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राज्य के 2.60 लाख से ज्यादा कर्मचारियों को सातवां वेतनमान

मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने प्रदेश के दो लाख 60 हजार से अधिक सरकारी कर्मचारियों को आगामी वित्तीय वर्ष 2017-18 से सातवें वेतनमान का लाभ देने की घोषणा की है। डॉ. सिंह ने आज शाम यहां विधानसभा में नये वित्तीय वर्ष 2017-18 के लिए विनियोग विधयेक पर सदन में हुई चर्चा का जवाब देते यह घोषणा की। इसे मिलाकर उन्होंने आज सदन में पांच नई घोषणाएं की। उन्होंने कहा-विधायकों की मांग के आधार पर हमने उनकी जनसम्पर्क राशि को चार लाख से बढ़ाकर छह लाख करने का निर्णय लिया है, ताकि वे अपने दायित्वों का निर्वहन आसानी से कर सकें।

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मुख्यमंत्री ने यह भी ऐलान किया कि जंगलों की रक्षा के लिए कर्त्तव्य निर्वहन के दौरान अपने प्राणों की आहूति देने वाले वन विभाग के कर्मचारी श्री दौलतराम लदेर की स्मृति में राज्य शासन द्वारा कर्त्तव्य परायणता पुरस्कार शुरू किया जाएगा, जो प्रतिवर्ष वनों, वन्यप्राणियों और वनोपजों की सुरक्षा, उनके संरक्षण और संवर्धन के लिए सर्वश्रेष्ठ कार्य करने वाले एक वन कर्मचारी को दिया जाएगा। इस वर्ष पुरस्कार के रूप में श्री दौलत राम लदेर को मरणोपरांत एक लाख रूपए का नकद पुरस्कार और प्रशस्ति पत्र देने की घोषणा मुख्यमंत्री द्वारा की गई। उन्होंने कहा कि यह पुरस्कार उनकी धर्मपत्नी श्रीमती पुष्पा लदेर को दिया जाएगा।

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डॉ. रमन सिंह ने प्राथमिक वनोपज सहकारी समितियों के प्रबंधकों के पारिश्रमिक में 25 प्रतिशत वृद्धि करने की भी घोषणा की। उन्होंने कहा-अब इन प्रबंधकों को हर महीने 10 हजार रूपए के स्थान पर 12 हजार 500 रूपए का पारिश्रमिक मिलेगा। उनके भविष्य की सुरक्षा और आपातकालीन परिस्थितियों में उनके परिवार को सहायता देने के लिए प्रबंधक कल्याण निधि बनाई जाएगी, जिसमें लघु वनोपज संघ द्वारा प्रारंभिक रूप से एकमुश्त राशि जमा की जाएगी तथा प्रबंधकों द्वारा हर महीने 500-500 रूपए जमा किए जाएंगे। उन्हें बीमा योजना का भी लाभ मिलेगा। उनके अंशदान का सहयोग लेकर वर्तमान बीमा योजना में बीमा की राशि एक लाख रूपए से बढ़ाकर चार लाख रूपए कर दी जाएगी। प्रबंधक कल्याण निधि के उपयोग के लिए नियमावली तैयार की जाएगी। मुख्यमंत्री ने विनियोग विधेयक पर अपने जवाब में सरकार के सभी प्रमुख विभागों की विभिन्न योजनाओं और उपलब्धियों पर विस्तार से प्रकाश डाला। मुख्यमंत्री के जवाब के बाद सदन में विनियोग विधेयक 2017 ध्वनि मत से पारित कर दिया गया। इससे अब राज्य सरकार को नये वित्तीय वर्ष 2017-18 के लिए राज्य की संचित निधि में से 80 हजार 959 करोड़ 27 लाख 44 हजार रूपए खर्च करने की अनुमति मिल गई।