चुनाव आयोग ने EPIC और आधार को जोड़ने की तैयारी शुरू की, 66.23 करोड़ मतदाताओं ने स्वेच्छा से दिया आधार नंबर
चुनाव आयोग ने मंगलवार को यह बताया कि वह जल्द ही चुनावी पहचान पत्र (EPIC) को आधार से जोड़ने की प्रक्रिया शुरू करेगा। आयोग ने इस कदम को लेकर UIDAI (यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया) के साथ तकनीकी परामर्श शुरू करने का निर्णय लिया है। चुनाव आयोग ने बताया कि यह प्रक्रिया भारतीय संविधान के अनुच्छेद 326 के अनुसार केवल भारतीय नागरिकों को ही मतदान अधिकार देने के तहत होगी।
चुनाव आयोग का यह कदम उस समय सामने आया है, जब कुछ विपक्षी पार्टियों, विशेषकर ममता बनर्जी की अगुवाई वाली तृणमूल कांग्रेस (TMC), ने चुनावी रजिस्ट्री में ‘डुप्लिकेट’ EPIC नंबरों पर सवाल उठाए थे।
EPIC और आधार लिंकिंग का उद्देश्य चुनाव आयोग का कहना है कि EPIC को आधार से जोड़ने का उद्देश्य मतदाता पहचान पत्रों की सत्यता सुनिश्चित करना है और इससे डुप्लिकेट वोटिंग को भी रोका जा सकेगा। हालांकि, यह प्रक्रिया केवल उन मतदाताओं के लिए होगी जिन्होंने स्वेच्छा से अपने आधार नंबर को चुनाव आयोग को दिया है।
चुनाव आयोग और UIDAI के बीच परामर्श चुनाव आयोग और UIDAI के बीच तकनीकी परामर्श जल्दी ही शुरू होगा, ताकि EPIC और आधार के लिंकिंग की प्रक्रिया सुनिश्चित की जा सके। आयोग ने कहा कि यह प्रक्रिया सुप्रीम कोर्ट के आदेश और भारतीय संविधान के अनुसार ही होगी।
TMC की चिंताएं और आयोग का स्पष्टीकरण तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने इस मुद्दे पर चुनाव आयोग से सवाल किए थे, खासकर उन मामलों में जहां EPIC नंबर एक जैसे होने की संभावना जताई गई थी। चुनाव आयोग ने स्वीकार किया कि कुछ राज्यों में EPIC नंबर जारी करते समय गलत अल्फान्यूमेरिक श्रृंखला का इस्तेमाल किया गया था, लेकिन आयोग ने यह भी स्पष्ट किया कि एक जैसे EPIC नंबर होने के बावजूद, मतदाताओं की डेमोग्राफिक जानकारी, विधानसभा क्षेत्र और मतदान केंद्र अलग होते हैं।
- आयोग ने यह भी बताया कि तीन महीने के भीतर डुप्लिकेट EPIC नंबरों वाले मतदाताओं को नए EPIC नंबर जारी किए जाएंगे।