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लोक आयोग: झूठी शिकायत करने पर होगी कार्रवाई

प्रमुख लोकायुक्त ने दिए निर्देश: ऐसे शिकायतकर्ताओं से की जाए खर्च की वसूली
रायपुर, 09 जुलाई 2014/ छत्तीसगढ़ लोक आयोग के प्रमुख लोकायुक्त ने कहा है कि यदि कोई शिकायतकर्ता जानबूझकर या किसी के प्रति विद्वेष की वजह से झूठी शिकायत करे तो उसके खिलाफ खर्च वसूली की कार्रवाई की जा सकती है। ऐसे शिकायतकर्ताओं पर छत्तीसगढ़ लोक आयोग अधिनियम 2002 के प्रावधानों के तहत युक्तियुक्त मामले में आवश्यक समझे जाने पर खर्च अधोरोपित किया जा सकता है। ऐसे शिकायतकर्ता पर खर्च अधिरोपित करने के पहले उसे सुनवाई का भी अवसर दिया जाएगा। सचिव छत्तीसगढ़ लोक आयोग ने आज यहां बताया कि प्रमुख लोकायुक्त ने जारी निर्देशों में कहा है कि इस प्रकार के शिकायतकर्ताओं पर खर्च अधिरोपित करने के बाद उन्हें तत्काल खर्च की राशि लोक आयोग के रायपुर कार्यालय में जमा करना अनिवार्य होगा।
यदि कोई शिकायतकर्ता राशि जमा करने से पहले और अधिक समय की मांग करता है तो उस पर प्रमुख लोकायुक्त द्वारा स्व-विवेक से युक्तिसंगत निर्णय लेकर दिया जा सकता है। शिकायतकर्ता से प्राप्त खर्च की राशि राज्य सरकार के खजाने में जमा की जाएगी। शिकायतकर्ता अगर निर्धारित समय के बाद खर्च की राशि जमा नही करे तो उस राशि की वसूली भू-राजस्व की तरह की जा सकेगी। प्रमुख लोकायुक्त ने निर्देशों में कहा है कि छत्तीसगढ़ लोक आयोग अधिनियम 2002 के तहत शिकायतकर्ताओं के द्वारा निर्धारित प्रारूप में शिकायत की जा सकती है।
शिकायत के साथ शपथ-पत्र और 250 रूपए का न्यायालय शुल्क भी जमा करना होता है, लेकिन आयोग ने कई प्रकरणों के परीक्षण में यह पाया है कि शिकायतकर्ताओं ने व्यक्तिगत विद्वेष अथवा जानबूझकर किसी लोक सेवक के विरूद्ध झूठी और निराधार शिकायतें की हैं। ऐसे मामलों में शिकायतकर्ताओं पर खर्च अधिरोपित करने से इस प्रकार की निराधार और झूठी शिकायतों को रोका जा सकता है। प्रमुख लोकायुक्त ने इसे ध्यान में रखकर छत्तीसगढ़ लोक आयोग (अन्वेषण) नियम 2002 की धारा 14 के तहत यह आदेश जारी किया है कि झूठे शिकायतकर्ताओं पर खर्च अधिरोपित किया जा सकता है।

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