भारत–अमेरिका व्यापार समझौता जल्द हो सकता है घोषित, अंतिम चरण में बातचीत
भारत और अमेरिका के बीच बहुप्रतीक्षित व्यापार समझौते की घोषणा जल्द हो सकती है। व्हाइट हाउस ने सोमवार को संकेत दिए कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इस विषय में जल्द ही कोई औपचारिक घोषणा कर सकते हैं। दोनों देशों के बीच बातचीत अब निर्णायक मोड़ पर पहुंच गई है, और अगले कुछ दिनों में समझौते को अंतिम रूप देने की संभावना है।
यह विकास उस समय हो रहा है जब भारत पर लगने वाला 26 प्रतिशत पारस्परिक टैरिफ 9 जुलाई से प्रभाव में आने वाला है। अगर समझौता हो जाता है, तो यह शुल्क टल सकता है, जिससे भारतीय निर्यातकों को बड़ी राहत मिलेगी।
“मोदी–ट्रंप संबंध मजबूत, अंतिम चरण में बातचीत”
व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलाइन लेविट ने सोमवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा, “भारत हमारे लिए एशिया प्रशांत क्षेत्र में एक अहम रणनीतिक सहयोगी है। राष्ट्रपति ट्रंप और प्रधानमंत्री मोदी के बीच मजबूत व्यक्तिगत संबंध हैं, और यह संबंध आगे भी जारी रहेंगे।”
उन्होंने बताया कि व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया चल रही है, और जल्द ही इस बारे में राष्ट्रपति और उनकी व्यापार टीम से औपचारिक घोषणा की उम्मीद की जा सकती है।
संभावित समझौते की शर्तें: उद्योग और कृषि उत्पादों पर टैरिफ में नरमी
नीतिगत मामलों पर नज़र रखने वाले थिंक टैंक GTRI के प्रमुख अजय श्रीवास्तव के अनुसार, भारत के मुख्य व्यापार वार्ताकार वॉशिंगटन डीसी में मौजूद हैं और अगले सात दिन निर्णायक हो सकते हैं।
संभावित “मिनी डील” के तहत भारत औद्योगिक उत्पादों पर एमएफएन (Most Favoured Nation) टैरिफ में कटौती कर सकता है — खासकर ऑटोमोबाइल जैसे उत्पादों पर, जिन पर अमेरिका का विशेष ध्यान है। कृषि के क्षेत्र में, अमेरिका के कुछ उत्पादों जैसे एथेनॉल, बादाम, अखरोट, सेब, किशमिश, एवोकाडो, जैतून का तेल, स्पिरिट्स और वाइन पर सीमित बाजार पहुंच मिल सकती है, जो टैरिफ रेट कोटा (TRQs) के जरिए दी जाएगी।
हालांकि, भारत डेयरी और अनाज जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में टैरिफ कटौती के लिए तैयार नहीं है, क्योंकि ये भारत के ग्रामीण जीवन और 70 करोड़ से अधिक लोगों की आजीविका से जुड़े हुए हैं।
अमेरिकी मांगें: रक्षा खरीद और एफडीआई में ढील
इस व्यापार समझौते के तहत अमेरिका भारत से बड़ी व्यावसायिक खरीद जैसे तेल और एलएनजी, बोइंग के विमान, हेलीकॉप्टर और परमाणु रिएक्टर की डील करने की उम्मीद कर रहा है। इसके अलावा, मल्टी-ब्रांड रिटेल में एफडीआई की शर्तों में नरमी, और रीमैन्युफैक्चर्ड उत्पादों पर आयात नियमों में ढील भी चर्चा में शामिल हैं।
टैरिफ पर नया फॉर्मूला संभव
GTRI के अनुसार, अमेरिका फिलहाल भारत पर 26% टैरिफ फिर से लागू नहीं करेगा। इसके बजाय अधिकांश भारतीय वस्तुओं पर 10% का आधार टैरिफ लगाया जा सकता है। हालांकि, अमेरिका की ओर से भारत के लिए अपने एमएफएन टैरिफ में कोई कटौती नहीं की जाएगी।
चीन की चेतावनी भी चर्चा में
वहीं दूसरी ओर, चीन ने चेतावनी दी है कि अगर कोई भी देश उसके हितों को नुकसान पहुंचाकर समझौते करता है, तो वह कड़ी प्रतिक्रिया देगा। यह बयान ऐसे समय में आया है जब भारत में इलेक्ट्रिक वाहन निर्माताओं को चीन से रियर अर्थ एलिमेंट्स की आपूर्ति में बाधा का सामना करना पड़ रहा है।