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सत्ता सुंदरी किसका करेगी वरण?

छत्तीसगढ़ में निर्वाचन का दूसरा दौर निर्विघ्न सम्पन्न हो गया। छुटपुट विवाद की घटनाओं के बीच इस चरण में 72 सीटों के लिए मतदान हुआ, कई स्थानों पर ईवीएम खराब होने की दशा में मतदान एक दो घंटे विलंब से प्रारंभ हुआ। इस दौरान न्यूज एक्सप्रेस ने कई विधानसभाओं का दौरा कर मतदान की स्थिति जानने का भी प्रयास किया।

रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग एवं सरगुजा संभाग में हुए दूसरे चरण के मतदान में ग्रामीण अंचल में बंपर वोटिंग हुई, परन्तु शहरी क्षेत्र में मतदान का प्रतिशत कम देखने मिला। निर्वाचन आयोग  के आंकड़ों से अनुसार शाम छ: बजे तक 71।93 फ़ीसदी मतदान हुआ था। कई स्थानों पर तो 98 प्रतिशत मतदान होने की भी जानकारी मिली।

दूसरे चरण में जिन 72 सीटों पर चुनाव हुए. 2013 के चुनाव में इन 72 सीटों में से बीजेपी 43 सीटों पर जीती थी जबकि कांग्रेस के पास 27 सीटें थी। राज्य में मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय के अधिकारियों ने यहां बताया कि सुबह आठ बजे राज्य के 19 जिलों के 72 विधानसभा सीटों में मतदान शुरू हुआ और शाम पांच बजे मतदान खत्म हो गया।

दूसरे चरण में 1079 उम्मीदवारों निर्वाचन में भाग लिया जिसमें से 113 अनुसूचित जाति और 176 अनुसूचित जनजाति वर्ग के उम्मीदवार शामिल हैं. इसमें 119 महिला उम्मीदवार भी शामिल हैं।

अधिकारियों ने बताया कि दूसरे चरण में कुल मतदान केन्द्रों की संख्या 19336 है। इसमें संवेदनशील मतदान केन्द्र 444 और संगवारी (मित्र) मतदान केन्द्र 118 हैं. संगवारी मतदान केंद्रों में मतदान दल की सभी सदस्य महिलाएं हैं।

इस मतदान में कुल मतदाताओं की संख्या 1,54,00,596 है। इसमें पुरूष मतदाता 77,53,337 और महिला मतदाता 76,46,382 हैं। वहीं थर्ड जेंडर के 877 मतदाता हैं।

मतदान संपन्न कराने के लिए 84688 मतदान कर्मियों को नियुक्त किया गया था। शांतिपूर्ण और निष्पक्ष मतदान के लिए सुरक्षा के व्यापक प्रबंध किये गए थे। अर्धसैनिक बलों और पुलिस के लगभग डेढ़ लाख जवानों को तैनात किया गया है।

अधिकारियों ने बताया कि दूसरे चरण में 72 सीटों में से 17 सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए तथा नौ अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं। वर्ष 2013 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने इन 72 सीटों में से 43 सीटों में जीत हासिल की थी। वहीं कांग्रेस को 27 तथा बहुजन समाज पार्टी को एक सीट पर जीत मिली थी जबकि एक सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार की जीत हुई थी।

भाजपा, कांग्रेस, जनता कांग्रेस, बसपा, आम आदमी पार्टी सहित गोंडवाना गणतंत्र पार्टी भी चुनावी दंगल में सम्मिलित हुई, इनके साथ ही बड़ी संख्या में निर्दलीय प्रत्याशियों ने भी अपना भाग्य आजमाया। इस चुनाव में यह देखने में आया कि शहरी क्षेत्र में मतदान का प्रतिशत कम हुआ है और ग्रामीण अंचल में मतदान का प्रतिशत बढ़ा है।

आम आदमी अपनी प्रतिक्रिया जाहिर नहीं करना चाहता। कांग्रेस के कार्यकर्ता परिवर्तन का जाप कर रहे हैं तो भाजपा के कार्यकर्ता चौथी बार सरकार बनाने का दावा कर रहे हैं। किसकी बनती है सरकार, किसका करती है सत्ता सुंदरी वरण, यह पेटियों में बंद है। मतदान का परिणाम 11 दिसम्बर को निकलेगा, तब तक इंतजार करना पड़ेगा।