ई-नाम में सबसे बेहतर प्रदर्शन : छत्तीसगढ़
रायपुर, 20 सितंबर 2017/ राष्ट्रीय कृषि बाजार (ई-नाम) में देश में सबसे बेहतर प्रदर्शन के लिए छत्तीसगढ़ की सराहना आज केन्द्रीय कृषि मंत्री श्री राधा मोहन सिंह ने की है। उन्होने कहा कि ई -नाम के तहत छत्तीसगढ़ ने अपनी 14 मंडियो को पूरी तरह कम्प्यूटरीकृत कर दिया है। और ऐसा करने वाला छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य है। आज नई दिल्ली के कृषि भवन में आयोजित राष्ट्रीय कृषि बाजार (ई- नाम) के क्रियान्वयन के समीक्षा बैठक आयोजित हुई । छत्तीसगढ़ के कृषि मंत्री बृजमोहन अग्रवाल बैठक में शामिल हुए। उन्होने ई-नाम पर महत्वपूर्ण सुझाव देते हुए राज्य में योजना के विस्तृत क्रियान्वयन जानकारी दी। बैठक में केन्द्रीय कृषि राज्य मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत, उत्तरप्रदेश, उड़ीसा के कृषि मंत्री सहित राज्यों से आए कृषि विभाग के वरिष्ठ आधिकारीगण उपस्थित थे।
श्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि, ई-नाम के अंतर्गत नया मॉडल एक्ट , एपीएमसी (एग्रीकल्चर प्रोडयूस मार्केट कमेटी) के 75 प्रतिशत सुझावो को छत्तीसगढ़ स्वीकार कर रहा है । और राज्य में इस एक्ट को क्रियान्वित भी बेहतर ढंग से किया जा रहा है। इस नए एक्ट के अंतर्गत किसानो को कृषि उपज की सीधी बिक्री की सुविधा , किसान-उपभोक्ता बाजारो की स्थापना की मंजूरी , कृषि जिंसो में ई-कारोबार आदि विभिन्न सुधार शामिल है। श्री अग्रवाल ने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का सपना है कि वर्ष 2022 तक किसानो की आय दुगनी हो जाए और किसान विकास की मुख्यधारा का हिस्सा बने। उन्होने कहा की छत्तीसगढ़ में इसके लिए व्यापक कार्य योजना बनाकर कार्य किया जा रहा है। ई-नाम इसी दिशा में उठाया गया एक कदम हैं। इसमें किसानो को उनकी उपज का बेहतर मूल्य दिलाने तथा पारदर्शी विपणन के लिए मंडियो को ऑन जोडकर ऑन लाईन व्यापार की सुविधा दी जा रही है।
श्री अग्रवाल ने बताया कि राज्य में 15 जुलाई 2017 से 15 सितंबर 2017 तक ई-नाम में 63 प्रतिशत व्यापार किया गया । श्री अग्रवाल ने सुझाव देते हुए कहा कि ई-नाम में राज्यो को उनकी आवश्यकता अनुसार सुधार करने की व्यावस्था दी जानी चाहिए। उन्होने कहा कि इसमे किए गए व्यापार में भुगतान के लिए दिए गए एक दिन के समय को बदलकर पेमेंट के लिए कम से कम 14 दिन का समय देना चाहिए। उन्होने कहा कि राज्यो की अलग-अलग परिस्थितियां व जरूरते है । छत्तीसगढ़ आदिवासी बाहुल्य राज्य है अतः राज्य को आवश्कता अनुसार ई-नाम में सुधार किए जाने का अधिकार प्रदान किया जाए। उल्लेखनीय है कि देश में राष्ट्रीय कृषि बाजार में फलो , सब्जियो , मसालो , अनाजो ,दलहन और तिलहन समेत लगभग 69 से अधिक जिन्सो का व्यापार किया जा रहा है अन्य कृषि उत्पादो को भी इस में जोडे जाने का कार्य किया जा रहा है।
श्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि, ई-नाम के अंतर्गत नया मॉडल एक्ट , एपीएमसी (एग्रीकल्चर प्रोडयूस मार्केट कमेटी) के 75 प्रतिशत सुझावो को छत्तीसगढ़ स्वीकार कर रहा है । और राज्य में इस एक्ट को क्रियान्वित भी बेहतर ढंग से किया जा रहा है। इस नए एक्ट के अंतर्गत किसानो को कृषि उपज की सीधी बिक्री की सुविधा , किसान-उपभोक्ता बाजारो की स्थापना की मंजूरी , कृषि जिंसो में ई-कारोबार आदि विभिन्न सुधार शामिल है। श्री अग्रवाल ने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का सपना है कि वर्ष 2022 तक किसानो की आय दुगनी हो जाए और किसान विकास की मुख्यधारा का हिस्सा बने। उन्होने कहा की छत्तीसगढ़ में इसके लिए व्यापक कार्य योजना बनाकर कार्य किया जा रहा है। ई-नाम इसी दिशा में उठाया गया एक कदम हैं। इसमें किसानो को उनकी उपज का बेहतर मूल्य दिलाने तथा पारदर्शी विपणन के लिए मंडियो को ऑन जोडकर ऑन लाईन व्यापार की सुविधा दी जा रही है।
श्री अग्रवाल ने बताया कि राज्य में 15 जुलाई 2017 से 15 सितंबर 2017 तक ई-नाम में 63 प्रतिशत व्यापार किया गया । श्री अग्रवाल ने सुझाव देते हुए कहा कि ई-नाम में राज्यो को उनकी आवश्यकता अनुसार सुधार करने की व्यावस्था दी जानी चाहिए। उन्होने कहा कि इसमे किए गए व्यापार में भुगतान के लिए दिए गए एक दिन के समय को बदलकर पेमेंट के लिए कम से कम 14 दिन का समय देना चाहिए। उन्होने कहा कि राज्यो की अलग-अलग परिस्थितियां व जरूरते है । छत्तीसगढ़ आदिवासी बाहुल्य राज्य है अतः राज्य को आवश्कता अनुसार ई-नाम में सुधार किए जाने का अधिकार प्रदान किया जाए। उल्लेखनीय है कि देश में राष्ट्रीय कृषि बाजार में फलो , सब्जियो , मसालो , अनाजो ,दलहन और तिलहन समेत लगभग 69 से अधिक जिन्सो का व्यापार किया जा रहा है अन्य कृषि उत्पादो को भी इस में जोडे जाने का कार्य किया जा रहा है।