छत्तीसगढ़ में स्थापित होगा चौथा शक्कर कारखाना
रायपुर, 18 जून 2014/ मुख्यमंत्री डाॅ. रमन सिंह ने राज्य में सहकारिता के क्षेत्र में चौथे शक्कर कारखाने की स्थापना के संकेत दिए हैं। उन्होंने कहा है कि राज्य सरकार किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए खेती पर आधारित उद्योगों को बढ़ावा देने के हर संभव उपाय कर रही है। यह हमारी सर्वोच्च प्राथमिकताओं में है। इसी कड़ी में कबीरधाम (कवर्धा) जिले में गन्ने का रकबा बढ़ने और उसकी रिकार्ड पैदावार को देखते हुए वहां सहकारिता के क्षेत्र में एक और शक्कर कारखाने की स्थापना के बारे में भी जनप्रतिनिधियों की मांग पर गंभीरता से विचार किया जाएगा। राज्य में इस समय तीन सहकारी शक्कर कारखाने कबीरधाम, सूरजपुर और बालोद जिले में चल रहे हैं।
मुख्यमंत्री आज कबीरधाम जिले के प्रवास के दौरान जिला मुख्यालय कवर्धा के गांधी मैदान में किसान मेले के रूप में आयोजित किसानों के विशाल सम्मेलन को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने लोकसभा सांसद श्री अभिषेक सिंह और पण्डरिया के विधायक श्री मोतीराम चन्द्रवंशी द्वारा कबीरधाम जिले में वर्तमान में संचालित भोरमदेव सहकारी शक्कर कारखाने के अलावा एक और शक्कर कारखाने की मांग किए जाने पर कहा कि किसानों के हित में यह मांग उचित है। अगर इस जिले के किसान नये शक्कर कारखाने की स्थापना के लिए सहकारी समिति बनाकर अधिक से अधिक शेयर खरीदें, तोे उनका यह सपना जल्द साकार होगा। सरकार इसमें उनकी पूरी मदद करेगी।
डाॅ. सिंह ने इस मौके पर जिले की जनता को लगभग 29 करोड़ 34 लाख रूपए के विकास और निर्माण कार्यो की सौगातें दी। उन्होंने इनमें से कवर्धा के नजदीक ग्राम खैरबनाकला में एक करोड़ 05 लाख रूपए की लागत से औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आई.टी.आई.) के लिए निर्मित 50 सीटों वाले छात्रावास भवन, 87 लाख 20 हजार रूपए की जागत से निर्मित जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र भवन और कवर्धा के इन्डोर स्टेडियम में एक करोड़ 94 लाख रूपए की लागत से निर्मित स्वीमिंग पुल का लोकार्पण किया। मुख्यमंत्री ने प्रवास के दौरान कवर्धा के निकटवर्ती ग्राम सेवाई कछार में शासकीय मछली पालन महाविद्यालय के लिए 23 करोड़ 23 लाख रूपए की लागत से बनने वाले भवन और ग्राम महाराजपुर में दो करोड़ 34 लाख रूपए की लागत से बनने वाले जिला पंचायत संसाधन केन्द्र भवन का भूमिपूजन और शिलान्यास किया। रिमझिम बारिश के बीच उन्होंने जिला स्तरीय विशाल किसान सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए कहा कि इन सभी सार्वजनिक संस्थाओं के सरकारी भवनों की जरूरत लम्बे समय से महसूस की जा रही थी। आज इनके लोकार्पण और भूमिपूजन से लोगों का इन्तजार खत्म हुआ। डाॅ. सिंह ने अधिकारियों से कहा कि आज जिन भवनों का भूमिपूजन और शिलान्यास हुआ है, इनका निर्माण युद्ध स्तर पर पूर्ण किया जाए। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर शाला प्रवेश उत्सव के तहत स्थानीय बच्चों को आशीर्वाद प्रदान कर और मिठाई खिलाकर स्कूलों में प्रवेश दिलाया।
किसानों के सम्मेलन में मुख्यमंत्री ने कृषि विभाग की विभिन्न अनुदान योजनाओं के तहत 172 किसानों को 18 लाख 26 हजार रूपए के सिंचाई पम्पों, उन्नत कृषि उपकरणों और धान तथा मक्का के उन्नत बीजों का वितरण किया। उन्होंने छह महिला स्व-सहायता समूहों को विभिन्न व्यवसायों के लिए तीन लाख रूपए के ऋण भी वितरित किए। डाॅ. सिंह ने जिले के दो प्रगतिशील किसानों को कृषि विभाग की ओर से प्रशस्ति भेंटकर सम्मानित किया। मुख्यमंत्री ने सम्मेलन में कहा कि राज्य सरकार ने छत्तीसगढ़ के युवाओं को रोजगार और स्वरोजगार से जोड़ने के लिए कई कदम उठाए हैं। छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य है, जिसने युवाओं के लिए कानून बनाकर उन्हें कौशल विकास का अधिकार दिया है। इस कानून के तहत हमारे युवाओं को मन पसंद व्यवसायों में प्रशिक्षण प्राप्त करने का अधिकार मिला है। उनके लिए राज्य के सभी 27 जिलों में आजीविका प्रशिक्षण काॅलेज (लाइवलीहुड काॅलेज) खोले जा रहे हैं। अब तक दस जिलों में इनकी स्थापना हो चुकी है। कृषि और जल संसाधन मंत्री श्री बृजमोहन अग्रवाल ने किसान मेले को सम्बोधित करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री डाॅ. रमन सिंह के नेतृत्व में राज्य सरकार ने विगत दस वर्षो में कबीरधाम सहित छत्तीसगढ़ के सभी जिलों में किसानों की बेहतरी से संबंधित योजनाओं को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। दस वर्ष पहले हमारे किसानों को सहकारी समितियों में 14-15 प्रतिशत वार्षिक ब्याज पर ऋण मिलता था। उन्हें खेती की बढ़ती लागत के बोझ से राहत देने के लिए मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप ब्याज दरों में लगातार कमी की गयी। उन्हें मात्र एक प्रतिशत की दर पर ऋण सुविधा देने के बाद अब इस वित्तीय वर्ष से ब्याज मुक्त ऋण देने का निर्णय लिया गया है। श्री अग्रवाल ने कहा कि राज्य को धान की रिकार्ड पैदावार के लिए केन्द्र सरकार से दो बार राष्ट्रीय कृषि कर्मण पुरस्कार मिल चुका है। किसानों को कृषि उपकरणों पर अनुदान सहित धान, सोयाबीन और दलहन-तिलहन के उन्नत बीज भी दिए जा रहे हैं। राजनांदगांव क्षेत्र के लोकसभा सांसद श्री अभिषेक सिंह ने भी सम्मेलन को सम्बोधित किया। उन्होंने कहा कि कबीरधाम जिले के किसानों ने धान के साथ-साथ गन्ने की खेती में भी काफी दिलचस्पी ली है। इस जिले में गन्ने का रकबा हर साल तेजी से बढ़ रहा है। इसे देखते हुए यहां एक अतिरिक्त शक्कर कारखाने की जरूरत है, ताकि किसानों को उनकी फसल का वाजिब मूल्य मिल सके। सम्मेलन को कवर्धा के विधायक श्री अशोक साहू और पण्डरिया के विधायक श्री मोतीराम चन्द्रवंशी ने भी सम्बोधित किया। इस अवसर पर भोरमदेव सहकारी शक्कर कारखाने के अध्यक्ष श्री रघुराज सिंह, जिला पंचायत के कार्यकारी अध्यक्ष श्री विदेशी राम धुर्वे, माटीकला बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष श्री गजानन कुंभकार, राज्य युवा आयोग के पूर्व अध्यक्ष श्री संतोष पाण्डेय सहित जिले के अनेक जनप्रतिनिधि, विभिन्न संस्थाओं के पदाधिकारी और हजारों की संख्या में किसान उपस्थित थे। कलेक्टर श्री पी. दयानंद ने आज के कार्यक्रमों का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया।