\

सुप्रीम कोर्ट की राहत: पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा को छत्तीसगढ़ शराब घोटाले में जमानत

छत्तीसगढ़ के चर्चित ₹2,000 करोड़ के कथित शराब घोटाले में फंसे पूर्व आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा को सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को बड़ी राहत दी है। शीर्ष अदालत ने उन्हें सशर्त जमानत देते हुए कहा कि वह जांच में सहयोग करें और अपना पासपोर्ट जमा करें।

न्यायमूर्ति अभय एस. ओका और उज्जल भुयान की पीठ ने सुनवाई के दौरान कहा कि इस मामले में 20 से अधिक आरोपी हैं और 30 से ज्यादा गवाहों के बयान अभी दर्ज होने बाकी हैं। अदालत ने यह भी ध्यान में लिया कि विशेष अदालत द्वारा पारित संज्ञान लेने का आदेश छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट द्वारा पहले ही खारिज किया जा चुका है क्योंकि अभियोजन के लिए जरूरी सरकारी अनुमति (CrPC की धारा 197 के तहत) प्राप्त नहीं की गई थी।

“आज की स्थिति में संज्ञान लेने का कोई वैध आदेश नहीं”

पीठ ने कहा, “2 अप्रैल 2025 के हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती नहीं दी गई है। यानी मौजूदा स्थिति में किसी संज्ञान आदेश का अस्तित्व नहीं है। आरोपी एक साल से जेल में है और इस मामले में अधिकतम सजा सात साल की हो सकती है। ऐसे में ‘सेन्थिल बालाजी’ मामले में तय सिद्धांत लागू होता है।”

अदालत ने यह भी बताया कि इसी मामले में एक अन्य आरोपी को फरवरी 2025 में जमानत दी जा चुकी है, इसलिए टुटेजा को भी जमानत मिलनी चाहिए।

ईडी का विरोध और गंभीर आरोप

प्रवर्तन निदेशालय (ED) की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस. वी. राजू ने जमानत का विरोध किया। उन्होंने आरोप लगाया कि टुटेजा एक वरिष्ठ नौकरशाह के रूप में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार में शामिल थे और उन्होंने शराब की अवैध बिक्री के लिए एक “सुनियोजित तंत्र” विकसित किया था। साथ ही यह भी दावा किया कि टुटेजा नागरिक आपूर्ति निगम (NAN) घोटाले में भी शामिल रहे हैं और वे गवाहों को प्रभावित करने में सक्षम हैं।

टुटेजा की ओर से रोहतगी ने पेश की दलील

अनिल टुटेजा की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने दलील दी कि विशेष अदालत द्वारा पारित संज्ञान आदेश पहले ही रद्द किया जा चुका है, इसलिए टुटेजा को अब और जेल में रखने का कोई औचित्य नहीं है।

घोटाले की पृष्ठभूमि

ED के अनुसार, यह घोटाला 2019 से 2022 के बीच हुआ, जिसमें सरकारी अफसरों, निजी व्यक्तियों और राजनीतिक हस्तियों का गठजोड़ शामिल था। आरोप है कि शराब डिस्टिलर्स से प्रति केस रिश्वत ली गई और देशी शराब की अवैध बिक्री से ₹2,000 करोड़ से अधिक की काली कमाई की गई। यह मामला 2022 में इनकम टैक्स विभाग द्वारा दिल्ली की एक अदालत में दाखिल चार्जशीट से शुरू हुआ था।

अगली प्रक्रिया

सुप्रीम कोर्ट ने ईडी को निर्देश दिया कि वह टुटेजा को संबंधित अदालत में पेश करे ताकि जमानत की औपचारिकताएं पूरी की जा सकें। अदालत ने यह भी नोट किया कि विशेष न्यायाधीश की कुर्सी वर्तमान में खाली है, इसलिए औपचारिकताएं विशेष ध्यान से पूरी की जाएं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *