इस वर्ष जल्द ही पडने लगेगी ठंड
कभी अतिवृष्टि तो कभी अनावृष्टि को झेलना भारतवर्ष की मजबूरी रही है। इसी वर्ष जुलाई से सितंबर तक होनेवाले लगातार बारिश से देश के विभिन्न भागों में लोग परेशान रहें। जहां गांव के कृषकों को खेत की अधिकांश फसलों का नुकसान झेलना पडा , वहीं शहरों के लोगों का भी जनजीवन बारिश के कारण अस्त व्यस्त रहा। एक महीने से बारिश थमी है , जिससे लगभग हर क्षेत्र में साफ सफाई हो चुकी है और लोग सुहावने मौसम का तथा सारे त्यौहारों का आनंद एक साथ ले पा रहे हैं। बारिश से बच गए फसल खलिहान में आ चुके हैं और उन्हें देखकर ही किसानों को संतुष्टि बनी हुई है। हाल के वर्षों में ठंड देर से यानि मध्य दिसंबर में ही पड रही है और इस कारण त्यौहारों की समाप्ति के बाद लोग निश्चिंत हैं।
पर ‘गत्यात्मक ज्योतिष’ की मानें तो इस वर्ष ठंड बहुत जल्द शुरू हो सकती है। 9 नवंबर से ही ग्रहीय स्थिति कुछ इस तरह की बनेगी कि मौसम में बडा परिवर्तन देखने को मिलेगा। ठंड बढाने वाले हर कारकों के इस दिन क्रियाशील होने से मौसम में बडा परिवर्तन देखने को मिलेगा। पहाडी क्षेत्रों में बर्फ पड सकती है , मैदानी भागों में बारिश , ओले तथा तटीय प्रदेशों में तूफान .. इसके कारण भारतवर्ष के अधिकांश भागों का मौसम बिगड जाएगा और ठंड बढ जाएगी। ठंड की शुरूआत यहीं से हो जाने के बावजूद दो चार दिनों के बाद मौसम कुछ सामान्य दिखता है , पर पुन: एकबार 25 नवंबर से वातावरण का तापमान कम होना आरंभ होगा और दिसंबर का पहला सप्ताह इस वर्ष के सर्वाधिक ठंडे दिनों में से एक होगा। यही नहीं , इस समय चिडचिडाने वाली बारिश की भी संभावना है। इसी समय किसानों की खरीफ की फसल खलिहानों में रहती है , हल्की सी बरसात उसकी गुणवत्ता बिगाड सकती है, अधिक होने से तो अनाज के सडने का ही भय है। मौसम के इस रवैये से उन्हें अच्छा नुकसान झेलने को बाध्य होना पड सकता है।
8 दिसंबर तक की कडकडाती ठंड को झेलने के बाद आमजन को ठंड से थोडी राहत मिलनी आरंभ होगी। पर समस्या के समाप्त होने की उम्मीद नहीं दिखती। 27 दिसंबर के आसपास पुन: मौसम को खराब बनाने के सभी कारक काम करना आरंभ करेंगे , जैसे तेज हवाओं का चलना , बादलों का बनना , आंधी और बारिश का होना , बर्फ गिरना आदि , जिससे लगभग पूरे देश का तापमान कम होगा और लोगों को दो चार दिन ठंड झेलने को मजबूर होना पडेगा। पर जैसे ठंड की शुरूआत जल्द होगी , वैसे ही इसका अंत भी जल्द आएगा और जनवरी से ही मौसम काफी अच्छा हो जाएगा। 10 जनवरी के आसपास से ही पुन: मौसम के सुहावने हो जाने से लोगों को राहत मिलनी आरंभ हो जाएगी। उसके बाद का मौसम सामान्य तौर का होगा। यानि कि इस वर्ष पिकनिक मनाने के भरपूर अवसर मिलेंगे।