बलौदाबाजार में रिवर फ्लोटिंग राफ्ट राइड का आगाज़: धमनी क्षेत्र बनेगा नया पर्यटन आकर्षण
बलौदा बाजार, 5 जुलाई 2025। प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर बलौदा बाजार जिला अब पर्यटन के एक नए और अनूठे आयाम की ओर अग्रसर हो रहा है। हरी-भरी वादियाँ, कल-कल करती नदियाँ और वन्य जीवों की समृद्ध उपस्थिति से पहले से ही प्रसिद्ध यह क्षेत्र अब जल्द ही रिवर फ्लोटिंग राफ्ट राइड यानी बांस की नाव द्वारा नदी भ्रमण जैसी रोमांचक पर्यटन सुविधा का साक्षी बनने जा रहा है।
इस अभिनव पहल की शुरुआत जिले के धमनी क्षेत्र से की जा रही है, जो महानदी के तट पर बसा एक ऐतिहासिक व प्राकृतिक दृष्टि से समृद्ध पर्यटन स्थल है। धमनी क्षेत्र अंग्रेजों के काल से ही एक प्रतिष्ठित पर्यटन स्थल के रूप में जाना जाता रहा है। यह इलाका चारों ओर से घने जंगलों और प्राकृतिक जलस्रोतों से घिरा है, जहां बारहसिंगा, जंगली सूअर, खरगोश जैसे अनेक वन्य जीव पाए जाते हैं। यह वन्य प्रेमियों के लिए एक आदर्श स्थल है।
इस परियोजना की कमान नवपदस्थ वन मंडल अधिकारी (DFO) रणवीर धम्म शील ने संभाली है। उनके नेतृत्व में धमनी को एक पूर्ण पर्यटन हब के रूप में विकसित करने की दिशा में ठोस प्रयास प्रारंभ हो चुके हैं। इस दिशा में पहला कदम वन प्रबंधन समिति के 15 सदस्यों को बस्तर के कांगेर घाटी एवं घुड़मरस पर्यटन स्थलों के अध्ययन दौरे पर भेजकर उठाया गया, जहां से वे फ्लोटिंग राफ्टिंग के व्यावहारिक अनुभव और तकनीकी ज्ञान के साथ लौटे हैं।
देश में अब तक यह सुविधा केवल केरल और हाल ही में बस्तर में उपलब्ध थी। यदि यह योजना निर्धारित दिशा में आगे बढ़ती है, तो बलौदा बाजार जिले का धमनी क्षेत्र देश का तीसरा स्थान होगा जहां पर्यटक बांस की नाव पर नदी भ्रमण का आनंद ले सकेंगे।
योजना के मुख्य बिंदु निम्नानुसार हैं:
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स्थानीय संसाधनों से बांस की छोटी राफ्ट (कांटे) बनाई जाएंगी।
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प्रशिक्षित स्थानीय युवाओं के माध्यम से राफ्ट संचालन किया जाएगा।
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यह गतिविधि पर्यावरण हितैषी होगी और नदी पारिस्थितिकी को बिना क्षति पहुँचाए संचालित की जाएगी।
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पर्यटकों के लिए सुरक्षा के विशेष इंतज़ाम और मार्गदर्शक उपलब्ध होंगे।
इस परियोजना से स्थानीय युवाओं को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे। साथ ही, धमनी की पहचान एक पारंपरिक स्थल से बढ़कर प्रकृति और रोमांच प्रेमियों के लिए एक विशिष्ट गंतव्य के रूप में स्थापित होगी। इससे न केवल बलौदा बाजार जिले की पर्यटन मानचित्र पर विशेष पहचान बनेगी, बल्कि क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था को भी सशक्त आधार मिलेगा।
इस परियोजना की सफलता अन्य जिलों के लिए भी प्रेरणा बनेगी और छत्तीसगढ़ में सतत और स्थानीय भागीदारी पर आधारित पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।