दिघा जगन्नाथ मंदिर का प्रसाद बना सियासी विवाद का केंद्र, टीएमसी और भाजपा आमने-सामने
पश्चिम बंगाल की राजनीति में एक बार फिर धार्मिक आयोजन के बहाने सियासी घमासान तेज़ हो गया है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस सरकार द्वारा नवनिर्मित दिघा जगन्नाथ मंदिर से घर-घर “प्रसाद” बांटने की पहल ने प्रदेश में तीखा राजनीतिक विवाद खड़ा कर दिया है।
भाजपा ने इस अभियान को “रथ यात्रा के राजनीतिकरण” और “हिंदू भावनाओं के साथ खिलवाड़” बताया है। ममता बनर्जी पर चुनाव से पहले हिंदू वोट बैंक को लुभाने का आरोप लगाया गया है।
राज्य सरकार 17 जून से 4 जुलाई तक “दुआरे राशन” नेटवर्क के ज़रिए लगभग 1.04 करोड़ घरों तक जगन्नाथ मंदिर का प्रसाद पहुंचा रही है। प्रत्येक प्रसाद बॉक्स में भगवान जगन्नाथ की तस्वीर के साथ दो पारंपरिक मिठाइयाँ — पेड़ा और गजा — दी जा रही हैं। राज्य सरकार प्रति बॉक्स लगभग ₹20 का खर्च उठा रही है, जिसमें मिठाइयों के साथ पैकेजिंग और वितरण का खर्च भी शामिल है।
प्रसाद के निर्माण में दिघा मंदिर में अर्पित खोया को स्थानीय मिठाई दुकानों के खोए के साथ मिलाकर तैयार किया गया है। पैकिंग और वितरण में स्वयं सहायता समूहों (SHG) और अन्य मिशनों को लगाया गया है। जिलों में प्रसाद के संग्रहण और वितरण के लिए हॉल और स्टोरेज केंद्र निर्धारित किए गए हैं।
इस पहल को लेकर भाजपा ने ममता सरकार पर कई आरोप लगाए हैं। विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने पूर्व मेदिनीपुर जिले के तमलुक शहर में रथ यात्रा के दिन से पांच दिन तक पुरी जगन्नाथ मंदिर का प्रसाद बांटने की घोषणा की है। तमलुक और दिघा दोनों ही क्षेत्र सुवेंदु का गढ़ माने जाते हैं।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने आरोप लगाया कि ममता बनर्जी “हिंदू बनने की कोशिश” कर रही हैं, लेकिन जब बंगाल के मुर्शिदाबाद ज़िले के शमशेरगंज में मंदिरों पर हमला हुआ तो उन्होंने कुछ नहीं किया।
इसके अलावा भाजपा नेता अमित मालवीय ने सोशल मीडिया पर दावा किया कि मुर्शिदाबाद में मुस्लिम दुकानदारों को मिठाई बनाने और राशन वितरण की जिम्मेदारी देकर “हिंदू भावनाओं का अपमान” किया गया है। उन्होंने इसे “जानबूझकर किया गया उकसावा” बताया।
भाजपा महासचिव जगन्नाथ चटोपाध्याय ने कहा कि एक पेड़ा और गजा पर 42 करोड़ रुपये खर्च करना वित्तीय अनियमितता का संकेत है, जबकि राज्य में कर्मचारियों का डीए और शिक्षकों की नियुक्तियाँ अधर में हैं।
उधर, तृणमूल कांग्रेस ने भाजपा पर पलटवार करते हुए आरोप लगाया कि वह “हिंदू विरोधी” रुख अपना रही है और जानबूझकर धार्मिक पहल को राजनीति से जोड़कर लोगों को भटका रही है।
दिघा जगन्नाथ मंदिर, जो पुरी के प्रसिद्ध मंदिर की प्रतिकृति है, का निर्माण राज्य की शहरी नियोजन संस्था WBHIDCO द्वारा किया गया है और इसका उद्घाटन 30 अप्रैल को ममता बनर्जी ने किया था।
राजनीतिक जानकारों के अनुसार, यह विवाद 2026 के विधानसभा चुनावों से पहले बंगाल की राजनीति में बढ़ती ध्रुवीकरण की तस्वीर पेश करता है। जहां टीएमसी भाजपा के ‘तुष्टिकरण’ के आरोपों का जवाब देने की कोशिश कर रही है, वहीं भाजपा हिंदू वोटों को एकजुट करने की रणनीति पर काम कर रही है।