सुरक्षा कारणों से मायावती ने छोड़ा 35, लोधी एस्टेट का सरकारी बंगला, सीपीडब्ल्यूडी को सौंपा आवास
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए हाल ही में दिल्ली स्थित अपना सरकारी आवास खाली कर दिया है। लोधी एस्टेट स्थित बंगला संख्या 35, जो उन्हें राष्ट्रीय पार्टी की अध्यक्ष के नाते आवंटित किया गया था, अब खाली पड़ा है और इसकी चाबी उन्होंने केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (CPWD) को सौंप दी है।
मायावती फरवरी 2024 में इस आवास में शिफ्ट हुई थीं, जब उन्हें इसे आधिकारिक रूप से राष्ट्रीय पार्टी अध्यक्ष के रूप में सौंपा गया था। यह बंगला बसपा के केंद्रीय कार्यालय, 29 लोधी एस्टेट के ठीक पीछे स्थित है, और दोनों परिसरों को जोड़ने वाला गेट भी मौजूद था। दोनों बंगलों को बीते वर्ष एक समान ढंग से नया रूप दिया गया था।
स्कूल और वाहनों की भीड़ बनी कारण
पार्टी सूत्रों के अनुसार, बंगला छोड़ने के पीछे मुख्य कारण सुरक्षा से संबंधित रहा। 35, लोधी एस्टेट के पास एक स्कूल (विद्या भवन महाविद्यालय) स्थित है, जिसके कारण अक्सर स्कूल वैन और अभिभावकों के वाहन सड़क पर खड़े रहते थे। ऐसे में मायावती की ज़ेड-प्लस सुरक्षा व्यवस्था में लगे सुरक्षा कर्मियों को भी असुविधा होती थी।
सूत्रों ने बताया कि जब भी मायावती आवास पर मौजूद होती थीं, बम निरोधक दस्ते द्वारा इलाके की जांच की जाती थी, जिससे स्कूल संचालन और आने-जाने वालों को भी परेशानी होती थी।
पार्टी की चुप्पी, सुरक्षा अब भी जारी
बसपा के वरिष्ठ नेताओं ने इस स्थानांतरण पर चुप्पी साध रखी है। पार्टी महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा से संपर्क नहीं हो सका, जबकि एक अन्य महासचिव मेवा लाल ने इस पर जानकारी से इनकार किया। दिल्ली पुलिस के सूत्रों का कहना है कि उन्हें मायावती के निवास पर किसी विशेष खतरे की जानकारी नहीं मिली थी, लेकिन ज़ेड-प्लस सुरक्षा मुहैया कराने वाली इकाई को उनके स्थानांतरण की सूचना दे दी गई है। उनकी सुरक्षा अब भी पहले जैसी ही बनी हुई है।
राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा भी संदेह में
मायावती का यह स्थानांतरण ऐसे समय हुआ है जब बसपा का राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा कमजोर हो चुका है। 2024 के लोकसभा चुनावों में पार्टी का प्रदर्शन बेहद खराब रहा, जिससे उसका दर्जा बरकरार रहने पर संशय उत्पन्न हो गया है।
गौरतलब है कि 35, लोधी एस्टेट में करीब दो दर्जन कमरे हैं, जिनमें सुरक्षा कर्मी और निजी स्टाफ तैनात रहता था। अब यह बंगला सुनसान पड़ा है, बाहर तैनात सीपीडब्ल्यूडी कर्मियों के कक्ष भी हटा दिए गए हैं।
पूर्व में भी उठे थे सुरक्षा मुद्दे
यह पहला मौका नहीं है जब मायावती ने सुरक्षा कारणों से सरकारी व्यवस्था में बदलाव की मांग की हो। वर्ष 2014 में, जब कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार सत्ता में थी, दिल्ली नगर निगम ने बसपा के आग्रह पर मायावती के आवास के सामने स्थित एक बस स्टॉप को हटा दिया था। उस समय भी उन्होंने दिल्ली पुलिस और गृह मंत्रालय को खतरे की आशंका को लेकर पत्र लिखा था।