\

बिहार चुनाव से पहले NDA को झटका, पशुपति पारस ने किया गठबंधन से किनारा

2025 में होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव से पहले राज्य की राजनीति में एक बड़ा मोड़ आया है। राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (RLJP) के अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) से नाता तोड़ने का ऐलान कर दिया है।

पटना में अंबेडकर जयंती के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम में पारस ने यह घोषणा की। उन्होंने कहा, “2014 से मैं एनडीए के साथ था, लेकिन आज से हमारा कोई संबंध नहीं रहेगा।”

सभी सीटों पर अकेले उतरने का ऐलान

पारस ने स्पष्ट किया कि उनकी पार्टी अब बिहार की 243 विधानसभा सीटों पर अकेले चुनाव लड़ेगी। उन्होंने इसे दल को राज्य में मज़बूत विकल्प के तौर पर स्थापित करने की दिशा में “साहसिक कदम” बताया।

उन्होंने दावा किया कि राज्य की जनता नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार से ऊब चुकी है और बदलाव चाहती है। पारस ने बताया कि उन्होंने अब तक 22 ज़िलों का दौरा किया है और जल्द ही बाकी 16 ज़िलों में भी जनसंपर्क करेंगे।

नीतीश सरकार पर तीखा हमला

पशुपति पारस ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर सीधा हमला बोलते हुए उन्हें दलित विरोधी और मानसिक रूप से अस्वस्थ बताया। उन्होंने कहा कि राज्य में दलितों के खिलाफ अपराध बढ़े हैं और सरकार मूकदर्शक बनी हुई है।

उन्होंने औरंगाबाद और रोहतास में हुई दो हालिया घटनाओं का हवाला देते हुए कहा कि सरकार ने दोषियों के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं की।

“होली के दिन औरंगाबाद में कोमल पासवान नाम की युवती को एक नेता के बेटे ने बाइक से कुचल दिया। इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई, लेकिन राज्य सरकार चुप रही,” पारस ने कहा।

उन्होंने आगे बताया कि रोहतास में रंजीत पासवान की पुलिस द्वारा गोली मारकर हत्या कर दी गई थी, लेकिन आज तक किसी पर कार्रवाई नहीं हुई।

रामविलास पासवान को भारत रत्न की मांग

कार्यक्रम में पशुपति पारस ने अपने बड़े भाई और दिवंगत नेता रामविलास पासवान को भारत रत्न देने की मांग भी की। उन्होंने उन्हें “दूसरे अंबेडकर” की उपाधि देते हुए कहा, “रामविलास जी ने दलितों के अधिकारों के लिए जीवन भर संघर्ष किया। वे देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान के हकदार हैं।”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *