\

रूस को लेकर ट्रंप की बढ़ती नाराज़गी: फिनलैंड के राष्ट्रपति ने दिए कड़े प्रतिबंधों के संकेत

फिनलैंड के राष्ट्रपति अलेक्ज़ेंडर स्टब ने संकेत दिए हैं कि अमेरिका, विशेष रूप से पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, रूस के खिलाफ सख्त रुख अपनाने की तैयारी में है। स्टब के अनुसार, यूक्रेन को लेकर रूस के अड़ियल रुख से ट्रंप की नाराज़गी लगातार बढ़ रही है और यह जल्द ही अमेरिका की नीतियों में कड़े बदलाव का रूप ले सकती है।

स्टब ने यह बयान एस्तोनिया के लेनार्ट मेरी सुरक्षा सम्मेलन में दिया, जहाँ उन्होंने बताया कि ट्रंप और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच आगामी सोमवार को एक अहम फोन बातचीत प्रस्तावित है। स्टब ने कहा, “ज़ेलेंस्की धैर्यशील हैं और ट्रंप अब अधीर हो रहे हैं — लेकिन सही दिशा में, यानी रूस के प्रति।”

‘हड्डी तोड़’ प्रतिबंधों की तैयारी

फिनलैंड के राष्ट्रपति ने यह भी खुलासा किया कि अमेरिकी सीनेटर लिंडसे ग्राहम और रिचर्ड ब्लूमेंथल रूस के खिलाफ एक नया प्रतिबंध विधेयक लाने की योजना बना रहे हैं। यह प्रस्तावित प्रतिबंध रूस की आर्थिक रीढ़ पर चोट करने के लिए तैयार किया गया है। ग्राहम ने इसे “बोन-क्रशिंग” (हड्डी तोड़ने जैसा) बताया है।

संभावित प्रतिबंधों में उन विदेशी कंपनियों को निशाना बनाया जा सकता है जो रूसी ऊर्जा संसाधनों के साथ व्यापार कर रही हैं। प्रारंभिक प्रस्ताव में कुछ वस्तुओं पर 500% तक टैरिफ लगाने की बात भी कही गई थी, जो ट्रंप की पुरानी आक्रामक व्यापार नीति के अनुरूप है।

स्टब का मानना है कि भले ही ये प्रतिबंध तत्काल लागू न हों, पर इनकी धमकी ही रूस पर राजनयिक दबाव बढ़ाने के लिए काफी हो सकती है।

“रूस अब महाशक्ति नहीं रहा” – स्टब का ट्रंप को संदेश

स्टब ने ट्रंप के साथ हुई एक बातचीत का ज़िक्र करते हुए कहा कि उन्होंने ट्रंप को समझाने की कोशिश की कि रूस अब पहले जैसा वैश्विक ताकतवर देश नहीं रहा। उन्होंने कहा, “आर्थिक रूप से यह इटली से छोटा और स्पेन से थोड़ा बड़ा है। ब्याज दर 20% से ऊपर है और विदेशी मुद्रा भंडार लगभग खाली हो चुका है। तीन साल पहले जो सेना यूक्रेन की संप्रभुता नकारना चाहती थी, वह अब तक एक प्रतिशत से भी कम प्रगति कर पाई है।”

उन्होंने यह भी जोड़ा कि रूस के साथ किसी भी उच्चस्तरीय वार्ता में यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की की भागीदारी अनिवार्य होनी चाहिए। “हम यूरोप में किसी भी व्यक्तिगत पहल की बजाय ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी की साझी अगुवाई (E3) के माध्यम से समन्वित रूप से रूस से संवाद करें,” स्टब ने कहा।

नवीन रणनीति की ओर इशारा

स्टब ने यह भी सुझाव दिया कि अमेरिका को अब सामूहिक रक्षा और मुक्त व्यापार को प्राथमिकता देनी चाहिए, बजाय केवल लेन-देन आधारित कूटनीति के। उन्होंने कहा कि ट्रंप का दृष्टिकोण कभी-कभी 19वीं सदी की ‘कांसरट ऑफ पावर्स’ जैसा लगता है, जिसे बदलने की ज़रूरत है।