आतंकवाद के खिलाफ दुनिया को भारत का सख्त संदेश देंगे शशि थरूर और ओवैसी, सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल विदेश यात्रा पर
हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए घातक आतंकी हमले के बाद भारत द्वारा शुरू किए गए “ऑपरेशन सिंदूर” के मद्देनज़र केंद्र सरकार ने एक बड़ा कूटनीतिक कदम उठाया है। इसके तहत सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडलों को दुनिया के प्रमुख देशों में भेजा जाएगा, ताकि भारत की आतंकवाद के खिलाफ ‘शून्य सहनशीलता’ की नीति को वैश्विक मंचों पर मजबूती से प्रस्तुत किया जा सके।
कांग्रेस सांसद और पूर्व राजनयिक शशि थरूर को इस अभियान का नेतृत्व सौंपा गया है। थरूर ने केंद्र सरकार के इस आमंत्रण को स्वीकार करते हुए कहा, “जब राष्ट्रीय हित दांव पर हो, तो मेरी सेवाएं हमेशा राष्ट्र के लिए उपलब्ध हैं।”
इन प्रतिनिधिमंडलों में विपक्ष और सत्ता पक्ष के प्रमुख नेता शामिल हैं, जिससे यह स्पष्ट होता है कि भारत इस मुद्दे पर एकजुट है। विपक्षी नेताओं में डीएमके की कनिमोझी करुणानिधि, एनसीपी (शरद पवार गुट) की सुप्रिया सुले, और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद व मनीष तिवारी जैसे नाम शामिल हैं। वहीं सत्ता पक्ष से भाजपा के रविशंकर प्रसाद, बैजयंत पांडा, जदयू के संजय झा और शिवसेना (शिंदे गुट) के श्रीकांत शिंदे प्रतिनिधिमंडलों का हिस्सा होंगे।
संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने सोशल मीडिया पर जानकारी साझा करते हुए कहा, “ऐसे अहम क्षणों में भारत एकजुट खड़ा है। यह पहल राजनीति से ऊपर उठकर राष्ट्रीय एकता का प्रतीक है।”
इन प्रतिनिधिमंडलों का उद्देश्य संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सदस्य देशों सहित प्रमुख साझेदार राष्ट्रों से संपर्क स्थापित कर भारत की कड़ी नीति को साझा करना है। मंत्रालय ने बताया कि इन दौरे के दौरान भारत “सभी प्रकार के आतंकवाद के खिलाफ अपनी प्रतिबद्धता और राष्ट्रीय सहमति” को अंतरराष्ट्रीय समुदाय के समक्ष रखेगा।
सूत्रों के मुताबिक, अन्य नेताओं में एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी, डीपीएपी के गुलाम नबी आज़ाद, आम आदमी पार्टी के विक्रमजीत साहनी, सीपीआई (एम) के जॉन ब्रिटास, और बीजेडी के सस्मित पात्रा शामिल हैं।
प्रतिनिधिमंडल लगभग 10 दिनों तक विभिन्न देशों का दौरा करेंगे और भारत की सुरक्षा नीति और आतंकवाद के विरुद्ध कड़े रुख की जानकारी साझा करेंगे।
ऑपरेशन सिंदूर: एक झलक
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत के बाद भारत ने 7 मई को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर में स्थित आतंकी ठिकानों पर करारा प्रहार किया। इस कार्रवाई में लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे आतंकी संगठनों के नौ ठिकाने तबाह किए गए और 100 से अधिक आतंकवादियों को मार गिराया गया।
इसके बाद पाकिस्तान की ओर से ड्रोन और मिसाइल हमले किए गए, जिन्हें भारतीय सुरक्षा बलों ने सफलतापूर्वक निष्क्रिय किया। जवाबी कार्रवाई में भारत ने पाकिस्तानी सेना के अहम सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया। चार दिनों तक चले इस तनावपूर्ण दौर के बाद, 10 मई को दोनों देशों के बीच तत्काल प्रभाव से संघर्षविराम पर सहमति बनी।