मछली पालन में आत्म निर्भर महिलाएं
राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ उठाकर मछली पालन के व्यवसाय से छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले के ग्राम लमती की महिलाएं आज न केवल आत्मनिर्भर हुई है, बल्कि वे अनेक बेरोजगार युवक-युवतियों के लिए प्रेरणा स्त्रोत भी बन गयी है।
उल्लेखनीय है कि विकासखण्ड पथरिया स्थित ग्राम लमती की बारह महिलाओं ने श्रीमती अशोक बाई की अध्यक्षता में नारी निकेतन महिला आत्मा समूह का गठन किया। समूह की अध्यक्ष श्रीमती अशोक बाई बताती है कि समूह की महिलाएं राज्य शासन के मछली पालन विभाग की एक्सटेंशन रिफार्म आत्मा योजना के तहत मछली पालन का व्यवसाय अपना कर आज दो से ढाई लाख रूपए तक की वार्षिक आमदनी प्राप्त कर रही हैं। उन्होंने बताया कि पहले समूह की महिलाएं अलग-अलग मछली पालन का कार्य करती थी। तकनीकी मार्गदर्शन के अभाव में उन्हें अधिक मेहनत में कम उत्पादन प्राप्त होता था। वर्ष 2009 में मछली पालन विभाग के अधिकारियों के सहयोग से उन्होंने समूह का गठन किया और मछली पालन के लिए ग्राम पंचायत से तालाब को लीज में लिया। एक्सटेंशन रिफार्म आत्मा योजना के तहत उनके समूह को तकनीकी मार्गदर्शन के साथ ही मत्स्य बीज और पूरक आहार प्राप्त हुआ। इससे समूह के उत्पादन में आशातीत वृद्वि हुई। उत्पादित मछली को समूह की महिलाओं द्वारा स्थानीय हाट बाजार में ही अच्छे दामों में विक्रय किया जाता। श्रीमती अशोक बाई बताती है कि उनके समूह को कुल पचास हजार रूपए के व्यय पर दो से ढाई लाख रूपए तक की वार्षिक आय प्राप्त हो रही है। जिसे समूह की महिलाएं आपस में बांट लेती है। समूह की महिलाएं इस अतिरिक्त आमदनी को अपने बच्चों की शिक्षा और घरों की अन्य जरूरतों पर खर्च करती हैं। आत्मा समूह की महिलाओं की इस सफलता को देखकर अब अन्य लोग भी समूह का निर्माण कर मछली पालन व्यवसाय की ओर आगे आ रहे है।