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नक्सलवाद के खिलाफ निर्णायक जीत: छत्तीसगढ़-तेलंगाना सीमा पर 31 नक्सली ढेर, 2026 तक नक्सलमुक्त भारत का संकल्प

देशभर में नक्सलवाद के अंत की ओर बढ़ते कदमों को और मजबूत करते हुए छत्तीसगढ़-तेलंगाना सीमा पर सुरक्षाबलों ने नक्सल विरोधी अभियान में बड़ी सफलता हासिल की है। इस ऑपरेशन में 31 खूंखार नक्सली मारे गए, जिससे लाल आतंक की कमर लगभग टूटती दिखाई दे रही है।

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने इस अभूतपूर्व उपलब्धि पर सीआरपीएफ, एसटीएफ और डीआरजी के जवानों को बधाई देते हुए कहा कि यह सफलता भारत को नक्सलमुक्त बनाने की दिशा में एक निर्णायक मील का पत्थर है। उन्होंने कहा, “हम प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह के नेतृत्व में 2026 तक नक्सलवाद का पूरी तरह से खात्मा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”

मुख्यमंत्री साय ने ऑपरेशन में भाग लेने वाले सभी जवानों की बहादुरी और समर्पण की सराहना की और कहा कि यह शौर्य बस्तर के गांव-गांव में शांति, विकास और विश्वास का संदेश लेकर पहुंचेगा।

इसी कड़ी में केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह ने इस अभियान को अब तक की सबसे बड़ी सफलता करार देते हुए सुरक्षाबलों के साहस को सलाम किया। उन्होंने बताया कि यह अभियान बेहद दुर्गम क्षेत्र में सिर्फ 21 दिनों में पूरा किया गया, और खास बात यह रही कि इसमें सुरक्षाबलों की ओर से एक भी हताहत नहीं हुआ।

श्री शाह ने कहा, “जिस स्थान पर कभी नक्सली शिविर और हथियार निर्माण केंद्र हुआ करते थे, आज वहां तिरंगा शान से लहरा रहा है। यह भारत की आंतरिक सुरक्षा और लोकतंत्र की जीत है।”

उन्होंने इस सफलता को केवल सैन्य नहीं बल्कि वैचारिक और मनोवैज्ञानिक विजय बताते हुए कहा कि इससे नक्सली नेटवर्क की रीढ़ टूट चुकी है। उन्होंने भरोसा जताया कि 31 मार्च 2026 तक भारत नक्सलमुक्त होगा और छत्तीसगढ़ की धरती शांति और समृद्धि का प्रतीक बनेगी।

केंद्रीय मंत्री ने राज्य और केंद्र के समन्वय की सराहना करते हुए कहा कि यह जीत इस बात का प्रमाण है कि जब साझा प्रयास ईमानदारी और रणनीति के साथ किए जाते हैं, तो असंभव भी संभव हो जाता है।