विश्व हिन्दू परिषद ने मुर्शिदाबाद की घटनाओं की एन आई ए जांच की मांग की
कोलकाता, 18 अप्रैल 2025। विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष एवं वरिष्ठ अधिवक्ता श्री आलोक कुमार ने पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में हिंदुओं की नृशंस हत्या, उत्पीड़न, हिंसा, आगजनी, लूटपाट, बलात्कार और धमकी जैसे घटनाक्रमों पर गहरा आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा है कि यह घटना केवल एक स्थानीय विवाद या असामाजिक तत्वों की करतूत नहीं, बल्कि सुनियोजित और संगठित रूप से हिंदुओं के विरुद्ध किया गया एक सामूहिक हमला है, जिसकी जांच राष्ट्रीय नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि मुर्शिदाबाद में संपूर्ण हिंदू समाज पर हमला किया गया। वहां के मंदिरों को तोड़ा गया, पूजा-पाठ रोका गया, हिंदू महिलाओं से अभद्र व्यवहार और उनके साथ बलात्कार जैसी घिनौनी घटनाएं सामने आई हैं। सैकड़ों हिंदू परिवारों के मकानों को आग के हवाले कर दिया गया, दुकानों को लूटा गया और उनका जीवन अस्त-व्यस्त कर दिया गया। कई स्थानों पर हिंदुओं को गांव छोड़ने के लिए धमकाया जा रहा है। यह सब घटनाएं यह सिद्ध करती हैं कि यह कोई सामान्य अपराध नहीं, बल्कि एक गहरी साजिश है जिसका उद्देश्य वहां से हिंदू समाज को समाप्त करना है।
श्री आलोक कुमार ने कहा कि यह अत्यंत चिंताजनक है कि इस प्रकार की घटनाओं पर न तो राज्य सरकार कोई ठोस कार्रवाई कर रही है, और न ही देश के मानवाधिकार संगठन इस पर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। यह दोहरे मापदंड का प्रतीक है कि जब किसी अन्य समुदाय पर कोई घटना घटती है, तो तथाकथित बुद्धिजीवी और मानवाधिकार कार्यकर्ता मुखर होकर आवाज उठाते हैं, लेकिन जब पीड़ित हिंदू होते हैं, तब सभी खामोश हो जाते हैं।
उन्होंने केंद्र सरकार से मांग की कि इस मामले की जांच राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (NIA) या अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार एजेंसियों से कराई जाए ताकि इस षड्यंत्र के पीछे छिपे अपराधियों और उनके सरगनाओं की पहचान हो सके और उन्हें कठोरतम सजा दी जा सके। साथ ही, उन्होंने राज्य सरकार से यह भी मांग की कि पीड़ित हिंदू परिवारों को तत्काल सुरक्षा, पुनर्वास, भोजन, पानी, दवाइयां, आवास तथा अन्य जरूरी सहायता मुहैया कराई जाए।
विश्व हिंदू परिषद ने यह स्पष्ट किया है कि अगर राज्य सरकार इस विषय को नजरअंदाज करती है और दोषियों को बचाने का प्रयास करती है, तो परिषद देशव्यापी आंदोलन करेगी। साथ ही, परिषद ने सभी हिंदू संगठनों, संत समाज, सामाजिक संगठनों और आम जनता से भी अपील की है कि वे इस अन्याय के विरुद्ध संगठित होकर आवाज उठाएं।