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मदकू द्वीप में ऐतिहासिक पहल: पर्यटकों और स्थानीय समूहों ने मिलकर किया स्वच्छता अभियान

तुरमा, 18 मई 2025। प्राकृतिक, धार्मिक और ऐतिहासिक दृष्टि से समृद्ध मदकू द्वीप इस बार एक नई मिसाल का साक्षी बना, जब पर्यटकों और स्थानीय सामाजिक संगठनों ने मिलकर स्वच्छता अभियान चलाया। यह पहला अवसर था जब पर्यटक स्वयं आगे आकर स्वच्छता को लेकर सक्रिय हुए और आमजनों को प्रेरित किया कि ऐसे सांस्कृतिक स्थलों की सफाई और संरक्षण में सबकी भूमिका जरूरी है।

इस अभियान का आयोजन ओम स्व सहायता समूह तुरमा, भारत माता वाहिनी महिला कमांडो समूह, जय मां महामाया युवा प्रभाग तुरमा और पर्यावरण संरक्षण गतिविधि, जिला बलौदा बाजार की जिला टोली के संयुक्त तत्वावधान में किया गया। कार्यक्रम स्थल था – ऐतिहासिक मदकू द्वीप, जो मुंगेली जिले के हरिहर-केदार क्षेत्र में स्थित है, लेकिन इस आयोजन में प्रमुख भागीदारी ग्राम पंचायत तुरमा, तहसील भाटापारा, जिला बलौदा बाजार के लोगों की रही।

पर्यटकों की पहल और जागरूकता का संदेश

मदकू द्वीप वर्षों से एक प्रमुख धार्मिक व पर्यटन स्थल रहा है, लेकिन समय के साथ यह स्थल पर्यटकों द्वारा छोड़ी गई प्लास्टिक थैलियों, पत्तलों, डिस्पोजल और अन्य अपशिष्टों से प्रभावित होता रहा है। इस पहल में पर्यटकों और समूहों ने स्वयं अपने हाथों से इन अपशिष्टों को साफ किया और लोगों को यह संदेश दिया कि “हमारे धार्मिक व ऐतिहासिक धरोहरों की रक्षा केवल सरकार की नहीं, हम सभी की जिम्मेदारी है।”

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उपस्थित प्रमुख व्यक्ति और समूह

कार्यक्रम में पर्यावरण संरक्षण गतिविधि के जिला संयोजक शुभम कुमार वर्मा, शैक्षणिक संस्थान प्रमुख तीजराम पाल, जल प्रमुख सरिता बंजारे, नारी प्रमुख सरस्वती साहू, ग्राम पंचायत तुरमा की सरपंच लीला परस मनहरे, रोजगार सचिव नंदलाल पाल, युवा प्रभाग तुरमा के अध्यक्ष छबिराम पाल, तथा मितानिन समूह की श्रीमती सरोज पाल, श्रीमती माहेश्वरी ध्रुव, पूनम पाल, केजापाल पाल, बजरीहीन पाल, संमल बाई ध्रुव, श्री विशंभर पाल, पुरुषोत्तम मनहरे सहित महिला स्व सहायता समूह की अनेक नारी शक्ति उपस्थित रहीं।

संतों का मार्गदर्शन और संदेश

मदकू द्वीप के संत रामस्वरूप दास मत्यागी रामाश्रय जी ने इस पहल की भरपूर सराहना करते हुए कहा, “धार्मिक स्थलों की सफाई स्वयं सेवा का सर्वोत्तम रूप है। हर व्यक्ति को न केवल खुद स्वच्छता अपनानी चाहिए, बल्कि दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करना चाहिए।” उन्होंने सभी से अपील की कि इस प्रकार के नेकी के कार्य समाज में बारंबार होते रहें और प्रकृति, परंपरा और संस्कृति की रक्षा में हम सब सहभागी बनें।

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प्रेषक

तीज राम पाल