छत्तीसगढ़ में एक हजार किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्गो का होगा उन्नयन
रायपुर, 19 नवम्बर 2014/ केन्द्रीय राष्ट्रीय राजमार्ग एवं भू-तल परिवहन मंत्रालय द्वारा छत्तीसगढ़ से गुजरने वाले लगभग एक हजार किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्गो का पुनर्निर्माण तथा उन्नयन के लिए लगभग पांच हजार करोड़ रूपए व्यय किए जाएंगे। मंत्रालय द्वारा संचालित राष्ट्रीय राजमार्ग विकास कार्यक्रम के तहत प्रदेश के सात राष्ट्रीय राजमार्गो को शामिल किया गया है। राज्य शासन के लोक निर्माण विभाग के प्रमुख सचिव श्री अमिताभ जैन ने आज यहां नवीन विश्राम गृह में इन सड़कों के निर्माण की प्रगति की समीक्षा की।
बैठक में बताया गया कि राष्ट्रीय राजमार्ग विकास कार्यक्रम के तहत केन्द्र सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ में कुल तीन सौ किलोमीटर लम्बाई के तीन मार्गो (धमतरी-जगदलपुर, सिमगा-कवर्धा और सरायपाली-सारंगढ़-रायगढ़) के उन्नयन के लिए लगभग एक हजार सात सौ करोड़ रूपए की स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है। शेष सात सौ किलोमीटर लम्बाई के चार अन्य राष्ट्रीय राजमार्गो के उन्नयन के लिए कार्रवाई की जा रही है। बैठक में सचिव वन श्री मुदित कुमार सिंह और राष्ट्रीय राजमार्ग विकास कार्यक्रम नई दिल्ली के मुख्य अभियंता श्री ए.के. नागपाल भी उपस्थित थे।
प्रमुख सचिव लोक निर्माण श्री अमिताभ जैन ने राष्ट्रीय राजमार्ग विकास कार्यक्रम के तहत शामिल सड़कों के निर्माण की प्रगति की समीक्षा करते हुए इनसे संबंधित अधीक्षण अभियंताओं और कार्यपालन अभियंताओं से कहा कि इन सड़कों के निर्माण से संबंधित समस्त प्रक्रियाएं जैसे भूमि अधिग्रहण, वन एवं पर्यावरण मंत्रालय से अनापत्ति आदि के लिए तेजी से प्रयास करें। उन्होंने कहा कि इन सड़कों के निर्माण से राज्य की जनता को तीव्र और सुगम यातायात की सुविधा उपलब्ध होगी इसलिए इनका निर्माण जल्द से जल्द पूरा किया जाना चाहिए। सचिव वन श्री मुदित कुमार सिंह ने कहा कि वन एवं पर्यावरण मंत्रालय द्वारा अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए उनकी वेबसाइट पर आॅन लाइन आवेदन किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि राज्य के वन क्षेत्रों विशेषकर वन्य प्राणी संरक्षित क्षेत्रों से गुजरने वाले राष्ट्रीय राजमार्गो के उन्नयन के लिए यह अनापत्ति लिया जाना जरूरी है। उन्होंने इस कार्य में वन विभाग की तरफ से समुचित सहयोग दिए जाने का आश्वासन दिया। उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय राजमार्ग विकास कार्यक्रम के तहत छत्तीसगढ़ के सात मार्गो को चयनित किया गया है, जिनमें धमतरी-जगदलपुर (लम्बाई-216 किलोमीटर, सिमगा-चिल्पी (125 किलोमीटर), सरायपाली-सारंगढ़-रायगढ़ (91 किलोमीटर), बिलासपुर-कटघोरा-अम्बिकापुर (141 किलोमीटर), बिलासपुर-रायगढ़-ओडि़शा सीमा (197 किलोमीटर), अम्बिकापुर-पत्थलगांव (82 किलोमीटर), पत्थलगांव से झारखण्ड सीमा (160 किलोमीटर) शामिल है।