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प्रदेश में किसानों को सतत रूप से हो खाद की आपूर्ति : मुख्यमंत्री साय

रायपुर, 01 जुलाई 2025/ मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज मंत्रालय स्थित महानदी भवन में आगामी खरीफ सीजन की तैयारियों के मद्देनजर खाद और बीज की उपलब्धता को लेकर एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की। बैठक में मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश देते हुए कहा कि राज्य के किसानों को खाद-बीज की आपूर्ति समयबद्ध और सतत रूप से सुनिश्चित की जाए, ताकि बुवाई और उत्पादन में किसी प्रकार की बाधा न आए।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने विशेष रूप से डीएपी (डाय-अमोनियम फॉस्फेट) के स्थान पर एनपीके (नाइट्रोजन, फॉस्फोरस, पोटैशियम) खाद के प्रयोग को प्रोत्साहित करने की बात कही। उन्होंने कहा कि किसानों को एनपीके खाद के लाभों के बारे में प्रशिक्षण व जनजागरूकता के माध्यम से अवगत कराया जाए, ताकि वे वैकल्पिक उर्वरकों को अपनाने के लिए प्रेरित हों।

मुख्यमंत्री ने कलेक्टरों को निर्देशित किया कि वे जिलेवार सहकारी समितियों में खाद की उपलब्धता और वितरण की नियमित निगरानी और समीक्षा करें। उन्होंने कहा कि यह समय खेती-किसानी के लिहाज से अत्यंत संवेदनशील और महत्वपूर्ण है। यदि इस दौरान खाद या बीज की आपूर्ति में कोई बाधा आती है, तो इसका सीधा असर किसानों की मेहनत और राज्य के कृषि उत्पादन पर पड़ेगा।

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उन्होंने यह सुनिश्चित करने को कहा कि किसानों को उचित मूल्य पर और पर्याप्त मात्रा में उर्वरक उपलब्ध हो। साथ ही कहा कि सहकारी समितियों में एनपीके खाद की पर्याप्त व्यवस्था की जा रही है और इसे किसानों तक पहुँचाने के लिए तत्काल कदम उठाए जाएं

मुख्यमंत्री ने नकली और अमानक खाद की बिक्री पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए अधिकारियों को चेताया कि ऐसे मामलों में कठोरतम कार्रवाई की जाए और दोषियों को किसी भी हाल में बख्शा न जाए। उन्होंने कहा कि किसानों के हितों से खिलवाड़ करने वालों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

इस अवसर पर मुख्य सचिव अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव राहुल भगत, कृषि उत्पादन आयुक्त शहला निगार, कृषि संचालक राहुल देव, तथा मार्कफेड के अधिकारी और कर्मचारी बैठक में उपस्थित रहे।

बैठक में खरीफ सीजन की योजनाओं, खाद बीज के स्टॉक, वितरण प्रणाली, परिवहन व्यवस्था, और किसानों तक समय पर उपलब्धता सुनिश्चित करने को लेकर विभिन्न पहलुओं पर गहन चर्चा की गई। मुख्यमंत्री ने अंत में कहा कि किसानों की हर जरूरत को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए और किसी भी स्तर पर लापरवाही स्वीकार्य नहीं होगी।

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