छत्तीसगढ़ के हस्त शिल्प विकास हेतु कटिबद्ध मेजर अनिल सिंग
प्रदेश में हस्तशिल्प से जुड़े मेहनतकश कलाकारों के क्षमता विकास और तकनीकी उन्नयन के लिए किए जा रहे प्रयासों से छत्तीसगढ़ की हस्तकला और कलाकारों को एक नई पहचान मिली है। प्रदेश और देश में ही नहीं बल्कि आज विदेषों में भी छत्तीसगढ़ के कलाकारों द्वारा निर्मित बेलमेटल, टेराकोटा, बांसशिल्प और काष्ठशिल्प के सामानों की मांग बढ़ी है। यह विचार राज्य शासन के संसदीय सचिव श्री भैयालाल राजवाड़े ने कल कोरिया जिले के मुख्यालय बैकुण्ठपुर के मानस भवन में छत्तीसगढ़ हस्तशिल्प विकास बोर्ड द्वारा संचालित योजनाओं के तहत जिले के कुम्भकारों को विद्युत से चलने वाले और बैयरिंग युक्त चॉक का वितरण करते हुए व्यक्त किए। इस अवसर पर कार्यक्रम की अध्यक्षता छत्तीसगढ़ हस्तशिल्प विकास बोर्ड के अध्यक्ष मेजर अनिल सिंह ने की। छत्तीसगढ़ हस्तशिल्प विकास बोर्ड द्वारा इस अवसर पर कोरिया जिले के बैकुण्ठपुर और सोनहत विकासखण्ड के मिट्टी शिल्प के कलाकारों और कुम्भकारों को बहुत कम समय में मिट्टी के बर्तन और सजावट के समान तैयार करने के लिए विद्युत से चलने वाले 43 चॉक तथा 27 शिल्पकारों को बैयरिंग युक्त चॉक नि:षुल्क प्रदान किया गया। संसदीय सचिव ने इस अवसर पर कहा कि हर व्यक्ति में कुछ न कुछ हुनर या कला छिपी होती है परंतु संसाधनों और सही मार्गदर्षन के अभाव के कारण वह उभर नही पाती। प्रदेष के मुखिया डॉ. रमन सिंह की मंषा के अनुरूप और मेजर अनिल सिंह के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ हस्तशिल्प विकास बोर्ड द्वारा प्रदेष के कोने-कोने में छिपी प्रतिभाओं को न केवल उभारा जा रहा है बल्कि उनके विकास और उन कलाओं से जड़े लोगों को आर्थिक रूप से मजबूत कर समाज में उन्हें एक नई पहचान भी दिलायी जा रही है। राज्य सरकार द्वारा हस्तशिल्प व्यवसाय को बढ़ावा देने के साथ ही शिल्पकारों को उनके द्वारा निर्मित सामग्रियों का सही मूल्य दिलाने की व्यवस्था भी की गयी है। विद्युत चलित और बैयरिंग युक्त चॉक मिलने से शिल्पकार न केवल कम समय और मेहनत में सामग्रियॉ तैयार कर सकेंगे बल्कि अच्छी गुणवत्ता और डिजाईन की आकर्षक वस्तुएं भी बना सकेंगे जिसका बाजार में दाम भी इन्हें अधिक मिल सकेगा। छत्तीसगढ़ हस्तशिल्प विकास बोर्ड के अध्यक्ष मेजर अनिल सिंह ने इस अवसर पर कहा कि हस्तशिल्प से जुड़े कलाकारों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने राज्य सरकार संकल्पित है। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह द्वारा गरीब परिवारों को एक और दो रूपए किलों में हर माह 35 किलो चावल प्रदान करने से अब ये कलाकार अपनी कलाओं के विकास में भी पर्याप्त समय दे पा रहे है। हस्त शिल्प विकास बोर्ड इन कलाकारों के क्षमता विकास के साथ ही उन्हें आवष्यक तकनीकी मार्गदर्षन भी प्रदान कर रहा है, जिससे जहॉ पहले ये माह में तीन से चार हजार रूपए ही आमदनी प्राप्त कर पाते थे, वहीं आज ये दस से बारह हजार रूपए तक आमदनी प्राप्त कर रहे है। उन्होंने बताया कि प्रदेष के रायगढ़ जिले में बेलमेटल कला से जुड़े कलाकारों के आर्थिक उन्नयन के लिए किए गए उल्लेखनीय कार्य के लिए बोर्ड को गत वर्ष राष्ट्रपति के हाथों राष्ट्रीय पुरस्कार से भी नवाजा गया है। इस अवसर पर जिला पंचायत कोरिया की अध्यक्ष श्रीमती चंपादेवी सिंह, नगर निगम चिरमिरी के महापौर श्री डमरू बेहरा तथा पूर्व विधायक श्री द्वारका प्रसाद गुप्ता विषिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थे।