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ग्रामीण क्षेत्रों में शौचालयों की कमी, सुप्रीम कोर्ट ने महिलाओं की सुरक्षा और स्वास्थ्य पर जताई चिंता

सुप्रीम कोर्ट की न्यायमूर्ति बीवी नागरत्ना ने मंगलवार को एक सुनवाई के दौरान ग्रामीण भारत में शौचालयों की भारी कमी और इससे महिलाओं पर पड़ने वाले दुष्प्रभाव को लेकर गंभीर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि स्वच्छ भारत अभियान के चलते कुछ विकास तो हुआ है, लेकिन अब भी कई गांवों में शौचालय नहीं हैं।

“ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाएं पूरे दिन स्वयं को रोक कर रखती हैं और केवल संध्या के समय ही बाहर जा पाती हैं। इससे उनके स्वास्थ्य पर गंभीर असर पड़ता है,” न्यायमूर्ति नागरत्ना ने कहा। उन्होंने यह भी जोड़ा कि यह स्थिति न केवल स्वास्थ्य संबंधी खतरा है, बल्कि महिलाओं की सुरक्षा के लिए भी चिंता का विषय है, क्योंकि अंधेरा होते ही बाहर जाने से वे यौन उत्पीड़न के खतरे का सामना करती हैं।

सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने कहा कि यह दोहरी समस्या है — एक ओर महिलाओं को पूरे दिन खुद को रोकना पड़ता है जिससे उनके स्वास्थ्य पर विपरीत असर पड़ता है, और दूसरी ओर अंधेरे में बाहर जाने के दौरान वे उत्पीड़न या हमले का शिकार हो सकती हैं।

इसी बीच आर्थिक मोर्चे पर एशियाई बाजारों में तेजी देखी गई। जापान का निक्केई 225 सूचकांक 6 प्रतिशत और टॉपिक्स करीब 7 प्रतिशत चढ़ा। इसका प्रभाव अन्य एशियाई बाजारों पर भी पड़ा, जिनमें भारत के सेंसेक्स और निफ्टी भी शामिल हैं, जो मंगलवार को शुरुआती कारोबार में 1 प्रतिशत से अधिक उछले।

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