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अर्जुनी में भावुक श्रद्धा के साथ हुआ जोत जवारा का विसर्जन

चैत्र नवरात्रि के अंतिम दिन रविवार को ग्राम पंचायत अर्जुनी और आसपास के गांवों में जोत जवारा का विसर्जन बड़े श्रद्धा और उल्लास के साथ किया गया। इस दिन अष्टमी हवन पूजा और पूर्णाहुति के बाद, भक्तों ने स्थानीय तालाब में जोत जवारा विसर्जित किया, जिससे माहौल भक्तिमय हो गया।

अर्जुनी के प्रमुख मंदिरों जैसे महामाया मंदिर, काली मंदिर, शीतला मंदिर, शारदा मंदिर, दुर्गा मंदिर, और गायत्री मंदिर के साथ-साथ कई घरों में भी जोत जवारा की स्थापना की गई थी। भक्तों ने पूरी निष्ठा और श्रद्धा के साथ मां की पूजा की और नवरात्रि के नौ दिनों के बाद आज जोत जवारा का विसर्जन करने के लिए एकजुट हुए।

विसर्जन यात्रा में महिलाएं सफेद वस्त्र पहनकर हाथों में बाना लिए हुए कतार में चल रही थीं। पारंपरिक मांदर की धुन पर भक्त नाचते-गाते हुए गांव के तालाब की ओर बढ़ रहे थे। जसगीत के साथ यात्रा का माहौल और भी श्रद्धापूर्वक बन गया था। तालाब के किनारे पहुंचने पर, भक्तों ने नम आंखों से माता रानी को विदाई दी और जोत जवारा को विसर्जित किया।

यह आयोजन न केवल धार्मिक आस्था और विश्वास का प्रतीक था, बल्कि गांव के लोग एकजुट होकर अपने परंपराओं और संस्कृतियों का सम्मान करते हुए नवरात्रि की समाप्ति को बड़े श्रद्धा भाव से मनाने में लगे हुए थे।

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