छत्तीसगढ़ में 12 एवं 20 नवम्बर 2018 को दो चरणों में होगा चुनाव
- भारत निर्वाचन आयोग द्वारा छत्तीसगढ़ विधानसभा आम निर्वाचन 2018 के कार्यक्रम की घोषणा कर दी गई है।
- निर्वाचन कार्यक्रम की घोषणा के साथ ही राज्य में आदर्श आचार संहिता प्रभावशील कर दी गई है।
- निर्वाचन कार्यक्रम की घोषणा अनुसार राज्य में दो चरणों में निर्वाचन कार्य संपन्न कराए जाएंगे।
- प्रथम चरण में 12 नवंबर, 2018 को 18 विधानसभा क्षेत्र में तथा द्वितीय चरण में 20 नवंबर, 2018 को शेष 72 विघानसभा क्षेत्र में निर्वाचन कराएं जाएंगे। (सूची संलग्न)
- निर्वाचन कार्यक्रम:- प्रथम चरण – (18 विधानसभाओं में ) द्वितीय चरण- (72 विधानसभाओं में )
1 निर्वाचन की अधिसूचना का प्रकाशन: दिनांक 16.10.2018 दिनांक 26.10.2018
2 नामांकन भरने की अंतिम तिथि : दिनांक 23.10.2018 दिनांक 02.11.2018
3 नाम निर्देशन पत्रों की संवीक्षा : दिनांक 24.10.2018 दिनांक 03.11.2018
4 नाम निर्देशन पत्रों की वापसी : दिनांक 26.10.2018 दिनांक 05.11.2018
5 मतदान : दिनांक 12.11.2018 दिनांक 20.11.2018
6. मतगणना : दिनांक 11.12.2018 - विधानसभा आम निर्वाचन 2018 की मतगणना 11 दिसंबर, 2018 को होगी।
- प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में यथासंभव 05 पिंक बूथ (महिला मतदान केन्द्र) स्थापित किया जाएगा।
- इलेट्रॉनिक ट्रांसफ़र ऑफ पोस्टल बैलेट सेवा मतदाता को जारी किए जाएंगे।
- सिविजिल सुविधा समाधान सुगम सभी मोबाईल एप निर्वाचन प्रक्रिया अधिसूचना जारी करने के दिनांक से क्रियाशील हो जाएंगे।
- प्रत्येक में मतदाता केन्द्र में मतदाता सहायता केन्द्र होगा।
- इस निर्वाचन में EVM मशीन के साथ पहली बार ETP का उपयोग किया जाएगा।
- राज्य में विधानसभा आम निर्वाचन 2018 की तैयारी पूर्ण कर ली गयी है।
- प्रदेश के 27 जिलों के 90 विधानसभा क्षेत्रों में वामपंथ प्रभावित 16 जिलें व 18 विधानसभा है।
- प्रदेश कुल 1 करोड़ 85 लाख 45 हजार 8 सौ 19 मतदाता है जिनमें 92 लाख 95 हजार 3 सौ एक पुरूष व 92 लाख 49 हजारा 4 सौ 59 महिला मतदाता है। इनमें से तृतीय लिंग 1 हजार 59 है।
- प्रदेश में कुल 23 हजार 6 सौ 32 मतदान केन्द्र है। जिनमें 19 हजार 2 सौ 40 ग्रामीण क्षेत्र में व 4 हजार 3 सौ 92 शहरी क्षेत्र मे है।
- प्रदेश के 23 हजार 6 सौ 32 मतदान केन्द्रों में 5 हजार 6 सौ 25 संवेदनशील मतदान केन्द्र है।
- प्रदेश मंे 90 रिर्टरिंग ऑफिसर व 180 सहायक रिर्टरिंग ऑफिसर की नियुक्ति कर उन्हें प्रशिक्षित कर दिया गया है। सभी निर्वाचन संबंधी ली गयी परीक्षा में उत्तीर्ण हो गए।
- विधानसभा निर्वाचन हेतु पर्याप्त सुरक्षा बल की व्यवस्था की जा रही है।
- राज्य के मतदाताओं को जागरूक करने के लिए स्वीप कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है। इलेक्ट्रॉनिक व प्रिंट मीडिया से मतदाताओं को जागरूक करने में सहयोग की अपेक्षा है।
- प्रदेश में आदर्श आचार संहिता लागू होने के कारण शासकीय खर्च में लगाए गए समस्त होल्डिंग व प्रचार सामग्री हटा दिए जाएंगे।
- शासकीय खर्च पर कोई भी विज्ञापन जारी नहीं किए जाएंगे।
- लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 28-क के अधीन निर्वाचनों के संचालन के लिए नियोजित समस्त अधिकारी/कर्मचारी परिणाम घोषित होने तक निर्वाचन आयोग में प्रतिनियुक्ति पर समझे जाएंगे और उस समय तक निर्वाचन आयोग के नियंत्रण, अधीक्षण और अनुशासन के अधीन रहेंगे।
- चुनाव कार्यक्रम की घोषणा के पश्चात शासन के मंत्रीयों से आचार संहिता का पालन सुनिश्चित करने का अनुरोध किया जाएगा। इस संबंध में किसी प्रकार की शिकायत मिलने पर उसे गंभीरता से लिया जाएगा।
- यदि कोई मंत्री चुनाव के कार्य से भ्रमण करते हैं, तो शासकीय कर्मचारी तथा अधिकारी उनके साथ नहीं जायेंगे।
- ऐसे अधिकारियों को छोड़कर जिन्हें ऐसी सभा के आयोजन में कानून एवं व्यवस्था के लिए, सुरक्षा के लिए, या कार्यवाही नोट करने के लिए तैनात किया गया हो, दूसरे अधिकारियों को ऐसी सभा या आयोजन में शामिल नहीं होना चाहिए।
- कोई भी शासकीय कर्मचारी किसी राजनीतिक आन्दोलन में न तो भाग लेगा न उनकी सहायता के लिए चन्दा देगा और न ही किसी प्रकार का सहयोग देगा।
- निर्वाचन अभियान में लाउडस्पीकर का उपयोग सभी राजनीतिक दलों, प्रत्याशियों और उनके कार्यकर्ताओं द्वारा किया जाता है। निर्वाचन प्रयोजनों के लिए आम सभाओं के दौरान स्थिर दशा में अथवा किसी भी प्रकार के वाहनों में लगाए गए लाउडस्पीकर या किसी प्रकार के ध्वनि विस्तारक यंत्रों का प्रयोग रात्रि 10 बजे से प्रातः 6 बजे के मध्य प्रतिबंधित रहेगा।
- सरकारी एवं गैर-सरकारी भवनों तथा निजी भवनों में भवन मालिक के अनुमति के बिना निर्वाचन के प्रचार के दौरान राजनीतिक दलों के कार्यकर्ता अथवा प्रत्याशी निर्वाचन संबंधी पोस्टर लगाना व नारा लिखने की कार्यवाही प्रतिबंधित है।
- स्थानीय चुनाव पर प्रतिबन्ध – विधानसभा आम निर्वाचन 2018 की परिणाम घोषित होने तक स्थानीय निर्वाचन (पंचायत व नगरीय निकाय) एवं अन्य निर्वाचन किया जाना निषिद्ध है।
- स्थानीय निकायों, शासकीय उपक्रमों, सहकारी संस्थाओं आदि के वाहनों के उपयोग पर प्रतिबंध:- निर्वाचन की घोषणा से निर्वाचन के परिणाम घोषित होने तक केन्द्र व राज्य शासन के उपक्रम, संयुक्त क्षेत्र के उपक्रमों, स्वायत्तशासी संस्थाओं, जिला पंचायतों, जनपद पंचायतों, नगर निगम, नगर पालिका व नगर पंचायत एवं विपणन बोर्ड, विपरन संख्याओं, कृषि उपज मण्डल समिति, प्राधिकरणों या अन्य एसे निकाय जिनमें सरकारी वाहनों का उपयोग किया गया हो उनके वाहनों पर प्रतिबंधित किया जाएगा।