सिरपुर को विश्व विरासत में शामिल करने कार्य योजना बनाने के निर्देश
रायपुर/16 जून 2014/ संस्कृति मंत्री श्री अजय चन्द्राकर ने आज यहां सिविल लाइन स्थित नवीन विश्राम भवन में संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग के काम-काज की समीक्षा की। श्री चन्द्राकर ने सिरपुर को विश्व विरासत बनाने के लिए अधिकारियों को विशेष कार्य योजना बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने सिरपुर स्थित पुरातात्विक स्थलों, प्राचीन स्मारकों पर स्तरीय लेखन और फोटोग्राफ का संकलन और प्रकाशन करने के लिए कहा। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वे छत्तीसगढ़ के चिन्हांकित 58 पुरातात्विक स्थलों का रख-रखाव एवं सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम करना सुनिश्चित करे, साथ ही प्रदेश में जहां कहीं भी प्राचीन स्मारक और पुरातात्विक स्थल प्राप्त होते है। उन्हें भी राज्य धरोहर में शामिल करने कार्य योजना बनाया जाए। बैठक में सचिव पर्यटन एवं संस्कृति श्री आर सी सिन्हा, प्रबंध संचालक पर्यटन श्री संतोष मिश्रा सहित विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
संस्कृति मंत्री श्री चन्द्राकर ने छत्तीसगढ़ी राजभाषा आयोग के अंतर्गत प्रदेश के ख्यातिलब्ध लेखकों से सहयोग लेकर राज्य की आंचलिक बोलियों, वेशभूषा, उनकी संस्कृति और परंपरा पर साहित्य तैयार करना सुनिश्चित करें। इस मौके पर अधिकारियों ने बताया कि विभाग द्वारा राज्य के पुरातात्विक स्थलों, प्राचीन स्मारकों और विभागीय गतिविधियों पर आधारित बिहनिया नामक पत्रिका और वार्षिक शोध पत्रिका कोसल का प्रकाशन किया जाता है। उन्होंने कहा कि शोध पत्रिका के लिए विषय विशेषज्ञों तथा शोध छात्रों से आलेख आमंत्रित किया जाए। संस्कृति मंत्री श्री चन्द्राकर ने कहा कि राज्य में सांस्कृतिक गतिविधियों के साथ-साथ साहित्यिक गतिविधियों को भी बढ़ावा देने की जरूरत है। राज्य की कला, संस्कृति एवं परंपराओं के प्रचार-प्रसार के लिए संगोष्ठियों का आयोजन किया जाए। इनमें राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के वक्ताओं को भी आमंत्रित किया जाए। इसके साथ ही दक्षिण कोसल की कला-शैली और राज्य में उत्खनन से प्राप्त पुरावशेषों तथा मंदिर के अवशेषों की छायाचित्र प्रदर्शनी लगाकर लोगों को भी इनके बारे में जानकारी दी जानी चाहिए। श्री चन्द्राकर कल 17 जून को दोपहर 12 बजे नवीन विश्राम भवन के सभाकक्ष में पर्यटन विभाग के काम-काज की समीक्षा करेंगे।