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ईरान-इज़राइल संघर्ष: भारत ‘ऑपरेशन सिंधु’ के तहत नेपाली और श्रीलंकाई नागरिकों को भी करेगा सुरक्षित बाहर निकालने में मदद

ईरान और इज़राइल के बीच चल रहे भीषण संघर्ष के बीच, भारत सरकार ने न सिर्फ अपने नागरिकों को वहां से निकालने का बीड़ा उठाया है, बल्कि नेपाल और श्रीलंका के नागरिकों को भी मदद देने का फैसला किया है। ईरान स्थित भारतीय दूतावास ने शनिवार को घोषणा की कि ‘ऑपरेशन सिंधु’ के तहत अब नेपाली और श्रीलंकाई नागरिकों को भी सुरक्षित निकाला जाएगा।

भारतीय दूतावास ने बताया कि नेपाल और श्रीलंका की सरकारों द्वारा औपचारिक अनुरोध किए जाने के बाद यह निर्णय लिया गया है। दूतावास ने आपातकालीन हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए हैं, जिन पर ईरान में फंसे नेपाली और श्रीलंकाई नागरिक संपर्क कर सकते हैं। जारी किए गए नंबर हैं: +989010144557, +989128109115, और +989128109109।

एक आधिकारिक बयान में दूतावास ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व ट्विटर) पर लिखा, “नेपाल और श्रीलंका की सरकारों के अनुरोध पर भारतीय दूतावास द्वारा चलाए जा रहे राहत कार्यों में उनके नागरिकों को भी शामिल किया जाएगा।”

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इस बीच, भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जैसवाल ने जानकारी दी कि अब तक 517 भारतीय नागरिकों को ईरान से सफलतापूर्वक भारत लाया जा चुका है। शनिवार तड़के एक विशेष उड़ान तुर्कमेनिस्तान के अशगाबात शहर से दिल्ली पहुंची, जिसमें कई भारतीय नागरिक सवार थे।

ईरान और इज़राइल के बीच जारी संघर्ष 13 जून से शुरू हुआ, जब इज़राइल ने ईरान के सैन्य और परमाणु ठिकानों पर एक बड़ा हवाई हमला किया, जिसे “ऑपरेशन राइजिंग लायन” नाम दिया गया। जवाब में ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) ने “ऑपरेशन ट्रू प्रॉमिस 3” के तहत इज़राइली ऊर्जा और ईंधन केंद्रों को निशाना बनाकर ड्रोन और मिसाइल हमले किए।

भारत पहले भी ऐसे कई संकटों के समय अपने नागरिकों को निकालने के लिए अभियान चला चुका है। 2023 में ‘ऑपरेशन अजाय’ के तहत इज़राइल-हमास संघर्ष से नागरिकों को वापस लाया गया था, और उसी वर्ष ‘ऑपरेशन कावेरी’ के जरिए सूडान से भी भारतीयों को निकाला गया था। रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान ‘ऑपरेशन गंगा’, अफगानिस्तान संकट में ‘ऑपरेशन देवी शक्ति’, और COVID-19 महामारी के दौरान ‘ऑपरेशन समुद्र सेतु’ जैसे प्रयास भी किए गए हैं।

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भारत का यह कदम न केवल मानवीय सहायता का परिचायक है, बल्कि दक्षिण एशियाई सहयोग और क्षेत्रीय नेतृत्व की उसकी प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है।

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