सब मिलकर लिखेंगे बस्तर के विकास की नई ईबारत: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय
रायपुर 15 अप्रैल 2025/ छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की विशेष उपस्थिति में जगदलपुर में आयोजित “विकसित बस्तर की ओर” परिचर्चा में बस्तर के विकास हेतु व्यापक कार्ययोजना प्रस्तुत की गई। कृषि, कौशल विकास, पर्यटन और उद्योग क्षेत्रों में संभावनाओं पर गहन चर्चा हुई। मुख्यमंत्री ने बस्तर को नक्सलवाद से मुक्त कर विकास की मुख्यधारा में लाने के संकल्प को दोहराया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि दशकों तक नक्सलवाद से पीड़ित बस्तर अब समृद्ध संस्कृति, प्राकृतिक सौंदर्य, कृषि और खनिज संसाधनों के साथ विकास की नई राह पर अग्रसर है। उन्होंने “विकसित छत्तीसगढ़ @2047” के लक्ष्य को “नवा अंजोर” विजन से जोड़ते हुए इसकी शुरुआत बस्तर से होने की बात कही।
मुख्य बिंदु:
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कृषि क्षेत्र: मक्का की खेती 1.85 लाख हेक्टेयर से बढ़ाकर 3 लाख हेक्टेयर और मिलेट्स की खेती 52 हजार से 75 हजार हेक्टेयर करने का लक्ष्य। स्थानीय स्तर पर प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना, जैविक उत्पादों की ब्रांडिंग और विपणन पर बल।
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कौशल विकास: अब तक 90 हजार युवाओं को प्रशिक्षण, 40 हजार को रोजगार। आगामी वर्षों में 32 नए कौशल केंद्र और सभी जिलों में आवासीय प्रशिक्षण केंद्र की योजना। आत्मसमर्पित नक्सलियों व महिलाओं को प्राथमिकता।
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पर्यटन: बस्तर दशहरा को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रचारित करने की रणनीति। गाइड प्रशिक्षण, होमस्टे योजनाएं और निजी भागीदारी को बढ़ावा। तीरथगढ़ जलप्रपात पर कांच का पुल और पेदावाड़ में हीलिंग सेंटर की योजना।
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उद्योग: नई औद्योगिक नीति 2024-30 के तहत रॉयल्टी प्रतिपूर्ति, सब्सिडी और नक्सल पीड़ितों को रोजगार देने पर प्रोत्साहन। बस्तर से 102 करोड़ रु. के वार्षिक निर्यात में लौह अयस्क की मुख्य भूमिका।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मार्च 2026 तक नक्सलमुक्त भारत के लक्ष्य के साथ बस्तर के विकास को और तेज किया जाएगा। नई राहत-पुनर्वास नीति के माध्यम से नक्सल प्रभावित परिवारों को मुख्यधारा से जोड़ने के प्रयास किए जा रहे हैं।
परिचर्चा में उप मुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा, वन मंत्री श्री केदार कश्यप, सांसद महेश कश्यप सहित जनप्रतिनिधि, वरिष्ठ अधिकारी और संबंधित विभागों के प्रतिनिधि शामिल हुए।