मुख्यमंत्री द्वारा राष्ट्रीय मुक्त विद्यालय संस्थान के क्षेत्रीय केन्द्र का शुभारंभ
रायपुर, 04 फरवरी 2013/ मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा है कि राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में शत-प्रतिशत बालक-बालिकाओं को शिक्षित करने के हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं। डॉ. सिंह आज दोपहर यहां जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डाईट) परिसर में राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयीन शिक्षा संस्थान के 17 वें क्षेत्रीय केन्द्र के उदघाटन समारोह को संबोधित कर रहे थे। डॉ. सिंह ने इस अवसर पर कहा कि छत्तीसगढ़ में शिक्षा के लोकव्यापीकरण की दिशा में इस केन्द्र की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। यह केन्द्र समाज के उस वर्ग को शिक्षित करने में अहम भूमिका निभाएगा, जो किसी कारणवश शिक्षा से दूर रह गया है। इस केन्द्र के माध्यम से स्कूली पढ़ाई बीच में ही छोड़ने वाले छात्र-छात्राओं को अपनी शिक्षा पूरी करने का अवसर मिलेगा। साथ ही इस केन्द्र से संचालित होने वाले विभिन्न रोजगार मूलक पाठयक्रमों से 14 वर्ष से अधिक आयु के युवाओं को अपने कौशल का उन्नयन करने का मौका भी मिलेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस केन्द्र के खुल जाने पर अब सरगुजा और बस्तर जैसे दूरस्थ अंचलों के ऐसे बच्चों को जो किन्ही कारणों से स्कूल नहीं जा पाते हैं, उनके लिए शिक्षा के बेहतर अवसर मिलेंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश के शत-प्रतिशत बच्चों को शिक्षित करने के लिए ओपन स्कूल केन्द्रों की संख्या में बढ़ोत्तरी करने की जरूरत है। उन्होंने राज्य सरकार की ओर से राष्ट्रीय मुक्त विद्यालय संस्थान को हरसंभव सहयोग का भरोसा दिलाया। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि स्कूल शिक्षा मंत्री श्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि इस केन्द्र के खुलने से छत्तीसगढ़ को लाभ होगा। चैदह वर्ष के अधिक आयु के बच्चे, जो किसी कारणवश शिक्षा नहीं प्राप्त कर सके हैं, उन्हें शिक्षित होने का मौका मिलेगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में औद्योगीकरण हो रहा है। इस केन्द्र के माध्यम से संचालित होने वाले रोजगारमूलक पाठ्यक्रमों से युवाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। मुख्यमंत्री द्वारा डाईट परिसर में राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयीन शिक्षा संस्थान के 17 वें क्षेत्रीय केन्द्र का शुभारंभ किया गया। इस केन्द्र के माध्यम से कक्षा तीन, कक्षा पांच और कक्षा आठवीं की प्रमाण-पत्र परीक्षा, दसवीं एवं बारहवीं की परीक्षा तथा लगभग एक सौ ट्रेड में वोकेशनल पाठ्यक्रम संचालित किए जाते हैं। यह केन्द्र शिक्षा से वंचित 14 वर्ष के बच्चों को शिक्षित करने, गृहणियों, नौकरी पेशा बालक-बालिकाओं, खेती-किसानी और छोटे-छोटे रोजगार में संलग्न युवाओं के लिए काफी उपयोगी साबित होगा। सर्वशिक्षा अभियान के बाद शिक्षा के लोक व्यापीकरण में इस केन्द्र की महत्वपूर्ण भूमिका होगी।
राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयीन शिक्षा संस्थान के अध्यक्ष डॉ. एस.एस.जैना ने स्वागत भाषण दिया। उन्होंने इस केन्द्र को प्रारंभ करने में राज्य सरकार द्वारा दिए गए सहयोग और केन्द्र के नये भवन के निर्माण के लिए उपलब्ध करायी गयी भूमि के लिए मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ में प्राथमिक शिक्षा पूरी करने के बाद अपनी पढाई छोड़ने वाले बच्चों को सेकेण्डरी एजुकेशन और विभिन्न ट्रेडों में वोकेशनल पाठ्यक्रम के माध्यम से कौशल उन्नयन के अवसर दिलाने के हरसंभव प्रयास किए जाएंगे। आभार प्रदर्शन राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयीन शिक्षा संस्थान के सचिव श्री यू.एन.खावरे ने किया। इस अवसर पर स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव श्री के.आर.पिस्दा और छत्तीसगढ़ पाठ्यपुस्तक निगम के प्रबंध संचालक श्री आलोक अवस्थी सहित राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद और जिला बुनियादी प्रशिक्षण संस्थान डाईट तथा स्कूल शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।