छत्तीसगढ़ में 16.53 लाख लोगों को सरकार रही है मासिक पेंशन
रायपुर, 29 जून 2014/ राज्य सरकार द्वारा संचालित सामाजिक सुरक्षा की पांच विभिन्न पेंशन योजनाओं में छत्तीसगढ़ के सोलह लाख 53 हजार जरूरतमंद लोगों को मासिक पेंशन दी जा रही है। इनमें से छह लाख 87 हजार लोगों को राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना, पांच लाख 38 हजार लोगों को सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना, दो लाख 55 हजार महिलाओं को सुखद सहारा योजना, एक लाख 35 हजार विधवाओं को राष्ट्रीय विधवा पेंशन योजना और एक लाख 38 हजार निःशक्तजनों को राष्ट्रीय निःशक्तजन पेंशन योजना का लाभ मिल रहा है।
प्रदेश सरकार के समाज कल्याण संचालनालय के अधिकारियों ने आज यहां बताया कि राज्य सरकार ने सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना और सुखद सहारा पेंशन योजना की पात्रता में कुछ संशोधन किया है। इसके फलस्वरूप इनमें पात्रता का दायरा बढ़ा है। सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना में वर्तमान में 60 वर्ष या उससे अधिक आयु के निराश्रित वृद्धजनों, 50 वर्ष या उससे अधिक आयु की निराश्रित विधवा अथवा परित्यक्त महिलाओं, छह वर्ष से 14 वर्ष आयु समूह के निराश्रित स्कूली बच्चों और गरीबी रेखा श्रेणी के परिवारों के निराश्रित बच्चों तथा 14 वर्ष से अधिक उम्र के निराश्रित निःशक्तजनों तथा बौने व्यक्तियों को हर महीने तीन सौ रूपए की पेंशन की पात्रता है। राज्य सरकार द्वारा संशोधित पात्रता के अनुसार अब इस योजना में छह वर्ष से 17 वर्ष आयु समूह के गरीबी रेखा श्रेणी के परिवारों के निःशक्त बच्चों को इसका लाभ मिलेगा, लेकिन छह से 14 वर्ष आयु वर्ग के ऐसे निःशक्त बच्चे जो अध्ययनरत नहीं है, उन्हें इसकी पात्रता नही होगी। इसके अलावा 18 वर्ष या अधिक आयु के गरीबी रेखा श्रेणी परिवारों के सामान्य निःशक्त व्यक्तियों, गरीबी रेखा श्रेणी के बौने व्यक्तियों को इस योजना का लाभ मिलेगा। केन्द्रीय पेंशन योजनाओं का राज्यांश इस योजना से देय होगा। अधिकारियों ने बताया कि सुखद सहारा पेंशन योजना वर्तमान में 18 वर्ष से 50 वर्ष आयु की निराश्रित विधवाओं और परित्यक्त महिलाओं के लिए संचालित है। इसमें संशोधित पात्रता के अनुसार अब 18 वर्ष से 39 वर्ष आयु की गरीबी रेखा श्रेणी परिवारों की विधवा और 18 वर्ष या उससे अधिक आयु समूह की गरीबी रेखा (बी.पी.एल.) श्रेणी की परित्यक्त महिलाओं को इसका लाभ मिलेगा।
दोनों योजनाओं में संशोधनों के फलस्वरूप अब हितग्राहियों की पात्रता का दायरा बढ़ा है । इससे अब और भी अधिक संख्या में हितग्राहियों को इसका लाभ मिलेगा। संशोधित पात्रताओं के अनुसार सुखद सहारा योजना में 18 वर्ष से 39 वर्ष आयु वर्ग की निराश्रित विधवाओं के स्थान पर गरीबी रेखा (बी.पी.एल.)श्रेणी की समस्त विधवाओं को योजना का लाभ मिलेगा। इसके अलावा 18 वर्ष से अधिक उम्र की निराश्रित परित्यक्ता के स्थान पर समस्त गरीबी रेखा (बी.पी.एल.) श्रेणी की परित्यक्त महिलाओं को भी इसका फायदा मिलेगा। इसके साथ ही सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना में 14 वर्ष से अधिक उम्र के निराश्रित निःशक्तजन के स्थान पर गरीबी रेखा (बी.पी.एल.)श्रेणी के समस्त निःशक्तजनों को योजना का लाभ मिलेगा। बी.पी.एल. श्रेणी के सभी बौने बंधुओं को भी सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना का लाभ मिलेगा। संशोधित पात्रता इस वर्ष 28 अप्रैल से लागू हो गई है। इन योजनाओं के अंतर्गत संशोधन आदेश की तारीख से पहले के निराश्रितों को उनकी पात्रता के आधार पर स्वीकृत पेंशन यथावत मिलती रहेगी।
यह भी उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना में गरीबी रेखा श्रेणी के तहत 60 वर्ष से 79 वर्ष आयु वर्ग के वृद्धजनों को तीन सौ रूपए और 80 वर्ष या उससे अधिक उम्र के वृद्धजनों को छह सौ रूपए की दर से मासिक पेंशन दी जाती है। इसमें 100 रूपए का अंशदान राज्य शासन द्वारा किया जाता है। राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना में गरीबी रेखा श्रेणी के परिवारों की 40 वर्ष से 79 वर्ष आयु वर्ग की प्रत्येक विधवा को तीन सौ रूपए मासिक पेंशन की पात्रता है। राष्ट्रीय निःशक्तजन पेंशन योजना में गरीबी रेखा श्रेणी के 18 वर्ष से 79 वर्ष आयु वर्ग के गंभीर निःशक्त अर्थात 80 प्रतिशत से अधिक विकलांगता वाले और बहुनिःशक्त लोगों को तीन सौ रूपए की दर से मासिक पेंशन दी जा रही है।