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कार्य परिषदों में विधायकों का मनोनयन एवं अतिथि व्याख्याताओं के अध्यापन को स्वीकृति

रायपुर, 07 जुलाई 2014/ राज्य सरकार ने वर्तमान शिक्षा सत्र 2014-15 में भी शासकीय महाविद्यालयों में सहायक प्राध्यापकों के रिक्त पदों पर अतिथि व्याख्याताओं से अध्यापन कार्य कराने की स्वीकृति प्रदान कर दी है। उच्च शिक्षा विभाग ने यहां मंत्रालय (महानदी भवन) से आयुक्त उच्च शिक्षा संचालनालय को इस आशय का परिपत्र जारी कर दिया है। यह स्वीकृति वित्त विभाग की सहमति से जारी की गयी है।

राज्य सरकार ने पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय रायपुर तथा बिलासपुर विश्वविद्यालय और बस्तर विश्वविद्यालय की कार्य परिषदों में प्रदेश के 15 विधायकों को सदस्य मनोनीत किया है। उच्च शिक्षा विभाग द्वारा यहां मंत्रालय (महानदी भवन) से जारी तीन अलग-अलग आदेशों के अनुसार प्रत्येक विश्वविद्यालय कार्य परिषद में पांच विधायकों को सदस्य मनोनीत किया गया है। पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय की कार्य परिषद में विधायक सर्वश्री शिवरतन शर्मा, श्रीचन्द सुन्दरानी, नवीन मारकण्डेय, भूपेश बघेल और सत्यनारायण शर्मा और बिलासपुर विश्वविद्यालय बिलासपुर की कार्य परिषद में विधायकगण सर्वश्री बद्रीधर दीवान, लखन देवांगन, रोशन लाल अग्रवाल, मोतीलाल देवांगन और दिलीप लहरिया तथा बस्तर विश्वविद्यालय जगदलपुर की कार्य परिषद में विधायक सर्वश्री संतोष बाफना, महेश गागड़ा, संतोष उपाध्याय, मनोज सिंह मण्डावी और लखेश्वर बघेल सदस्य मनोनीत किए गए हैं। कार्य परिषदों में यह मनोनयन छत्तीसगढ़ विश्वविद्यालय अधिनियम 1973 की धारा-23 (2) के अनुसार किया गया है। इस अधिनियम के अनुसार मनोनीत सदस्यों का कार्यकाल तीन वर्ष का होगा।

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