम्मानित करने की परंपरा की सराहना करते हुए कहा कि इससे पत्रकारों का मनोबल बढ़ता है और संसदीय रिपोर्टिंग को प्रोत्साहन मिलता है। उन्होंने विश्वास जताया कि यह कार्यशाला पत्रकारों के लिए अत्यंत उपयोगी सिद्ध होगी।
विधानसभा अध्यक्ष रमन सिंह ने संसदीय पत्रकारिता की विशेषताओं पर प्रकाश डालते हुए कहा कि बीते 25 वर्षों की स्वर्णिम यात्रा में पत्रकारों का योगदान अतुलनीय रहा है। उन्होंने कहा कि संसदीय पत्रकारिता एक संवेदनशील दायित्व है, जो सदन की गोपनीयता, अनुशासन और गरिमा को बनाए रखते हुए निष्पक्ष जानकारी जनता तक पहुंचाने का कार्य करती है। उन्होंने यह भी कहा कि पत्रकार जब पक्ष–विपक्ष से परे रहकर निष्पक्ष रिपोर्टिंग करते हैं, तब लोकतंत्र मजबूत होता है।
रमन सिंह ने इस बात पर भी ज़ोर दिया कि पत्रकारों को विधानसभा की प्रक्रिया और कार्यप्रणाली की गहरी समझ होनी चाहिए, जिससे वे समाचारों को सरल भाषा में प्रभावी ढंग से प्रस्तुत कर सकें। उन्होंने वरिष्ठ व दिवंगत पत्रकारों को भी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि उनकी भूमिका विधानसभा की गरिमा बनाए रखने में महत्वपूर्ण रही है।
नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत ने पत्रकारों की भूमिका की तुलना नारद मुनि की परंपरा से करते हुए कहा कि वे सजगता और समयबद्धता के साथ लोकतंत्र के संवाहक हैं। उन्होंने कहा कि इस कार्यशाला से संसदीय पत्रकारिता को समझने का दृष्टिकोण और भी व्यापक होगा। उन्होंने अपनी संसदीय यात्रा के दौरान पत्रकारों से जुड़े अनुभवों को साझा करते हुए उनकी सटीकता और संवेदनशीलता की सराहना की।
इस अवसर पर संसदीय कार्य मंत्री केदार कश्यप, विधानसभा सचिव दिनेश शर्मा, आईआईएमसी के पूर्व महानिदेशक संजय द्विवेदी सहित बड़ी संख्या में पत्रकार उपस्थित थे। कार्यशाला के माध्यम से संसदीय पत्रकारिता के सरोकारों और नई चुनौतियों पर संवाद स्थापित हुआ, जो प्रदेश में लोकतांत्रिक संवाद की दिशा में एक सार्थक प्रयास सिद्ध हुआ।