जनता के आक्रोश के बाद दिल्ली सरकार ने ‘पुराने वाहनों पर ईंधन रोक’ का आदेश वापस लिया
दिल्ली सरकार ने जनता के तीखे विरोध के बाद 10 से 15 साल पुराने वाहनों को पेट्रोल पंपों पर ईंधन न देने का फैसला वापस ले लिया है। यह आदेश उन पेट्रोल वाहनों पर लागू किया गया था जो 15 साल से अधिक पुराने हैं, और डीजल वाहनों पर जो 10 साल से अधिक पुराने हैं। ऐसे वाहनों को ‘एंड ऑफ लाइफ’ (EoL) वाहन कहा गया था।
पर्यावरण मंत्री मंजींदर सिंह सिरसा ने कहा कि इस प्रकार का ईंधन प्रतिबंध लागू करना तकनीकी सीमाओं और व्यवस्थागत जटिलताओं के कारण व्यवहारिक रूप से मुश्किल है। उन्होंने बताया कि अब सरकार ऐसे वाहनों को जब्त करने की प्रणाली पर काम कर रही है जो रख-रखाव की दृष्टि से खराब स्थिति में हैं, बजाय इसके कि उन नागरिकों को दंडित किया जाए जो अपने वाहनों को अच्छी स्थिति में बनाए रखते हैं।
पृष्ठभूमि: आदेश और विरोध
यह आदेश 1 जुलाई से लागू हुआ था, जो राष्ट्रीय राजधानी में वायु प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) द्वारा जारी किया गया था। आदेश के अनुसार, दिल्ली में लगे 498 पेट्रोल पंपों पर विशेष कैमरे लगाए गए थे जो नंबर प्लेट स्कैन करके किसी वाहन की उम्र का आकलन कर सकते थे। ये कैमरे एक केंद्रीकृत डेटाबेस से जुड़े हुए थे जो ‘एंड ऑफ लाइफ’ वाहनों की पहचान कर सकते थे।
CAQM के मुताबिक, दिल्ली में लगभग 62 लाख वाहन इस आदेश से प्रभावित हो सकते थे। इनमें दोपहिया, कार, ट्रक और विंटेज वाहन शामिल थे। आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली की वायु प्रदूषण समस्या में वाहनों का योगदान 50% से अधिक है।
लोगों की नाराज़गी और सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया
इस आदेश के बाद सोशल मीडिया पर लोगों ने तीखी प्रतिक्रिया दी। कई नागरिकों ने अपनी महंगी लेकिन अच्छी स्थिति में मौजूद पुरानी कारों का उदाहरण देते हुए इसे “विनाशकारी” और “अनुचित” नीति बताया।
एक व्यक्ति ने अपनी 16 साल पुरानी मर्सिडीज-बेंज E280 V6 को “विंटेज स्क्रैप” कहे जाने पर गहरी नाराजगी जताई और दावा किया कि उसकी कार से निकलने वाला प्रदूषण कई आधुनिक वाहनों से भी कम है। एक अन्य यूजर ने बताया कि उन्हें अपनी लगभग नई 8 साल पुरानी डीज़ल रेंज रोवर को मजबूरी में बेचना पड़ा क्योंकि यह नीति उन पर नया वाहन खरीदने का दबाव बना रही थी। उन्होंने लिखा, “यह हरित नीति नहीं, बल्कि जिम्मेदार मालिकों पर टैक्स है।”
कई नागरिकों ने सरकार से अपील की कि वाहनों की उम्र के बजाय उत्सर्जन स्तर के आधार पर नियम बनाए जाएं, जिससे जिम्मेदार वाहन स्वामियों को सज़ा न मिले।
आगे की स्थिति स्पष्ट नहीं
दिल्ली NCR में सबसे पहले इस नीति को लागू किया गया था, और इसके बाद गुरुग्राम सहित अन्य क्षेत्रों में इसे 1 नवंबर से लागू करने की योजना थी। हालांकि, अब यह साफ नहीं है कि अन्य NCR शहर भी दिल्ली की तरह इस आदेश को वापस लेंगे या नहीं।