बृजमोहन अग्रवाल ने ली बैठक, कई योजनाओं को मिली स्वीकृति
रायपुर/ 07 जून 2014 मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह के नेतृत्व में राज्य शासन द्वारा छत्तीसगढ़ में पशुधन तथा डेयरी विकास से संबंधित नये-नये डिप्लोमा कोर्स शुरू किए जाएंगे। इसके अलावा तीन नये पॉलीटेक्निक कॉलेज भी खोले जाएंगे। राज्य में पशु पालन और दूध के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए अगले पांच वर्ष में पांच हजार डेयरियां स्थापित करने के लिए कार्य योजना बनेगी।
पशुधन विकास तथा मछली पालन मंत्री श्री बृजमोहन अग्रवाल की अध्यक्षता में आज यहां आयोजित इन विभागों की समीक्षा बैठक में यह निर्णय लिए गए। श्री अग्रवाल ने विभागीय योजनाओं और कार्यक्रमों की समीक्षा करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में किसानों को आर्थिक रूप से सक्षम बनाने के लिए खेती के साथ-साथ उससे जुड़े पशुपालन मछली पालन जैसे अन्य रोजगार मूलक काम धंधों को प्रोत्साहित करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि पशुपालन और मछली पालन से परम्परागत रूप से जुड़े समुदायों के लिए तो ये व्यवसाय आमदनी का मुख्य जरिया है ही किसानों के लिए भी अतिरिक्त आमदनी का साधन इन व्यवसायों से बन सकता है। बैठक में कृषि विभाग के अपर मुख्य सचिव तथा कृषि उत्पादन आयुक्त श्री अजय सिंहए कृषि विभाग के सचिव श्री पी सी पाण्डेय छत्तीसगढ़ राज्य कृषि एवं बीज विकास निगम के प्रबंध संचालक श्री अमृत खलखो संचालक पशु चिकित्सा सेवाएं डॉ एस के पाण्डेय सहित पशुपालन एवं मछली पालन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
पशुधन विकास मंत्री ने बैठक में छत्तीसगढ़ से गौवंशीय पशुओं की अवैध तस्करी के मामलों पर गंभीर नाराजगी जताते हुए कहा कि प्रदेश में पशु तस्करी रोकने कठोर कानून बनाए गए हैं। इसके बाद भी पशु तस्करी की घटनाएं हो रही है। इससे साफ जाहिर है कि विभाग पशु तस्करी को रोकने में गंभीरता नहीं दिखा रहा है । उन्होंने कहा कि भविष्य में इस तरह की घटनाएं होने पर दोषी अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। श्री अग्रवाल ने कहा कि छत्तीसगढ़ से निकलने वाले सभी मार्गों में स्थापित चौकियों में इसकी निगरानी की जाए। पशुओं को चराते हुए पैदल ले जाकर पशु तस्करी करने वालों पर भी निगरानी रखी जाए। उन्होंने इस तरह की शिकायतों के लिए टोल फ्री नम्बर भी शुरू करने के निर्देश दिए। श्री अग्रवाल ने राष्ट्रीय डेयरी विकास योजना में छत्तीसगढ़ को भी शामिल कराने के लिए जरूरी प्रस्ताव भेजने के निर्देश भी अधिकारियों को दिए हैं। पशुधन विकास मंत्री ने प्रदेश के 90 विकासखण्डों में आधुनिक गौशाला खोलने के राज्य सरकार के निर्णय पर हुए अभी तक किए गए कार्यों की समीक्षा करते हुए कहा कि इन गौशालाओं को कृषि और पशुपालन के लिए एकीकृत इकाई मानकर मॉडल गौशाला के रूप में विकसित किया जाना है। इन गौशालाओं में पशुधन के साथ-साथ डेयरी विकास की गतिविधियां चलाई जाएंगी। उन्होंने आगामी तीन माह में इन गौशालाओं के लिए जमीन चिन्हित कर आबंटित कराने के लिए तत्काल कर्रवाई करने के निर्देश दिए। प्रत्येक गौशाला के लिए 25 से 50 एकड़ तक की जमीन ली जाएगी। इन गौशालाओं में गोबर से खाद बनाने के लिए भी जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएगी। बैठक में गोचर भूमि विकास बोर्ड के गठन के विभिन्न पहलुओं पर भी चर्चा हुई। श्री अग्रवाल ने प्रदेश के पंजीकृत सभी गौशालाओं में जैविक खाद निर्माण कराने के लिए प्रस्ताव बनाने के निर्देश दिए।
बैठक में निर्णय लिया गया कि गौवंशीय पशुओं के सरंक्षण एवं संवर्धन के लिए बिलासपुर में गिर नस्ल की गाय के लिए फार्म हाउस खोला जाएगा। इसी प्रकार जगदलपुर में थारपारकर नस्ल तथा अंबिकापुर में मुर्रा नस्ल की गायों के पालन के लिए फार्म हाउस खोला जाएगा। घायल पशुओं के उपचार केे लिए एनिमल एम्बुलेंस सेवा भी शुरू की जाएगी। इसके लिए प्रत्येक जिले में एक एम्बुलेंस की व्यवस्था की जाएगी। पशुधन विकास मंत्री श्री अग्रवाल ने इसके लिए दो करोड़ 16 लाख रूपए की मंजूरी बैठक में दी। श्री अग्रवाल ने विभागीय अधिकारियों-कर्मचारियों की पदोन्नतियों तथा रिक्त पदों पर भर्ती के लिए समयबद्ध कार्यक्रम बनाने के निर्देश अधिकारियों को दिए। उन्होंने छत्तीसगढ़ में पशुपालकों को पशुओं के लिए आहार उपलब्ध कराने अनुदान योजना शुरू करने की जरूरत पर जोर देते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में मुख्य रूप से पशुओं को पैरा खिलाया जाता है। डेयरी विकास के लिए दुधारू पशुओं को सम्पूर्ण आहार उपलब्ध कराना जरूरी है। बैठक में गौपालन और दूध उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए संचालित उद्यमिता विकास योजना का विस्तार करने किए जाने वाले जरूरी उपायों पर भी चर्चा हुई। श्री अग्रवाल ने कहा कि पशुधन विकास और डेयरी विकास के लिए राष्ट्रीय स्तर पर केन्द्र सरकार अनेक महत्वपूर्ण योजनाएं संचालित कर रही है। इन योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ लेने के लिए विभाग से प्रस्ताव भेजा जाना चाहिए।
श्री अग्रवाल ने देवभोग दूग्ध महासंघ मर्यादित की गतिविधियों की समीक्षा करते हुए कहा कि दूध का संग्रहण बढ़ाने के लिए प्रदेश की मुख्य सड़कों के पांच हजार गांवों में संग्रहण केन्द्र शुरू किए जाए। इससे आसपास के गांवों के छोटे-छोटे दुधारू पशुपालक किसानों को फायदा होगा। बैठक में नये मिल्क रूट शुरू करने का निर्णय भी लिया गया। श्री अग्रवाल ने जिलों में मिल्क चिलिंग सेंटर खोलने के लिए कार्य योजना बनाने के निर्देश अधिकारियों को दिए। डेयरी व्यवसाय के लिए 50 प्रतिशत अनुदान पर पांच लाख रूपए की ऋण देने की योजना की मंजूरी भी बैठक में दी गई।
मछली पालन विभाग के काम-काज की समीक्षा के दौरान प्रदेश के प्रमुख जलाशयों में केज कल्चर यूनिट स्थापित करने की कार्ययोजना को मंजूरी दी गई। बैठक में बताया गया कि राज्य के लगभग आठ सौ मछली पालक विद्युतीकृत नलकुप का उपयोग कर रहे इन्हें प्रति यूनिट ढाई रूपए का अनुदान देने का प्रस्ताव तैयार कर राज्य शासन को भेजा गया है। मत्स्य महासंघ द्वारा प्रत्येक जिले में आवश्यकतानुसार एक या एक से अधिक फिश आउटलेट खोले जाएंगे। इसी तरह रायपुरए बिलासपुर और दुर्ग की भांति प्रदेश के अन्य जिलों में भी मछली का हाईजेनिक होलसेल मार्केट खोलने का प्रस्ताव तैयार किए गए।