एम्स रायपुर ने जटिल महाधमनी विकृति का ‘टीईवीएआर’ प्रक्रिया से सफल उपचार किया
रायपुर/ एक महत्वपूर्ण चिकित्सा उपलब्धि के तहत, एम्स रायपुर ने जटिल महाधमनी (एओर्टिक) विकृति के एक मामले का सफलतापूर्वक उपचार किया है। यह उपचार टीईवीएआर (थोरासिक एंडोवैस्कुलर एओर्टिक रिपेयर) नामक न्यूनतम इनवेसिव प्रक्रिया के माध्यम से किया गया, जो संस्थान में इंटरवेंशनल रेडियोलॉजी के क्षेत्र में एक बड़ी प्रगति को दर्शाता है।
24 वर्षीय महिला मरीज में एओर्टिक डिसेक्शन का निदान हुआ था — यह एक जानलेवा स्थिति है जिसमें महाधमनी की भीतरी दीवार में दरार आ जाती है, जिससे रक्तवाहिनी की परतें अलग हो जाती हैं। पारंपरिक रूप से ऐसे मामलों में ओपन चेस्ट सर्जरी (थोराकोटॉमी) की आवश्यकता होती है। हालांकि, इस मामले में उपचार जांघ की धमनी (आर्टरी) के माध्यम से एक बहुत कम आक्रामक तरीके से किया गया, जिससे बड़ी सर्जरी की जरूरत नहीं पड़ी।
मरीज की असामान्य रूप से संकरी इलियक आर्टरी के कारण, सामान्य ग्रोइन एक्सेस संभव नहीं था। सर्जरी टीम ने इसके लिए निचले पेट में एक छोटा शल्य क्रिया मार्ग (इलियक कंड्यूट) बनाकर वैकल्पिक रास्ता तैयार किया। इस मार्ग से स्टेंट ग्राफ्ट को डीएसए (डिजिटल सब्स्ट्रैक्शन एंजियोग्राफी) के तहत पेट और छाती की महाधमनी में पहुंचाया गया। स्टेंट ग्राफ्ट को सही स्थान (ट्रू ल्यूमेन) में सफलतापूर्वक स्थापित किया गया, जिससे दरार को सील कर दिया गया और रक्त प्रवाह सामान्य कर दिया गया।
यह जटिल और उच्च-जोखिम वाली प्रक्रिया 18 सदस्यीय बहुविशेषज्ञ टीम के समन्वित प्रयासों से संभव हो सकी। इंटरवेंशनल रेडियोलॉजी टीम का नेतृत्व डॉ. एन.के. बोधे ने किया, जबकि कार्डिएक सर्जरी टीम का नेतृत्व डॉ. नितिन कश्यप और डॉ. प्रणय ने किया। एनेस्थीसिया टीम की अगुवाई डॉ. सुब्रत सिंह ने की।
सहायक डॉक्टरों में डॉ. क्रोहित यादव, डॉ. अमीन अंसारी और डॉ. संदीप शामिल थे। नर्सिंग देखभाल श्रीमती दिव्या एस. नायर और श्री जेम्स विक्टर ने प्रदान की।
डॉ. बोधे ने अपनी विभागीय टीम के सहयोगियों — डॉ. सरोज, डॉ. मनीष, डॉ. ऋचा और डॉ. निहार — के साथ ही डॉ. विनय राठौर (नेफ्रोलॉजी), डॉ. सत्यजीत सिंह (कार्डियोलॉजी) और डॉ. चिन्मय पांडा (क्रिटिकल केयर) का विशेष योगदान देने के लिए आभार व्यक्त किया।
एम्स रायपुर के कार्यकारी निदेशक एवं सीईओ लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) अशोक जिंदल ने इस उल्लेखनीय उपलब्धि के लिए रेडियोलॉजी विभाग और सभी सहयोगी विभागों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह सफल टीईवीएआर प्रक्रिया संस्थान की उन्नत इंटरवेंशनल रेडियोलॉजी क्षमताओं में एक और गौरवान्वित करने वाला अध्याय जोड़ती है।